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Mangala Gauri Vrat 2025 Date: कब से शुरू होगा सावन मंगला गौरी व्रत? जानें तिथि, शुभ मुहूर्त और व्रत के लाभ!

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हिंदू परंपरा में शादी से पहले कुंडली मिलाना बहुत जरूरी माना जाता है। अक्सर शादी में देरी या रुकावट कुंडली दोष से जुड़ें होते हैं। ऐसे में इन बाधाओं को दूर करने का एक खास उपाय है - मंगला गौरी व्रत। यह व्रत माता गौरी को समर्पित होता है। हर साल सावन महीने के मंगलवार को यह व्रत रखा जाता है। माना जाता है कि इससे शादी में आने वाली बाधाएं दूर होती हैं। अविवाहित कन्याओं को मनचाहा जीवनसाथी भी मिलता है। अगर आप भी शादी में आ रही अड़चनों से परेशान हैं, तो यह व्रत आपके लिए फायदेमंद हो सकता है।

Mangala Gauri Vrat 2025 Date: कब से शुरू होगा सावन मंगला गौरी व्रत? जानें तिथि, शुभ मुहूर्त और व्रत के लाभ!

आइए जानते हैं इस साल मंगला गौरी व्रत की तारीख और इससे जुड़ी कुछ खास बातें।

Mangala Gauri Vrat 2025 Dates : मंगला गौरी व्रत 2025 तिथि

इस साल सावन का महीना 11 जुलाई (shravan 2025) से शुरू होने जा रहा है। वही इस महीने का समापन 09 अगस्त को रक्षाबंधन के साथ होगा।

इस अनुसार, सावन का पहला मंगलवार 15 जुलाई 2025 (Mangala Gauri Vrat 2025 Date) को है। वही आखिरी मंगला गौरी व्रत 5 अगस्त 2025 को रखा जाएगा। श्रावण 2025 में आने वाले मंगला गौरी व्रत की सूची इस प्रकार है-

मंगला गौरी व्रत तिथि सूची 2025

पहला मंगला गौरी व्रत - 15 जुलाई 2025

दूसरा मंगला गौरी व्रत - 22 जुलाई 2025

तीसरा मंगला गौरी व्रत - 29 जुलाई 2025

चौथा मंगला गौरी व्रत - 05 अगस्त 2025


Mangala Gauri Vrat 2025 : क्यों खास है मंगला गौरी व्रत?

मंगला गौरी व्रत माता पार्वती के एक विशेष रूप को समर्पित है। यह व्रत मां मंगला गौरी की पूजा के लिए रखा जाता है। हिंदू धर्म में इसे बेहद पवित्र माना गया है।

शास्त्रों में इसका उल्लेख प्राचीन समय से होता आया है। माना जाता है कि मां गौरी ने भगवान शिव को पति के रूप में पाने के लिए कठोर तप किया था। इस व्रत में उनकी उसी तपस्विनी शक्ति की पूजा की जाती है।

मंगला गौरी व्रत से जुड़ी एक खास कथा ग्रंथों में मिलती है।माता सीता ने भगवान राम को पति के रूप में पाने के लिए माता मंगला गौरी से प्रार्थना की थी। उनकी सच्ची भक्ति से माता प्रसन्न हुईं और उनका वरदान पूरा किया। तभी से यह परंपरा जुड़ी हुई है।


Mangala Gauri Vrat Benefits : मंगला गौरी व्रत के लाभ

1. मनचाहा जीवनसाथी और योग्य वर

यह व्रत अविवाहित कन्याओं के लिए विशेष माना जाता है। माना जाता है कि इससे जल्दी विवाह (mangla gauri vrat benefits in hindi) होता है और योग्य जीवनसाथी मिलता है।


2 . विवाह संबंधी परेशानियों से मुक्ति

अगर कुंडली दोष के चलते विवाह में रुकावट बन रही हैं, तो यह व्रत लाभकारी माना जाता है। यह खास उपाय विवाह में आने वाली सभी परशानियों को दूर करता है।


3. मां गौरी का आशीर्वाद प्राप्त होता है

शास्त्रों में मंगला गौरी व्रत की महिमा का वर्णन मिलता है। माना जाता है कि इस व्रत से माता पार्वती अत्यंत प्रसन्न होती हैं। भक्तों को शक्ति, सुख और समृद्धि का आशीर्वाद देती हैं।


मंगला गौरी व्रत के दिन गौरी शंकर रुद्राक्ष (Gaurishankar Rudraksha)पहनना बहुत शुभ माना जाता है। इसे सावन के सोमवार को भी पहना जा सकता है। यह रुद्राक्ष भगवान भोलेनाथ और माता पार्वती के आशीर्वाद से परिपूर्ण है। जिसे वैवाहिक जीवन के लिए बहुत शक्तिशाली माना जाता है।

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शास्त्रों में उल्लेख है कि गौरी शंकर रुद्राक्ष पति-पत्नी के बीच मनमुटाव कम करता है और आपसी सामंजस्य बढ़ाता है। आप उपरोक्त दिए बटन पर क्लिक कर, इसे ऑर्डर कर सकते हैं।

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