माँ दुर्गा को देवी आदिशक्ति का अवतार माना जाता है और यह शक्ति, साहस और दृढ़ विश्वास का प्रतिनिधित्व करती हैं।
हिन्दू धर्म में मासिक दुर्गा अष्टमी व्रत का विशेष महत्व है। हर महीने की शुक्ल पक्ष की अष्टमी तिथि को मां दुर्गा को समर्पित दुर्गा अष्टमी का व्रत रखा जाता है। यह व्रत शक्ति, साहस और समृद्धि प्राप्ति के लिए बहुत ही महत्वपूर्ण माना जाता है। मासिक दुर्गाष्टमी व्रत (2024 Masik Durga Ashtmi Vrat) मां दुर्गा की पूजा का व्रत है।इस दिन भक्त विधि-विधान से मां दुर्गा का पूजन करते हैं, उपवास रखते हैं और देवी से प्रार्थना करते हैं। मान्यता है कि यदि देवी प्रसन्न हो जाएं तो वे अपने भक्तों को सफलता, सुख-समृद्धि और शांति का आशीर्वाद प्रदान करती हैं।
माँ दुर्गा को देवी आदिशक्ति का अवतार माना जाता है और यह शक्ति, साहस और दृढ़ विश्वास का प्रतिनिधित्व करती हैं। देवी की उत्पत्ति ब्रह्मा, विष्णु और महेश की त्रिमूर्ति में मानी जाती है। धार्मिक मान्यता के अनुसार, देवी दुर्गा बुराई पर अच्छाई की विजय के लिए ही इस दुनिया में आई थीं। इस कारण देवी के भक्तों के लिए इस अष्टमी व्रत का बहुत महत्व है।
दुर्गा अष्टमी व्रत देवी शक्ति (Devi Durga) को समर्पित एक महत्वपूर्ण हिंदू अनुष्ठान है। मासिक दुर्गा अष्टमी एक मासिक कार्यक्रम है जो हिंदू कैलेंडर के हर महीने के शुक्ल पक्ष की अष्टमी तिथि (8वें दिन) को मनाया जाता है। सभी दुर्गा अष्टमी दिनों में से, आश्विन माह की शुक्ल पक्ष अष्टमी सबसे लोकप्रिय है और इसे महा अष्टमी या केवल दुर्गाष्टमी कहा जाता है। दुर्गा अष्टमी 9 दिवसीय नवरात्रि उत्सव के आखिरी 5 दिनों में आती है। इस महीने दुर्गा अष्टमी व्रत 13 अगस्त, मंगलवार को है व्रत का शुभ मुहूर्त कुछ इस प्रकार है :
अष्टमी तिथि प्रारंभ समय: 12 अगस्त, 07:55 AM
अष्टमी तिथि समापन समय: 13 अगस्त, 09:31 AM
मासिक दुर्गा अष्टमी व्रत की पूजा (durga ashtami puja) विधि सरल है, लेकिन इसे पूरी श्रद्धा और भक्ति के साथ किया जाना चाहिए। यहाँ पूजा विधि दी जा रही है:
1. दुर्गा अष्टमी व्रत के दिन सुबह जल्दी उठकर स्नान करें और स्वच्छ वस्त्र धारण करें।
2. पूजा के लिए एक स्वच्छ स्थान पर माँ दुर्गा की मूर्ति या चित्र स्थापित करें।
3. माँ दुर्गा की आरती करें और दीपक जलाएं।
4. माँ दुर्गा की मूर्ति या चित्र को पंचामृत (दूध, दही, घी, शहद और शक्कर) से स्नान कराएं।
5. माँ दुर्गा को फूल और बेलपत्र अर्पित करें।
6. दुर्गा चालीसा, दुर्गा सप्तशती और अन्य मंत्रों का जाप करें।
7. माँ दुर्गा को भोग अर्पित करें जिसमें फल, मिठाई और नारियल शामिल हों।
8. आरती और प्रार्थना के बाद प्रसाद को भक्तों में बांटें।
मासिक दुर्गा अष्टमी व्रत (2024 Masik Durga Ashtmi Vrat) के अनेक लाभ हैं:
1. इस व्रत को करने से घर में सुख और शांति का वातावरण बनता है।
2. माँ दुर्गा की कृपा से धन और समृद्धि में वृद्धि होती है।
3. व्रत करने से शारीरिक और मानसिक स्वास्थ्य में सुधार होता है।
4. जीवन की सभी चिंताएं और समस्याएं दूर हो जाती हैं।
5. यह व्रत आध्यात्मिक विकास में सहायक होता है और आत्मिक शांति प्रदान करता है।
मां आदिशक्ति को समर्पित इस व्रत के दौरान दुर्गा चालीसा का पाठ भी किया जा सकता है। धार्मिक ग्रंथों में भी दुर्गा चालीसा का पाठ बहुत अच्छा माना गया है। इसके अतिरिक्त, आप देवी को प्रसन्न करने के लिए अष्टमी के दिन अपने घर पर श्री दुर्गा बीसा यंत्र स्थापित कर सकते हैं। श्री दुर्गा बीसा यंत्र एक बहुत शक्तिशाली यंत्र है जो दुर्घटनाओं और वित्तीय नुकसान को रोकने में मदद करता है।
यहां दी गई जानकारी सामान्य मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है. Dharmsaar इसकी पुष्टि नहीं करता है.
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