पंचांग के अनुसार, मार्गशीर्ष माह की शुक्ल पंचमी को विवाह पंचमी मनाया जाता है। माना जाता है कि इसी दिन भगवान राम ने शिव धनुष तोड़कर माता सीता से विवाह किया था। एक मान्यता के अनुसार, तुलसीदास जी ने विवाह पंचमी के दिन रामचरितमानस की रचना पूर्ण की थी।
तो आइए जानते हैं, साल 2025 में विवाह पंचमी कब मनाई जाएगी, साथ ही इसके शुभ मुहूर्त और अन्य महत्वपूर्ण तथ्य।
विवाह पंचमी का शुभ पर्व इस साल मंगलवार, 25 नवंबर 2025 (Vivah Panchami Date 2025) को मनाया जाएगा। इस शुक्ल पक्ष पंचमी तिथि की शुरुआत 24 नवंबर 2025 रात 9:22 बजे से होगी। वही पंचमी तिथि का समापन 25 नवंबर 2025 रात 10:56 बजे होगा।
पंचांग के अनुसार, 2025 में विवाह पंचमी पूजा का शुभ मुहूर्त सुबह 07 बजकर 07 बजे से शुरू होने है। यह शुभ मुहूर्त दोपहर 12 बजकर 27 मिनट पर ख़त्म होगा। हालांकि शास्त्रों में उल्लेख है कि इस दिन पूरा समय अबूझ मुहूर्त रहता है। ऐसे में पंचांग देखे कोई बिना भी, शुभ कार्य प्रारम्भ कर सकते है।
विवाह पंचमी का चौघड़िया मुहूर्त निम्नलिखित है-
लाभ - उन्नति मुहूर्त
10:49 AM से 12:08 PM
अमृत - सर्वोत्तम मुहूर्त
12:08 PM से 01:27 PM
शुभ - उत्तम मुहूर्त
02:46 PM से 04:05 PM
विवाह पंचमी के अवसर पर स्वयं भगवान राम और माता सीता का विवाह हुआ था। लेकिन शास्त्रों में इस दिन को विवाह के लिए बिल्कुल उपयुक्त नहीं बताया जाता। दरअसल इसके पीछे कई धार्मिक कारण छिपे हुए है। जैसे-
• पौराणिक कथाओं के अनुसार, इस तिथि पर विवाह के बाद भगवान राम और माता सीता को कई कठिनाइयों का सामना करना पड़ा। कुछ ही समय बाद भगवान राम को 14 वर्षों का वनवास सहना पड़ा।
• इतना ही नहीं, माता सीता ने भी कई कठिनाइयों का सामना किया। उन्हें अग्निपरीक्षा देनी पड़ी। राज्य में फैली गलतफहमियों के चलते परित्याग का दुख भी झेलना पड़ा।
• यही कारण है कि इस दिन शादी करना शुभ नहीं माना जाता है। मान्यता है इस दिन शादी करने से नव दंपत्ति के जीवन में मुश्किलें आ सकती है।
भारत के कई हिस्सों में राम-सीता मंदिरों में विवाह पंचमी के अवसर पर विशेष कार्यक्रमों का आयोजन किया जाता हैं। हालांकि, देवी सीता के जन्मस्थान यानी जनकपुर, नेपाल में इस त्यौहार की अलग ही रौनक होती है। इसके अलावा अयोध्या में भी भव्य समारोह का आयोजन किया जाता है।
इस पवित्र दिन पर राम मंदिरों को दीपों से सजाया जाता है। मंदिरों में सभी ओर रोशनी छा जाती है। इस उत्सव को ’राम विवाह उत्सव’ कहा जाता है। इस दौरान मंदिरों में राम-सीता की दिव्य मूर्तियों को सुन्दर वस्त्र और आभूषणों से सजाया जाता है।
विवाह पंचमी के दिन आप यहां दिए गए विशेष मंत्रों का जाप कर सकते है:-
1. ॐ जानकी वल्लभाय नमः॥
2. राम रामेति रामेति रमे रामे मनोरमे। सहस्त्र नाम तत्तुन्यं राम नाम वरानने॥
3. श्री रामचन्द्राय नमः॥
4. ॐ जनकाय विद्महे राम प्रियाय धीमहि, तन्नो सीता प्रचोदयात्।
5. ॐ आपदामप हर्तारम दातारं सर्व सम्पदाम, लोकाभिरामं श्री रामं भूयो भूयो नामाम्यहम।
6. श्री रामाय रामभद्राय रामचन्द्राय वेधसे, रघुनाथाय नाथाय सीताया पतये नमः।
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