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हरतालिका तीज का पर्व भारतीय संस्कृति में विशेष महत्व रखता है। यह व्रत प्रमुख रूप से विवाहित और अविवाहित महिलाओं द्वारा रखा जाता है। इस दिन महिलाएं भगवान शिव और माता पार्वती की पूजा करती हैं और सुखमय वैवाहिक जीवन की कामना करती हैं।
हरतालिका तीज 2024 की तैयारी कुछ दिन पहले से ही शुरू हो जाती है। महिलाएं इस दिन के लिए विशेष रूप से तैयार होती हैं। वे बाजार से पूजा सामग्री और वस्त्र खरीदती हैं। इस दिन सभी महिलाएं मिलकर सामूहिक पूजा करती हैं और तीज के गीत गाती हैं।आइए जानते हैं हरतालिका तीज 2024 (Hartalika Teej 2024) के बारे में विस्तार से।
हरतालिका तीज 2024 का पर्व भाद्रपद मास की शुक्ल पक्ष की तृतीया तिथि को मनाया जाता है। इस साल हरतालिका तीज 2024 में 6 सितंबर, शुक्रवार को पड़ रही है।हरतालिका पूजा के लिए सुबह का समय उपयुक्त माना जाता है. अगर किसी कारण से सुबह पूजा करना संभव न हो तो प्रदोषकाल में शिव-पार्वती की पूजा कर सकते हैं। सुबह स्नान करके नये सुन्दर वस्त्र पहनकर तीज की पूजा की जाती है। मिट्टी से बनी शिव और पार्वती की मूर्ति की विधिपूर्वक पूजा की जाती है और हरतालिका व्रत (Hartalika Teej 2024 Vrat) की कथा सुनी जाती है।
तृतीया तिथि प्रारम्भ - सितम्बर 05, 2024 को 12:21 पी एम बजे
तृतीया तिथि समाप्त - सितम्बर 06, 2024 को 03:01 पी एम बजे
• हरतालिका तीज 2024 के व्रत की पूजा विधि इस प्रकार है:
• सुबह स्नान कर साफ कपड़े पहनें।
• भगवान शिव और माता पार्वती का ध्यान करें और व्रत का संकल्प करें।
• एक साफ स्थान पर पूजा स्थल तैयार करें और वहां भगवान शिव, माता पार्वती और गणेश जी की मूर्ति स्थापित करें।
• पूजा के लिए बेलपत्र, धतूरा, फूल, धूप, दीप, मिठाई, फल, और पान का पत्ता आदि सामग्री रखें।
• पूजा के दौरान भगवान शिव और माता पार्वती के मंत्रों का जाप करें और अंत में आरती करें।
• हरतालिका तीज की व्रत कथा का वाचन करें और सभी उपस्थित लोगों को सुनाएं।
• पूजा समाप्त होने पर प्रसाद वितरण करें और सभी को तीज की शुभकामनाएं दें।
• हरतालिका तीज (Hartalika Teej 2024) का पर्व केवल धार्मिक ही नहीं, बल्कि सांस्कृतिक दृष्टि से भी महत्वपूर्ण है। इस दिन महिलाएं सुंदर वस्त्र धारण करती हैं, मेंहदी लगाती हैं, और पारंपरिक गीत गाती हैं। इस पर्व पर महिलाओं के बीच आपसी प्रेम और सहयोग की भावना भी प्रबल होती है।
• हरतालिका तीज का पर्व समाज और परिवार के बीच रिश्तों को मजबूत बनाता है। इस दिन महिलाएं अपने परिवार और समाज के लोगों के साथ मिलकर खुशियां मनाती हैं। इस पर्व से पारिवारिक और सामाजिक संबंधों में मधुरता आती है।
• हरतालिका तीज (Hartalika Teej 2024) का पर्व न केवल धार्मिक और सांस्कृतिक दृष्टि से महत्वपूर्ण है, बल्कि यह महिलाओं के जीवन में खुशी और संतोष का प्रतीक भी है। इस व्रत को श्रद्धा और भक्ति के साथ करने से भगवान शिव और माता पार्वती की कृपा प्राप्त होती है और जीवन में सुख-शांति बनी रहती है।
(यहां दी गई जानकारी सामान्य मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है. Dharmsaar इसकी पुष्टि नहीं करता है.)
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