कब है सावन शिवरात्रि 2024? (Sawan Shivratri 2024 Date)
हिन्दू धर्म के अनुसार शिवरात्रि का पवित्र त्योहार फरवरी या मार्च में मनाया जाता है, लेकिन सावन की शिवरात्रि का भी अपना अलग महत्व है। कुछ ही दिनों में भगवान शिव का प्रिय महीना सावन शुरू हो जाएगा। इस बार श्रावण 22 जुलाई 2024 को शुरू होगा और 19 अगस्त 2024 तक चलेगा. ऐसे में सावन के महीने में सोमवार के अलावा और भी कई खास दिन हैं जिन पर भगवान भोलेनाथ की विशेष पूजा की जाती है. उनमें से एक है सावन माह की शिवरात्रि, जो सावन माह के कृष्ण पक्ष की चतुर्दशी के दिन मनाई जाती है। हम आपको बताएंगे कि इस बार सावन शिवरात्रि कब मनाई जाएगी, शुभ मुहूर्त क्या है और इस दिन क्या करना चाहिए।
इस बार 2 अगस्त 2024 को हम सावन महीने की शिवरात्रि का पावन त्योहार मनाएंगे। यह त्योहार सावन महीने के कृष्ण पक्ष की चतुर्दशी तिथि को मनाई जाती है। इस दिन रात्रि में भगवान शिव की पूजा करने से भक्तों के सभी दुख और कष्ट दूर होते हैं और भगवान उन्हें मनचाहा वरदान देते हैं। इस बार सावन शिवरात्रि शुक्रवार के दिन पड़ रही है, जिससे सवार्थ सिद्धि योग बन रहा है। इस दिन आप भगवान शिव की पूजा करने के साथ ही मां लक्ष्मी की भी सच्चे मन से आराधना करें।
निशि काल पूजा समय : 12:06 बजे से 12:49 बजे तक
सावन शिवरात्रि चतुर्दशी तिथि प्रारम्भ: 2 अगस्त को दोपहर 3:26 PM
सावन शिवरात्रि चतुर्दशी तिथि समाप्त: 3 अगस्त को दोपहर 3:50 PM
चारो पहर की पूजा का समय
रात्रि प्रथम प्रहर पूजा समय - 07:11 PM से 09:49 PM तक
03 अगस्त, रात्रि द्वितीय प्रहर पूजा समय - 09:49 PM से 12:27 AM
03 अगस्त, रात्रि तृतीय प्रहर पूजा समय - 12:27 AM से 03:06 AM
03 अगस्त, रात्रि चतुर्थ प्रहर पूजा समय - 03:06 AM से 05:44 AM
सावन शिवरात्रि के दिन ब्रह्म मुहूर्त में उठकर स्नान करें ।
कृपया स्नान के बाद साफ कपड़े पहने और काले रंग के अलावा अन्य किसी रंग के कपड़े पहन लें ।
फिर नर्मदेश्वर शिवलिंग या घर में बने मंदिर में जाकर जल और दूध से शिवलिंग का अभिषेक करें।
अभिषेक पूरा करने के बाद शिवलिंग पर फूल, दितोरे, बेलपत्र, बेर आदि चढ़ाएं।
दूध, घी, चीनी, दही, गंगाजल और शहद से बने हुए पंचामृत का भोग लगाएं।
चंदन का उपयोग विशेष रूप से भगवान शिव की पूजा के लिए किया जाता है। बेलपत्र चढ़ाते समय आप चंदन का भी प्रयोग कर सकते हैं।
पूजा पूरी करने के बाद हमेशा श्री शिव चालीसा और शिव रुद्राष्टकम का पाठ करें।
शिवरात्रि के दिन और अन्य शिवरात्रि के दिनों में शराब का सेवन न करें।
भारत में अनगिनत शिव मंदिर हैं। सावन शिवरात्रि के दिन सभी शिवालयों में भक्तों की भारी भीड़ देखने को मिलती है. इसके अलावा कई लोग इस दिन अपने घर में स्थापित किए गए शिवलिंग की भी पूजा करते हैं। वे पूजा के दौरान भगवान शिव का आशीर्वाद लेते हैं और सुखी और स्वस्थ जीवन की कामना करते हैं। सावन शिवरात्रि के दिन व्रत और पूजा का विशेष महत्व इस प्रकार है:
1. सुख, शांति और प्रसन्नता की प्राप्ति होती है।
2. कहते हैं कि इससे सभी पापों से मुक्ति मिल जाती है।
3. इसका उपवास को करने से व्यक्ति की सभी मनोकामनाएं पूरी होंगी।
4. विवाहित महिलाएं खुशहाल वैवाहिक जीवन के लिए यह व्रत रखती हैं।
5. इस व्रत को करने से अविवाहित महिलाओं को भगवान शिव जैसा जीवनसाथी मिलता है।
सावन शिवरात्रि (Sawan shivratri 2024) का यह पर्व सनातन धर्म को मानने वालों के लिए बहुत खास माना जाता है। ऐसे में आप भी इस दिन भगवान शिव को प्रसन्न करने के लिए व्रत रख सकते हैं और उनकी पूजा कर सकते हैं। इस प्रकार, आपकी सभी इच्छाएँ पूरी होंगी।
(यहां दी गई जानकारी सामान्य मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है. Dharmsaar इसकी पुष्टि नहीं करता है.)
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