एकादशी तिथि का हिंदू धर्म में विशेष महत्व है। पंचांग के अनुसार, हर महीने दो एकादशी पड़ती हैं। श्रावण माह के शुक्ल पक्ष में आने वाली एकादशी को श्रावण पुत्रदा एकादशी कहा जाता है। यह दिन भगवान विष्णु को समर्पित होता है। यह व्रत विशेष रूप से संतान प्राप्ति के लिए किया जाता है। आइए जानते हैं, निःसंतान दंपतियों के लिए यह एकादशी क्यों खास मानी जाती है-
पुत्रदा एकादशी (Sawan Putrada Ekadashi 2025) का व्रत साल में दो बार रखा जाता है। पहला व्रत दिसंबर या जनवरी में होता है, जिसे पौष पुत्रदा एकादशी कहा जाता है। वही दूसरा व्रत जुलाई या अगस्त के महीने में रखा जाता है, जिसे श्रावण पुत्रदा एकादशी कहा जाता है।
यहां हम श्रावण पुत्रदा एकादशी की तिथि, मुहूर्त, महत्व और संतान प्राप्ति के लिए किए जाने वाले खास उपायों (Shravan Putrada Ekadashi Upay) के बारे में बताने जा रहे है। तो इसे अंत तक जरूर पढ़ें!
इस साल, मंगलवार, 05 अगस्त 2025 (Sawan Putrada Ekadashi Date) के दिन सावन पुत्रदा एकादशी का यह व्रत रखा है। इस दिन पूरे दिन का उपवास रखा जाता है। इस दिन दंपत्ति भगवान विष्णु की विशेष पूजा-अर्चना करते है। खासकर, जिनकी शादी के लंबे समय बाद भी संतान प्राप्ति नहीं हुई है।
सावन पुत्रदा एकादशी का पूजा मुहूर्त इस प्रकार है-
शुभ मुहूर्त प्रारंभ समय - 4 अगस्त 2025, सुबह 11:41 बजे से
शुभ मुहूर्त समापन समय - 5 अगस्त 2025, दोपहर 1:12 बजे तक
• श्रावण पुत्रदा एकादशी रखने से भगवान विष्णु प्रसन्न होते है।
• यह एकादशी व्रत देवी लक्ष्मी और तुलसी जी की कृपा पाने का एक शक्तिशाली उपाय है।
• यह व्रत खासतौर पर उन दंपत्तियों के लिए फायदेमंद है, जिन्हें संतान प्राप्ति में परेशानी का सामना करना पड़ रहा है।
• श्रावण पुत्रदा एकादशी व्रत दुख, कष्ट और कलह को समाप्त करता है। जीवन में सुख, समृद्धि और वैभव का संचार करता है।
• शास्त्रों में उल्लेख है कि जो शादीशुदा जोड़े संतान प्राप्ति की इच्छा रखते हैं, उन्हें पुत्रदा एकादशी व्रत अवश्य रखना चाहिए।
सावन पुत्रदा एकादशी संतान प्राप्ति के लिए विशेष रूप से महत्वपूर्ण मानी जाती है। इस दिन किए गए कुछ खास उपाय इस प्रकार है-
तुलसी जी को देवी लक्ष्मी का ही एक स्वरूप माना जाता है। इस दिन तुलसी के पौधे की पूजा करें और जल अर्पित करें।
पीपल के वृक्ष की पूजा भी संतान प्राप्ति के लिए प्रभावी मानी जाती है। इसलिए सावन पुत्रदा एकादशी (Sawan Putrada Ekadashi Upay in hindi) के दिन दिन पीपल के वृक्ष में जल अर्पित कर, परिक्रमा लगाएं।
संतान सुख की इच्छा रखने वाले विवाहित जोड़े इस दिन विशेष रूप से गरीबों और ब्राह्मणों को दान दें। ज़रूरतमंदों को भोजन कराएं। दान में सफेद चीजें जैसे दूध, चावल और फल दें। यह उपाय संतान सुख की प्राप्ति के लिए प्रभावी माना जाता है।
यदि आप भी संतान प्राप्ति से जुड़ी समस्याओं से परेशान हैं, तो श्रावण शुक्ल एकादशी के दिन कुछ सरल उपाय कर सकते हैं। सावन पुत्रदा एकादशी (Sawan Putrada Ekadashi 2025) का व्रत पारण सूर्योदय के बाद किया जाता है।