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Shubh Muhurat for 2026 : 2026 के ये शुभ दिन बदल सकते हैं किस्मत, बिना मुहूर्त भी मिलेगा कई गुना फल!

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सनातन धर्म में शुभ मुहूर्त देखे बिना कोई भी मंगलकार्य संभव नहीं है। चाहे विवाह हो, मुंडन संस्कार, या गृह प्रवेश। सभी कार्य सही मुहूर्त देखकर ही किए जाते हैं। कहा जाता है कि शुभ मुहूर्त में सभी नक्षत्र अनुकूल स्थिति में होते है। इस दौरान किए गए कार्यो के फल कई गुना बढ़ जाते हैं। साथ ही जीवन में सुख-समृद्धि, शांति और सफलता की प्राप्ति होती है।

Shubh Muhurat for 2026 : 2026 के ये शुभ दिन बदल सकते हैं किस्मत, बिना मुहूर्त भी मिलेगा कई गुना फल!

इस ब्लॉग में हम आपको नए साल 2026 (Shubh Muhurat for 2026) में आने वाले अबूझ मुहूर्त और शुभ तिथियों के बारे में बताएंगे-

Shubh Muhurat for 2026 : नए साल 2026 के अबूझ और शुभ मुहूर्त

1. बसंत पंचमी (Basasnt Panchami 2026)

साल का पहला अबूझ मुहूर्त बसंत पंचमी है। यह पर्व वसंत ऋतु की शुरुआत का प्रतीक है। यह दिन विशेषतौर पर ज्ञान और बुद्धि की देवी, मां सरस्वती को समर्पित है। बसंत पंचमी पर कई शुभ कार्य किए जा सकते हैं। जैसे सगाई, शादी, गृह प्रवेश, मुंडन, जनेऊ या नए बिजनेस की शुरुआत। इस दिन बिना मुहूर्त देखे विवाह जैसे शुभ कार्य भी किए जा सकते हैं।

बसंत पंचमी तिथि - 23 जनवरी, 2026


2. अक्षय तृतीया (Akshaya Tritiya 2026)

अक्षय तृतीया को एक बहुत शुभ दिन माना जाता है। यह दिन फाइनेंशियल इनवेस्टमेंट, सोना खरीदने और नया बिजनेस शुरू करने के लिए श्रेष्ठ माना जाता है। 'अक्षय' का अर्थ है शाश्वत। मान्यता है कि इस दिन किए गए शुभ कार्य और इनवेस्टमेंट समय के साथ कई गुना फल देते हैं। अक्षय तृतीया विवाह, प्रॉपर्टी खरीदने और दान-पुण्य के लिए भी उत्तम है।

अक्षय तृतीया तिथि - 19 अप्रैल, 2026


3. गुड़ी पड़वा / उगादी (Gudi Padwa 2026)

गुड़ी पड़वा हिंदू चंद्र कैलेंडर के अनुसार नए साल की शुरुआत का प्रतीक है। महाराष्ट्र में इसे गुड़ी पड़वा कहा जाता है। कर्नाटक और आंध्र प्रदेश में इस पर्व उगादी के नाम से मनाया जाता है। यह दिन शुभ कार्य के प्रारंभ के लिए बेहद शुभ माना जाता है। बिजनेस खोलने और नए कार्य शुरू करने के लिए यह तिथि अत्यंत शुभ मानी जाती है।

गुड़ी पड़वा तिथि- 19 मार्च, 2026


4. फुलेरा दूज (Phulera Dooj 2026)

गुड़ी पड़वा के साथ फुलेरा दूज के दिन को 'अबूझ मुहूर्त' माना जाता है। यह तिथि फाल्गुन शुक्ल पक्ष की द्वितीया तिथि को मनाया जाता है। ऐसी मान्यता है कि इस दिन भगवान श्रीकृष्ण और राधा रानी ने फूलों से होली खेली थी। ऐसे में यह दिन विवाह, मुंडन और अन्य शुभ कार्यो के लिए यह तिथि बेहद मंगलकारी है। मान्यता है कि इस दिन बिना मुहूर्त देखे भी शुभ कार्य किए जा सकते हैं।

फुलेरा दूज तिथि- 19 फरवरी 2026


5. नवरात्रि व दशहरा (Navratri and Dussehra 2026)

नवरात्रि का पर्व अत्यंत पावन माना जाता है। इस दौरान मां दुर्गा के आशीर्वाद से सभी मांगलिक कार्यों में सफलता मिलती है। यह नौ दिन नई शुरुआत और देवी कि ऊर्जा का प्रतीक माना जाता है। इस अवसर पर कई शुभ मुहूर्त बनते हैं। हालांकि, विवाह जैसे कुछ कार्य इस दिन वर्जित माने जाते हैं। लेकिन गृह प्रवेश, मुंडन और जनेऊ जैसे संस्कार के लिए यह समय श्रेष्ठ हैं।

चैत्र नवरात्रि- 19 मार्च से 27 मार्च 2026

शारदीय नवरात्रि- 11 अक्टूबर से 20 अक्टूबर 2026

दशहरा- 20 अक्टूबर 2026 (मंगलवार)


6. देवउठनी एकादशी (Devuthani Ekadashi 2026)

देवउठनी एकादशी का दिन चतुर्मास समाप्त होने का प्रतीक है। इस दौरान भगवान विष्णु योगनिद्रा में रहते हैं। जिसके बाद सभी तरह से शुभ कार्य एक बार पुनः प्रारंभ हो जाते है। देवउठनी एकादशी को भी अबूझ मुहूर्त के रूप में जाना जाता है। इस दिन देवी तुलसी और शालिग्राम जी के विवाह करने का भी विधान है। ऐसे में यह दिन शादी, गृह प्रवेश और नए काम शुरू करने के लिए सबसे उचित माना जाता है।

देवउठनी एकादशी तिथि - 20 नवंबर, 2026

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