अक्सर देखा जाता है की जब हम किसी ज्योतिष या पंडित जी को कुंडली दिखाते है तो वे उसमें पितृदोष की समस्या बताते है। लेकिन क्या आपने कभी सोचा है, आखिर यह पितृ दोष क्या होता है? और आप पितृदोष से कैसे मुक्त हो सकते है? यदि नहीं तो यह ब्लॉग अवश्य पढ़े।
ज्योतिष शास्त्र में पितृ दोष को बहुत अशुभ फल प्रदान करने वाला बताया गया है। पितृदोष का संबंध हमारे पितरों से होता है। ऐसा माना जाता है की यदि व्यक्ति मृत्यु के बाद अपने पूर्वजों को भूल जाते है या उनके लिए किए वाले निमित्त कर्मों को नहीं करते है तो ऐसी स्थिति में पितृ नाराज हो जाते है और उसके दुष्प्रभाव पूरे परिवार को झेलने पड़ते है। ऐसे में पितृ दोष से बचने लिए पितृ दोष निवारण यंत्र बहुत लाभदायक है।
आइये जानते है की पितृ दोष क्या होता है, इस यंत्र के लाभ क्या होते है और इस यंत्र को आप घर में कैसे स्थापित कर सकते है।
पितृ दोष निवारण यंत्र एक ऐसा शक्तिशाली यंत्र है, जिसकी मदद से जातक को पितृ दोष से सम्बंधित सभी परेशानियों से जल्द छुटकारा मिल जाता है। इसके साथ उसके कार्य में आने वाली रुकावटें भी इस यंत्र के पूजन से दूर हो जाती है। आइये जानते है इस यंत्र से जुड़े कुछ लाभ-
ऐसा माना है की यदि जातक की कुंडली में पितृ दोष है तो उसके घर में धन का अभाव हमेशा बना रहता है। इतना ही नहीं, घर में बरकत भी नहीं होती है ।ऐसी स्थिति में आपको पितृ दोष यंत्र की अवश्य स्थापना करनी चाहिए।
यदि आप काफी समय से संतान प्राप्ति की इच्छा रखते है, लेकिन किसी कारणवश आपको संतान की प्राप्ति नहीं हो पा रही है तो संभव है यह पितृ दोष के कारण हो रहा हो। इसलिए, आपको नियमित पितृ दोष निवारण यंत्र का पूजन करना चाहिए।
आपके अक्सर देखा होगा की कई बार बहुत मेहनत करने के बाद भी हमे इच्छानुसार फल की प्राप्ति नहीं होती, चाहे फिर क्षेत्र व्यापर का हो या करियर का । यदि आपके बनते हुए काम बिगड़ रहे है तो यह पितृ दोष का एक लक्षण हो सकता है और ऐसे में कार्य सिद्धि करने में यह यंत्र बहुत असरदार साबित होता है।
घर के सदस्यों के बीच मन मुटाव होना या परिवार में अक्सर झगड़े होना भी पितृ दोष का ही एक मुख्य कारण है। यदि आपके घर में ज्यादातर लड़ाई-झगड़े या क्लेश का वातावरण बना रहता है तो आपको इन सब से निजात पाने के लिए निश्चित रूप से घर में पितृ दोष निवारण यंत्र की स्थापना करनी चाहिए।
पितृ शांति के लिए किए जाने वाले सभी कार्य अमावस्या के दिन करना शुभ माना जाता है। इसलिए इस पितृ दोष निवारण यंत्र की स्थापना अमावस्या के दिन करनी चाहिए। इसके अलावा आप श्राद्ध पक्ष में भी इस यंत्र की स्थापना कर सकते है। लेकिन इससे पहले किसी अनुभवी ज्योतिष से इसकी दिशा के संबंध में जानकारी अवश्य लें।
पितृदोष यंत्र खरीदेंसाल 2022 में पितृ पक्ष यानी श्राद्ध पक्ष की शुरुआत 10 सितम्बर 2022 (Shradh 2022 Date) से होने जा रही है। जो की 25 सितम्बर के दिन समाप्त होगी और इन दिनों में आप पितरों को बहुत जल्दी प्रसन्न कर सकते है। यदि आप पितृ पक्ष में पुरे विधि-विधान से इस यंत्र की स्थापना करते है तो निश्चित ही आपके कार्य में आने वाली सभी बाधाएं दूर होगी और पितृ दोष से भी मुक्ति मिलेगी।
(Disclaimer: यहां दी गई जानकारी सामान्य मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है। Dharmsaar इसकी पुष्टि नहीं करता है।)
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