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Rishi Panchami 2025: कब है ऋषि पंचमी 2025? जानें तिथि, पूजा मुहूर्त, धार्मिक महत्व व पूजन विधि

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हर साल भाद्रपद महीने की शुक्ल पंचमी को ऋषि पंचमी के रूप में मनाया जाता है। यह दिन विशेष रूप से सप्तर्षियों यानी सात महान ऋषियों के सम्मान का प्रतीक है। यह व्रत आमतौर पर गणेश चतुर्थी के अगले दिन मनाया जाता है।अंग्रेजी कैलेंडर की बात करें तो यह अगस्त या सितंबर में आता है। यह पर्व पूरी तरह से सप्त ऋषियों को समर्पित है। हर साल इसे बड़े श्रद्धा भाव से मनाया जाता है।

Rishi Panchami 2025: कब है ऋषि पंचमी 2025? जानें तिथि, पूजा मुहूर्त, धार्मिक महत्व व पूजन विधि

About Rishi Panchami Festival : क्या है यह ऋषि पंचमी का पर्व?

ऋषि पंचमी को एक प्रमुख हिन्दू व्रत माना जाता है। इस दिन महिलाएं सप्त ऋषियों को श्रद्धांजलि अर्पित करती हैं। शास्त्रों में ऐसी मान्यता बताई जाती है कि यह व्रत खास तौर पर रजस्वला यानी मेंस्ट्रुअल दोष से शुद्ध होने के लिए किया जाता है। ऋषि पंचमी को गुरु पंचमी या भाई पंचमी (bhai panchami 2025) के नाम से भी जाना जाता है। यह पर्व महिलाओं के लिए खास महत्व रखता है। हिन्दू समुदाय के कुछ लोग इस दिन रक्षाबंधन का पर्व भी मनाते है।


Rishi Panchami 2025 Date and Time : ऋषि पंचमी 2025 तिथि और समय

हर साल भाद्रपद माह की शुक्ल पक्ष की पंचमी तिथि के दिन सप्त ऋषियों को समर्पित यह व्रत रखा जाता है। इस साल ऋषि पंचमी का यह पर्व गुरुवार, 28 अगस्त 2025 (Rishi Panchami 2025 Date) के दिन मनाया जाएगा।

ऋषि पंचमी 2025 तिथि का शुरुआत व समापन समय (Rishi Panchami 2025 Time) इस प्रकार है-

पंचमी तिथि प्रारंभ - 27 अगस्त 2025, दोपहर 03:44 बजे से
पंचमी तिथि समाप्त - 20 सितंबर 2023, शाम 05:56 बजे तक


Rishi Panchami 2025 Puja Muhurat : ऋषि पंचमी 2025 पूजा मुहूर्त

ऋषि पंचमी 2025 पूजा मुहूर्त (Rishi Panchami 2025 Puja Muhurat) निम्नलिखित है। इस शुभ मुहूर्त में पूजन करना फलदायक माना जाता है।

ऋषि पञ्चमी पूजा मुहूर्त - 11:05 AM से 01:39 PM तक
पूजन अवधि - 02 घंटे 26 मिनट

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Rishi Panchami Rituals : ऋषि पंचमी के मुख्य अनुष्ठान

ऋषि पंचमी के दिन किए जाने वाले कुछ विशेष अनुष्ठान इस प्रकार हैं-

• भाई पंचमी

ऋषि पंचमी को भाई पंचमी भी कहा जाता है। माहेश्वरी समुदाय में बहनें इस दिन अपने भाइयों को राखी बांधती हैं और उनकी लंबी उम्र की कामना करती हैं।

• उपवास

इस दिन विधि-विधान से व्रत का पालन किया जाता है और अन्न का सेवन नहीं किया जाता। माना जाता है कि इस दिन साधू की तरह केवल सात्विक भोजन किया जाता है।

• पूजन-अनुष्ठान

इस दिन भगवान गणेश और सप्त ऋषियों की पूजा का विधान माना जाता है। इन सप्त ऋषियों के नाम इस प्रकार है- कश्यप, अत्रि, भारद्वाज, विश्वामित्र, गौतम, जमदग्नि और ऋषि वशिष्ठ।


Rishi Panchami Pujan Vidhi : ऋषि पंचमी पूजन विधि

1. ऋषि पंचमी के दिन स्नान करने के बाद साफ और स्वच्छ कपड़े पहनें।

2. घर के किसी साफ स्थान या पाटे पर हल्दी, कुमकुम और रोली से चौकोर आकार का चित्र बनाएं।

3. अब पाटे पर शुद्ध कपड़े या किसी शुद्ध वस्तु से सप्त ऋषि की छवि बनाकर रखें।

4. सप्त ऋषियों की आकृति पर शुद्ध जल और पंचामृत अर्पित करें।

5. कुछ फूल अर्पित करें और उन्हें जनेऊ पहनाएं।

6. फल, मिठाई, दक्षिणा और अन्य नैवेज्ञ अर्पित करें।

7. पूजा के बाद सप्त ऋषियों से प्रार्थना करें और अपनी गलतियों के लिए क्षमा मांगें।

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