जयपुर के आराध्य के रूप में पूजे जाने वाले श्री गोविन्द देव जी का मंदिर राजस्थान के प्रमुख मंदिरों में से एक है। इस मंदिर में स्थापित भगवान कृष्ण और राधा जी की मूर्ति दूर से ही आकर्षक प्रतीत होता है। भगवान कृष्ण को समर्पित इस मंदिर में धूमधाम में श्री कृष्ण जन्माष्टमी का त्यौहार मनाया जाता है, जिसकी शुरुआत जन्माष्टमी के लगभग 15 दिन पहले ही हो जाती है।
भाद्रपद माह के कृष्ण पक्ष की अष्टमी के दिन देशभर मे श्री कृष्ण जन्माष्टमी का त्यौहार मनाया जाता है। साल 2022, में जन्माष्टमी का त्यौहार 19 अगस्त के दिन मनाया जाएगा। ऐसे में आज हम आपको इस ब्लॉग के माध्यम से यह बताने जा रहे है की, जयपुर के प्रसिद्ध गोविन्द देव जी मंदिर में जन्माष्टमी कैसे मनाई जाती है और इस दिन मंदिर परिसर में किन खास झांकियों का आयोजन किया जाता है, तो आइये जानते है-
देश में पिछले दो साल से कोरोनावायरस महामारी के कारण सभी उत्सवों पर प्रतिबंध लगा हुआ था, जिसके बाद अब स्थिति सामान्य होने के चलते हर्षोल्लास के साथ यह त्यौहार मनाया जाएगा। गोविन्द देव जी मंदिर में 4 अगस्त 2022 से ही विशेष कार्यक्रम आयोजित किये जा रहे है, जो 18 अगस्त 2022 तक चलेंगे। इस दौरान मंदिर परिसर में खास भजन मंडली के द्वारा भजन प्रस्तुति की जाती है, इसके साथ ही गोविन्द देव जी की विशेष झांकी भी सजाई जाती है, जिसमें अलग-अलग आभूषणों और पोशाक द्वारा भगवान का शृंगार किया जाता है। गोविन्द देव जी की झांकी इतनी मनमोहक होती है की लोग घंटो उनकी प्रतिमा के समक्ष खड़े होकर प्रार्थना करते है।
मंगला प्रातः | 4:30 से 6:45 |
धूप आरती प्रातः | 7:30 से 9:30 |
शृंगार आरती प्रातः | 9:45 से 11:30 |
राजभोग आरती मध्यान्ह | 11:45 से 1:30 |
ग्वाल आरती सायं | 4:00 से 6:30 |
संध्या आरती सायं | 6:45 से 8:30 |
शयन आरती रात्रि | 9:15 से 10:30 |
मंगला आरती रात्रि | 11:00 से 11:15 |
तिथि पूजा व अभिषेक - रात्रि 12:00 से 12:30
श्री कृष्ण जन्माष्टमी 2022 के पावन अवसर पर इन झांकियों का सीधा प्रसारण देखने के लिए आप नीचे दिए बटन पर क्लिक कर सकते है-
धूप आरती प्रातः | 7:30 से 8:45 |
शृंगार आरती प्रातः | 9:15 से 10:00 |
राजभोग आरती प्रातः | 10:45 से 11:30 |
ग्वाल आरती सायं | 6:00 से 6:30 |
संध्या आरती सायं | 7:00 से 8:15 |
शयन आरती रात्रि | 9:00 से 9:30 |
श्री कृष्ण जन्माष्टमी के इस पावन पर्व पर गोविन्द देव जी मंदिर में स्थापित भगवान कृष्ण की मूर्ति का पंचामृत से भव्य अभिषेक किया जाता है, चूँकि भगवान कृष्ण का जन्म मध्यरात्रि के समय हुआ था इसलिए यह अभिषेक 12 बजे के समय ही किया जाता है। भगवान कृष्ण के जन्म के बाद सभी ओर उत्सव का माहौल होता है और मंदिर में बधाई बांटी जाती है। भगवान नारायण को पीला रंग बहुत प्रिय है, जिस कारण जन्माष्टमी के अवसर पर गोविन्द देव जी को पीले रंग के वस्त्र धारण कराए जाते है।
यदि आप श्री कृष्ण जन्माष्टमी के अवसर पर आप जयपुर में है तो आपको एक बार अवश्य गोविन्द देव जी मंदिर की मनोरम झाकियों का दर्शन अवश्य करना चाहिए, इसके साथ ही आप ऊपर दिए गए बटन पर क्लिक कर ऑनलाइन माध्यम से घर बैठे भी दर्शन कर सकते है।
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