अजा एकादशी हर साल भाद्रपद महीने की कृष्ण पक्ष में एकादशी आती है। इसे आनंद या कामिका एकादशी भी कहा जाता है। इस दिन का महत्व विशेष रूप से श्रीकृष्ण और भगवान विष्णु की पूजा से जुड़ा है। मान्यता है कि जो व्यक्ति सच्चे मन से इस व्रत को रखता है, उसे सभी पापों से मुक्ति मिलती है। व्रत के दौरान एकादशी के नियमों का पालन करना बेहद जरूरी है। आइए, जानते हैं अजा एकादशी की सही तिथि, इस दिन का शुभ मुहूर्त और महत्व।
अजा एकादशी 2025 (Aja Ekadashi 2025) उत्तर भारत में भाद्रपद माह के दौरान मनाई जाती है। इस दिन, श्रद्धालु भगवान श्री कृष्ण, विष्णु और देवी लक्ष्मी की पूजा करते हैं। यह व्रत विशेष रूप से पुण्य और आशीर्वाद प्राप्त करने का अवसर होता है। अजा एकादशी के दिन दान करना भी बेहद शुभ होता है। इससे पुण्य की प्राप्ति कई गुना बढ़ जाती है।
भाद्रपद माह के कृष्ण पक्ष में आने वाली एकादशी को अजा एकादशी कहा जाता है। मान्यता है कि अजा एकादशी का व्रत करने से अश्वमेध यज्ञ के बराबर पुण्य मिलता है। इस साल मंगलवार, 19 अगस्त 2025 (Aja Ekadashi Date 2025) के दिन अजा एकादशी का यह व्रत रखा जाएगा।
अजा एकादशी का शुभ समय (Aja Ekadashi Date 2025 time) इस प्रकार है-
अजा एकादशी शुरुआत तिथि - 18 अगस्त 2025, दोपहर 05:22 मिनट से
अजा एकादशी समापन तिथि - 19 अगस्त 2025, दोपहर 03:32 मिनट तक
सूर्योदय समय - सुबह 05:22 मिनट
सूर्यास्त समय - शाम 05:57 मिनट
चंद्रोदय समय- रात 02:29 मिनट पर
चन्द्रास्त समय - 20 अगस्त, दोपहर 04:18 मिनट पर
सुबह 04:25 मिनट 05:09 मिनट तक
दोपहर 02:35 मिनट से 03:27 मिनट तक
दोपहर 03:22 मिनट से 05:04 मिनट तक
रात 12:03 मिनट से 12:47 मिनट तक
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•अजा एकादशी पर ब्रह्म मुहूर्त में उठे।
• सुबह स्नान करके साफ कपड़े पहनें। घर की सफाई करें और पूजा की तैयारी करें। फिर भगवान विष्णु और माता लक्ष्मी की पूजा करें।
• पूजा स्थान पर एक लकड़ी की चौकी रखें और उस पर लाल कपड़ा बिछाएं।
• अब चौकी पर भगवान नारायण और माता लक्ष्मी की तस्वीर रखें। फिर भगवान विष्णु को धूप, दीप, पीले फूल, फल और नैवेद्य अर्पित करें।
• सभी सामग्री अर्पित करने के बाद विष्णु मंत्रों का जाप करें।
• अंत में पूरे परिवार के साथ “ॐ जय जगदीश हरे” आरती गाएं।
अगर आपकी नौकरी में कोई परेशानी आ रही है, तो अजा एकादशी के दिन ये खास उपाय करें। पहले एक सिक्का लें। उसके ऊपर रोली, अक्षत और फूल चढ़ाएं। पूजा के बाद, सिक्के को लाल कपड़े में बांधकर घर में रखें। ऐसा करने से भगवान विष्णु की खास कृपा मिलती है।
अजा एकादशी के दिन भगवान विष्णु के साथ मां लक्ष्मी के पूजन का भी विधान है। इस एकादशी पर, विष्णु जी और माता लक्ष्मी को हल्दी गांठ अर्पित करें। इस उपाय से आपके जीवन में चल रही आर्थिक समस्याओं से मुक्ति मिलती है।
अगर आपके वैवाहिक जीवन में भी मन-मुटाव चल रहे हैं, तो अजा एकादशी के दिन ये उपाय करें। पति-पत्नी मिलकर विधि-विधान से भगवान विष्णु की पूजा करें। इसके साथ ही लक्ष्मी-नारायण मंदिर में बेसन के पांच लड्डू चढ़ाएं। विष्णु सहस्त्रनाम का पाठ भी करें। इससे वैवाहिक जीवन में आने वाली बाधाएं दूर होती है।
(यहां दी गई जानकारी सामान्य मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है. Dharmsaar इसकी पुष्टि नहीं करता है.)