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जानिए तमिलनाडु का यह कौनसा मंदिर है, जहां हर दिन 5 बार बदलता है शिवलिंग का रंग

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आपको यह पढ़कर ज़रूर आश्चर्य हो रहा होगा की कोई ऐसा भी मंदिर हो सकता है, जहां शिवलिंग का रंग एक बार नहीं, दो बार नहीं बल्कि पूरे पांच बार बदलता है, लेकिन यह वाकई में सच है। तमिलनाडु के मयिलादुथुराई नामक जिले में कल्याणसुंदरेश्वर मंदिर में पूजे जाने वाला एक शिवलिंग एक दिन में पांच बार रंग बदलता है।

जानिए तमिलनाडु का यह कौनसा मंदिर है, जहां हर दिन 5 बार बदलता है शिवलिंग का रंग

इन रंगो की बात की जाए इसमें हल्का लाल, गोल्डन, हरा, कॉपर यानि तांबे का रंग और एक अज्ञात रंग शामिल है। यह शिवलिंग हर 2 घंटे और 24 मिनट के अंतारल में अपना रंग बदलता है।

यहां कुछ समय दिए गए हैं जो बताते हैं शिवलिंग किस समय में कौनसे रंग का होता है। इस मंदिर के बारे में यह भी मान्यता है की भक्तों के मन में जो भी रंग होता है शिवलिंग भी उसी रंग में परिवर्तित हो जाता है।

  • प्रातः 6:00 से 8:24 बजे तक- तांबे का रंग
  • प्रातः 8:25 से 10:48 तक - हल्का लाल रंग
  • प्रातः 10:49 से 1:12 तक - गोल्डन या सुनहरा रंग
  • दोपहर 1:13 से 3:36 बजे तक - हरा रंग
  • दोपहर 3:37 बजे से शाम 6 बजे तक- अज्ञात रंग

कल्याणसुंदरेश्वर मंदिर के बारे में कुछ अन्य तथ्य

  1. इस मंदिर के बारे में यह मान्यता है कि ऋषि अगस्त्य ने यहाँ एक दूसरे शिवलिंग की भी स्थापना की है।
  2. इस शिवलिंग के साथ ही इस मंदिर के एक पवित्र स्थान पर शिव-पार्वती विवाह की मूर्तियाँ भी हैं। बताया जाता है की इसमें भगवान विष्णु शिव के बाई ओर खड़े है तो वहीं ब्रह्मा दाहिनी ओर खड़े हैं।
  3. कल्याणसुंदरेश्वर मंदिर कि स्थापना ‘चोल साम्राज्य’ के समय हुई थी ।
  4. यह मंदिर ‘पंचवर्णेश्वर’ यानी पांच रंगों को दर्शाने वाले देवता के नाम से भी जाना जाता है।
  5. भगवान भोलेनाथ के साथ ही यहां माता पार्वती भी पूजा की जाती है। माँ पार्वती को यहाँ 'पार्वता सुंदरी' या 'कोकिलांबल' के रूप में भी पूजा जाता है।
  6. कल्याणसुंदरेश्वर मंदिर के बारे में एक मान्यता यह भी है कि जब माता पार्वती और शिव का विवाह हो रहा तो अगस्तय मुनि यहाँ शिव की आरधाना कर रहे थे। बताया जाता है की वे इस विवाह को वहां रहते हुए भी अपने दिव्य नेत्रों से देख सकते थे।
  7. माँ पार्वती और भगवान शिव के साथ ही यहाँ भगवान गणेश की पूजा की जाती है। उन्हें यहां 'सेल्वा गणपति' के रूप में पूजा जाता है।
  8. इस मंदिर के बारे में यह मान्यता है कि अगर किसी के विवाह में किसी भी प्रकार की बाधा या रूकावट आ रही है हो तो यहां उसके समाधान के लिए विशेष पूजा का आयोजन भी किया जाता है।
  9. पौराणिक कथाओं के अनुसार भगवान विष्णु और ब्रह्मा ने भी यहां प्रार्थना की थी।
  10. इस मंदिर में एक पवित्र तालब भी है जिसे 'सप्त सागर तीर्थम' के नाम से जाना जाता है। माना जाता है की पांडवों की माता कुंती भी इस पवित्र तालाब में स्नान किया था और वे सभी पापों से मुक्त हो गई थीं।

तमिल नाडु में स्थित यह मंदिर भक्तजनों के लिए प्रातः 6:00 बजे से दोपहर 01:30 तक खुला रहता है, वहीं शाम को यह मंदिर दोपहर 03:30 PM से रात 08:30 बजे तक खोला जाता है।

(Disclaimer: यहां दी गई जानकारी सामान्य मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है। Dharmsaar इसकी पुष्टि नहीं करता है।)

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