हिन्दू धर्म में एकादशी की तिथि को बहुत खास माना जाता है। एकादशी को हिन्दू पंचांग के अनुसार महीने का ग्यारवां दिन माना जाता है। हर महीने में कृष्ण एवं शुक्ल पक्ष की एक-एक एकादशी आती है। हर एकादशी अपना एक अलग महत्त्व होता है। आगामी त्यौहारों की अगली सूचि में आज हम आपको मार्गशीर्ष मास में आने वाली शुक्ल पक्ष की एकादशी के बारे में बताने जा रहे है।
मार्गशीर्ष का महीना धार्मिक दृष्टिकोण से बहुत अधिक महत्वपूर्ण माना गया है। इस माह में आने वाली शुक्ल एकादशी तिथि को मोक्षदा एकादशी कहा जाता है। धर्मशास्त्रों में इस एकादशी को मोक्ष प्रदान करने वाली एकादशी माना गया है। एकादशी के दिन खास तौर पर भगवान विष्णु और उनके अवतार भगवान श्री कृष्ण की आराधना की जाती है। ऐसे में इस दिन व्रत व पूजन करने से व्यक्ति की सभी मनोकामनाएं पूर्ण होती है।
मोक्षदा एकादशी के दिन ही गीता जयंती का पर्व भी मनाया जाता है। यह वही दिन है, जब वासुदेव ने अर्जुन को कुरुक्षेत्र में गीता का उपदेश सुनाया था। आइये जानते है, इस साल मोक्षदा एकादशी का व्रत कब रखा जाएगा और इसका शुभ मुहूर्त क्या है। इसके साथ ही, यहां हम आपको इस व्रत को रखने के लाभ के बारे में भी जानकारी देंगे ।
मार्गशीर्ष माह के शुक्ल एकादशी के दिन शुक्ल एकादशी का व्रत रखा जाता है। इस साल 3 दिसंबर 2022 (mokshada ekadashi date) के दिन मोक्षदा एकादशी का यह व्रत रखा जाएगा।
मोक्षदा एकादशी क समय इस प्रकार है-
मोक्षदा एकादशी तिथि शुरुआत - 3 दिसम्बर 2022, शाम 5 बजकर 39 मिनट से
मोक्षदा एकादशी तिथि समापन - 4 दिसम्बर 2022, शाम रात 5 बजकर 34 मिनट तक
• इस व्रत का श्रद्धापूर्वक पालन करने से पूर्वजों को मोक्ष की प्राप्ति होती है।
• मोक्षदा एकादशी के इस व्रत को रखने से सभी पापों का नाश हो जाता है।
• मोक्षदा एकादशी के दिन दान करने से बहुत से शुभ फलों की प्राप्ति होती है।
• इस व्रत को विधि-विधान से रखने को भगवान विष्णु की विशेष कृपा प्राप्ति होती है।
• मोक्षदा एकादशी के दिन विष्णु सहस्त्रनाम का पाठ करने से भगवान विष्णु प्रसन्न होते है।