क्या होता है पारद शिवलिंग? (What is Parad Shivling?)
सावन के महीने में भगवान शिव को खुश करने के लिए लोग पूरी श्रद्धा से पूजा करते हैं। इस साल सावन 22 जुलाई 2024 से शुरू होने वाला है और शिवालयों में भक्तों की भीड़ लगी रहेगी। खासकर, इस समय पारद शिवलिंग की पूजा का बहुत महत्व है। शिवपुराण और लिंगपुराण में पारद शिवलिंग का जिक्र है और कहा गया है कि सावन में पारद शिवलिंग की पूजा करने से हजार शिवलिंग की पूजा का फल मिलता है।
शास्त्रों और पुराणों में पारद शिवलिंग को बहुत ही विशेष और चमत्कारी माना गया है। पौराणिक मान्यता के अनुसार पारद शिवलिंग की उत्पति भगवान शिव के अंश से हुई है। इसलिए इसकी पूजा से सभी पाप नष्ट हो जाते हैं। ब्रह्म पुराण में कहा गया है कि जो व्यक्ति पूरी श्रद्धा से पारद शिवलिंग की पूजा करता है, उसे सभी सांसारिक सुख मिलते हैं और अंत में मोक्ष प्राप्त होता है। जीवन में उसे मान-सम्मान, उच्च पद, नाम और यश, और विद्या की प्राप्ति होती है।
पारद शिवलिंग ऐसा शिवलिंग है, जिसके दर्शन मात्र से सभी शिवलिंगों के दर्शन का फल मिलता है। भारतीय दर्शन शिवपुराण में पारद शिवलिंग की बहुत प्रशंसा की गई है। यदि कोई व्यक्ति श्रावण मास में एक बार भी पारद शिवलिंग के दर्शन कर अभिषेक करे, तो उसके जन्म-जन्मांतर के पाप दोष शांत हो जाते हैं। आइए जानते हैं पारद शिवलिंग की पूजा के लाभ।
पारे को रसराज भी कहा जाता है और ग्रंथों में इसे स्वयं सिद्ध धातु बताया गया है। चरक संहिता और कई पुराणों में इसका वर्णन मिलता है। पारा एक तरल धातु है और इससे शिवलिंग बनाना बहुत कठिन कार्य है। सबसे पहले पारे को शुद्ध किया जाता है, जिसके लिए आठ अनुष्ठान किये जाते हैं। फिर कई औषधियों को मिलाकर पारे को ठोस बनाया जाता है।
अष्ट संस्कार की प्रक्रिया में लगभग 6 महीने लगते हैं और बाकी क्रियाओं में 2-3 महीने और लग जाते हैं। इसके बाद पारे से शिवलिंग तैयार हो जाता है। पारे को विशेष प्रक्रियाओं से शोधित किया जाता है, जिससे वह ठोस बन जाता है, और फिर उससे तुरंत शिवलिंग बना लिया जाता है। यह पूरी प्रक्रिया बहुत मुश्किल होती है।
पारद शिवलिंग का महत्व ब्रह्मपुराण, ब्रह्मवेवर्त पुराण, शिव पुराण, उपनिषद आदि ग्रंथों में वर्णित है। रुद्र संहिता में लिखा है कि रावण रसायन शास्त्र और तंत्र-मंत्र का जानकार था। उसने भी रसराज पारे के शिवलिंग का निर्माण कर और उसकी पूजा करके शिवजी को प्रसन्न किया था। ऐसा माना जाता है कि अगर पारद शिवलिंग की पूजा की जाए तो सभी मनोकामनाएं पूरी होती हैं। यहां तक कहा गया है कि जिस घर में पारद शिवलिंग की नियमित पूजा होती है, उस घर में किसी की अकाल मृत्यु नहीं होती है।
पारद शिवलिंग (Parad Shivling Puja) एक बहुत ही खास और शक्तिशाली शिवलिंग है। इसे आसानी से अस्त्रों मंत्रा के संस्थान से प्राप्त किया जा सकता है।
इसे लाने के बाद, अपने घर के मंदिर या ईशान कोण में स्थापित करें।
सबसे पहले, शिवलिंग को गंगा जल से स्नान कराएं।
फिर हाथ में फूल और चावल लेकर शिवजी का ध्यान करें और 5 बार "ॐ नम: शिवाय" मंत्र का जाप करते हुए शिवलिंग पर चढ़ाएं।
इसके बाद, शिवलिंग पर भस्म और चंदन का तिलक लगाएं और भांग, धतूरा, बेलपत्र और मिठाई चढ़ाकर शिवजी की आरती करें।
शिवजी जल्दी होते हैं प्रसन्न
पुराणों के अनुसार, शिवलिंग के मूल में ब्रह्मा, मध्य में भगवान विष्णु और ऊपर के भाग में भगवान शंकर विराजमान होते हैं। पारा एक धातु है, जिसमें चांदी मिलाकर पारद शिवलिंग बनाया जाता है। भगवान शिव को पारा बहुत पसंद है, इसलिए श्रावण मास में पारद शिवलिंग (Sawan parad shivling benefit) की पूजा करने से शिवजी जल्दी प्रसन्न होते हैं।
पापों से मुक्ति
कहा जाता है कि पारद शिवलिंग को छूने मात्र से सभी पापों से मुक्ति मिल जाती है। पारद शिवलिंग की पूजा जल और फूल अर्पित करके करनी चाहिए।
धन की प्राप्ति
ऐसा माना जाता है कि जिस घर में पारद शिवलिंग की पूजा की जाती है, वहां भगवान शंकर स्वयं निवास करते हैं। ब्रह्म पुराण के अनुसार सावन में प्रतिदिन पारद शिवलिंग की पूजा करने से व्यक्ति को मोक्ष की प्राप्ति होती है। पारद शिवलिंग के घर में होने से मां लक्ष्मी और कुबेर देवता भी वास करते हैं, जिससे धन-धान्य की कमी नहीं होती।
सुरक्षा कवच
सावन में पारद शिवलिंग की पूजा करने से ग्रह शांत हो जाते हैं और बुरी शक्तियाँ दूर रहती हैं। घर में पारद शिवलिंग होने से गलत मंशा से किए गए टोने-टोटके का असर खत्म हो जाता है और अकाल मृत्यु का भय नहीं रहता।
सकारात्मक ऊर्जा में वृद्धि
घर, ऑफिस या दुकान में पारद शिवलिंग रखने से नकारात्मक ऊर्जा सकारात्मक ऊर्जा में बदल जाती है। काम के प्रति एकाग्रता बढ़ती है, मन शांत रहता है और भाग्य चमक उठता है।
छात्रों के लिए लाभकारी
छात्रों के लिए पारद शिवलिंग की पूजा बहुत कल्याणकारी मानी गई है। इससे दिमाग तेज होता है और ज्ञान की प्राप्ति होती है। पारद शिवलिंग हमारे आसपास की आभा को संतुलित करता है और नकारात्मक ऊर्जा को दूर करता है। इससे देवी सरस्वती प्रसन्न होती हैं।
पितृ दोष से मुक्ति
घर में पारद शिवलिंग की स्थापना करने से पितृ दोष दूर हो जाता है।
बीमारियों में राहत
अगर घर का कोई व्यक्ति गंभीर बीमारी से पीड़ित है, तो उसे पारद शिवलिंग का अभिषेक किया हुआ जल पिलाने से जल्द ही आराम मिल जाता है।
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(यहां दी गई जानकारी सामान्य मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है. Dharmsaar इसकी पुष्टि नहीं करता है.)
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