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Pausha Putrada Ekadashi 2025: पौष पुत्रदा एकादशी 2025 तिथि, मुहूर्त, पूजा विधि और महत्व

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पुत्रदा एकादशी भगवान विष्णु को समर्पित एक महत्वपूर्ण व्रत है। पौष महीने के शुक्ल पक्ष में आने वाली यह एकादशी खासतौर पर संतान प्राप्ति और बच्चों की भलाई के लिए जानी जाती है। इस दिन भक्त भगवान विष्णु का आशीर्वाद प्राप्त करने के लिए विधिपूर्वक व्रत रखते हैं। आइए जानते है, पुत्रदा एकादशी व्रत कि सही तारीख, मुहूर्त और पारण समय।

Pausha Putrada Ekadashi 2025: पौष पुत्रदा एकादशी 2025 तिथि, मुहूर्त, पूजा विधि और महत्व

Pausha Putrada Ekadashi : पौष पुत्रदा एकादशी कब मनाई जाती है?

पंचांग के अनुसार, साल में दो बार पुत्रदा एकादशी व्रत (putrada ekadashi vrat) रखा जाता है। हिंदू चंद्र कैलेंडर में हर महीने की ग्यारहवीं तिथि को एकादशी कहा जाता है। इनमें पहली होती है-पौष पुत्रदा एकादशी। इसे पौष शुक्ल पुत्रदा एकादशी भी कहा जाता है। यह आमतौर पर दिसंबर या जनवरी में पड़ती है।

वही, दूसरी पुत्रदा एकादशी सावन के महीने में आती है। इसे श्रावण पुत्रदा एकादशी कहा जाता है। यह एकादशी मुख्य रूप से जुलाई या अगस्त में मनाई जाती है।


Pausha Putrada Ekadashi Date: पौष पुत्रदा एकादशी तिथि

हिंदू कैलेंडर के अनुसार, पौष महीने के शुक्ल पक्ष की एकादशी 30 दिसंबर 2025 को सुबह 7:50 बजे शुरू होगी। वही इस तिथि का समापन 31 दिसंबर 2025 सुबह 5:00 बजे होगा।

ऐसे में पौष पुत्रदा एकादशी व्रत 30 दिसंबर (Pausha Putrada Ekadashi Date) को रखा जाएगा। वही वैष्णव समुदाय, पौष पुत्रदा एकादशी व्रत 31 दिसंबर को रखेंगे।


Pausha Putrada Ekadashi Vrat Paran Samay: पौष पुत्रदा एकादशी व्रत पारण समय

एकादशी व्रत पारण समय -

31 दिसंबर 2025, दोपहर 1:26 PM से 3:31 PM तक

वैष्णव जन एकादशी व्रत पारण समय-

1 जनवरी 2026, सुबह 07:14 AM से 3:31 AM तक


Pausha Putrada Ekadashi Shubh Muhurat: पौष पुत्रदा एकादशी शुभ मुहूर्त

पौष पुत्रदा एकादशी शुभ मुहूर्त इस प्रकार है-

रवि योग

सुबह 07:13 बजे से अगले दिन 03:58 बजे तक

चर-सामान्य मुहूर्त

सुबह 09:49 बजे से 11:06 बजे तक

लाभ-उन्नति मुहूर्त

सुबह 11:06 बजे से दोपहर 12:24 बजे तक

ब्रह्म मुहूर्त

सुबह 05:24 बजे से 06:19 बजे तक

अभिजीत मुहूर्त

दोपहर 12:03 बजे से 12:44 बजे तक

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Paush Putrada Ekadashi Significance: क्यों रखना चाहिए पुत्रदा एकादशी व्रत?

पौष पुत्रदा एकादशी (Paush Putrada Ekadashi) का संबंध संतान सुख की कामना से जुड़ा है। धार्मिक ग्रंथों में इस व्रत को विशेष फल देने वाला बताया गया है। विष्णु पुराण और पद्म पुराण में इस व्रत का विशेष उल्लेख मिलता है। मान्यता है कि इस दिन भगवान विष्णु से सच्चे मन से प्रार्थना करने पर संतान प्राप्ति का आशीर्वाद मिलता है।

इसके साथ ही, जिनके पहले से संतान है वह भी इस व्रत का पालन करते है। ऐसी मान्यता है कि इस व्रत का पालन करने से संतान को लंबी आयु और सफलता का आशीर्वाद मिलता हैं।


Pausha Putrada Ekadashi Puja Vidhi : पौष पुत्रदा एकादशी पूजा विधि

पौष पुत्रदा एकादशी व्रत के विधि-विधान से पूजन करना बहुत आवश्यक है। यह विधि इस प्रकार है-

• सुबह जल्दी उठकर स्नान करें।

• इस दिन भगवान विष्णु सहस्रनाम स्तोत्र का पाठ करें।

• व्रत के दौरान सभी प्रकार के अनाज और चावल से परहेज करें।

• पूजा में विशेष पुजा विधि का पालन करें। मंदिर जाकर भगवान विष्णु को प्रसाद अर्पित करें।

• पूजा के बाद भगवान विष्णु की आरती करें। प्रसाद परिवार के सभी सदस्यों में बांट दें।

• संतान संबंधी समस्या को दूर करने के लिए दंपत्ति को साथ में यह व्रत रखना चाहिए।


एकादशी के दिन भगवान विष्णु की पूजा में वैजयंती जप माला (Vaijayanti Jaap Mala) का उपयोग करना बहुत फलदायक माना गया है। यह माला भगवान कृष्ण और विष्णु से संबंधित है। पूजा में तुलसी की माला का भी विशेष महत्व है।

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