भगवान नारायण के छठे अवतार, भगवान परशुराम (Lord Parshuram) को, एक महान योद्धा और सर्वश्रेष्ट्र ब्राह्मण के रूप में पहचाना जाता है। ऋषि जमदग्नि और माता रेणुका के घर जन्मे परशुराम जी का जन्म वैशाख माह में हुआ था। यही कारण है कि वैशाख माह शुक्ल तृतीया के दिन हर्षोल्लास के साथ परशुराम जयंती (parshuram jayanti 2023) का उत्सव मनाया जाता है। वेद पुराणों के अनुसार, भगवान परशुराम, बुराई को दूर करने के लिए पृथ्वी पर अवतरित हुए थे।
परशुराम जी के बारे में यह मान्यता बताई जाती है, वे बड़े उग्र स्वाभाव के थे और युद्ध रणनीति की विशेष परख रखते थे।भगवान परशुराम जी की जयंती (parshuram jayanti) के दिन उनके अनुयायी परशुराम जी से प्रार्थना करते है और उनसे आशीर्वाद मांगते है। इस दिन उनके भक्तगण उपवास और पाठ करने के साथ ही विशेष अनुष्ठान भी करते है। ब्राह्मण समुदाय के लिए परशुराम जयंती का विशेष रूप से महत्व बताया जाता है।
आइए अब जानते हैं परशुराम जयंती 2023 की तिथि, अनुष्ठान और महत्व के बारे में।
परशुराम जयंती तिथि 2023 | शनिवार, अप्रैल 22, 2023 |
तृतीया तिथि प्रारंभ समय | 22 अप्रैल 2023, प्रातः 07:49 बजे से |
तृतीया तिथि समापन समय | 23 अप्रैल 2023, प्रातः 07:47 बजे तक |
1. परशुराम जयंती का यह पर्व धर्म के मूल्यों को बनाए रखने और अन्याय और बुराई के खिलाफ लड़ने के महत्व की याद दिलाता है।
2. परशुराम जयंती (parshuram jayanti) के दिन भक्त अच्छे स्वास्थ्य, धन और समृद्धि के लिए भगवान परशुराम से प्रार्थना करते है।
3. परशुराम जयंती का यह पर्व धर्म के मूल्यों को बनाए रखने और अन्याय और बुराई के खिलाफ लड़ने के महत्व की याद दिलाता है।
4. ऐसा माना जाता है कि भगवान परशुराम का जन्म, धरती माता को दुष्ट शासकों के अत्याचार और उत्पीड़न से मुक्त करने के लिए हुआ था।
5. भगवान परशुराम को दैवीय ऊर्जा का प्रतीक और बुराई का नाश करने वाले देव के रूप में पूजा जाता है। धर्म ग्रंथो में उन्हें 'कुल्हाड़ी चलाने वाले' भगवान के रूप में दर्शाया जाता है।
• परशुराम जी भगवान भोले शंकर के बहुत बड़े भक्त थे।
• पुराणों के अनुसार परशुराम जी अत्यधिक क्रोधित स्वाभाव के माने जाते थे।
• ऐसा माना जाता है कि भगवान शिव ने परशुराम जी को युद्ध कला की भी सीख दी थी।
• भगवान शिव में उन्हें वरदान के रूप में एक परशु या फरसा जैसा हथियार प्रदान किया था।
• परशुराम जी के पिता जमदग्नि, एक बहुत बड़े ऋषि होने के साथ ही प्रथम ब्राह्मण योद्धा के रूप में जाने जाते है।
• परशुराम जी के बारे में एक मान्यता यह भी बताई जाती है कि वे भगवान विष्णु के दसवें रूप कल्कि को भी युद्ध कला सिखाएंगे।
• भगवान परशुराम ने महाभारत के प्रसिद्ध पात्रों जैसे भीष्म, द्रोणाचार्य, यहां तक कि कर्ण को भी हथियार चलाने का कौशल सिखाया था।
• किंवदंतियों के अनुसार, भगवान शिव के हथियार से आशीर्वाद प्राप्त करने के बाद परशुराम को युद्ध में पराजित नहीं किया जा सकाता है।
भगवान परशुराम एक आदर्श ब्राह्मण और वेदों के महान शिक्षक के रूप में जगत में विख्यात थे। परशुराम जयंती (parshuram jayanti 2023) के इस पावन पर की आप सभी को हार्दिक शुभकामनाएं।