भगवान शिव के सबसे प्रिय माह, सावन की शुरुआत हो चुकी है। सावन के इस पावन महीने में सभी तरफ भगवान भोलेनाथ की श्रद्धापूर्वक पूजा-अर्चना की जा रही है। माना जाता है, यदि भक्त सच्चे मन से इस माह में भगवान शिव की उपासना करें तो उनकी मन की इच्छाएं अवश्य पूर्ण होती है।
धर्म शास्त्रों में भी इस बात का खास उल्लेख किया है की इस माह में की जाने वाली भगवान भोलेनाथ की पूजा कभी व्यर्थ नहीं जाती है। भगवान शिव की पूजा में इस्तेमाल किये जानें वाले पुष्प का खास महत्व बताया जाता है। ऐसे में आज इस ब्लॉग के माध्यम से हम आपको बताएंगे की वो कौनसे पुष्प है, जिन्हें भगवान शिव पर चढ़ाने से आपको सदा शुभ फल ही प्राप्त होंगे। इसके अलावा ब्लॉग के अंत में आप यह भी जानेंगे की वो कौनसा फूल है जिसे गलती से भी भगवान शिव पर नहीं चढ़ाना चाहिए।
तो आइये जानते है, किस फूल से क्या लाभ मिलेंगे।
माना जाता है यदि व्यक्ति लाल एवं सफेद आकड़े के फूल से भगवान शिव की पूजा करते है तो उन्हें मृत्युपरान्त मोक्ष की प्राप्ति होती है।
शमी के फूल लाल एवं सफेद आकड़े के पुष्प के अलावा यदि शमी वृक्ष के पत्तों से भगवान शिव की पूजा की जाए तो भी व्यक्ति को मोक्ष मिलता है।
चमेली माना जाता है भगवान शिव को चमेली या मोगरे का पुष्प बहुत प्रिय होता है, यदि व्यक्ति इन पुष्पों से भगवान शिव की पूजा करते है तो उनके जीवन में सकारात्मकता ऊर्जा का संचार होता है।
भगवान शिव की पूजा में यदि जूही के फूल का इस्तेमाल किया जाता है तो व्यक्ति की जीवन से दुख-दारिद्रय दूर हो जाते है, इसके साथ ही घर में कभी अनाज का अभाव नहीं होता है।
धतूरा, भगवान शिव के पसंदीदा पुष्पों में से एक है। शिव की पूजा धतूरे के बिना अधूरी मानी जाती है। माना जाता है यदि सावन के माह में दंपत्ति धतूरे का प्रयोग कर, भगवान शिव की पूजा करते है तो संतान सुख की प्राप्ति होती है।
हरसिंगार के फूल को शिउली के फूल के नाम से भी जाना जाता है। सफ़ेद रंग के इस फूल का भोलेनाथ की पूजा में प्रयोग करने से साधक के धन-वैभव के साथ सुख-समृद्धि की भी प्राप्ति होती है।
माना जाता है भगवान शिव के साथ ही समस्त देवी-देवताओं को कनेर का पुष्प बहुत प्रिय है।माना जाता है कि भगवान शंकर को यह पुष्प अर्पित करने से इच्छित धन की प्राप्ति होती है।
भोलेशंकर के पूजन में इन फूलों का प्रयोग कर आप न सिर्फ भगवान शिव को जल्दी प्रसन्न कर सकते है बल्कि बहुत से शुभ फल भी प्राप्त कर सकते है। इसके साथ ही वह एक पुष्प जिसका भगवान शिव की पूजा में कभी भी इस्तेमाल नहीं करना चाहिए वो केतकी का फूल है। पौराणिक कथाओं के अनुसार ऐसा माना जाता है की भगवान शिव ने केतकी को उनकी पूजा से वर्जित रहने का श्राप दिया था, जिस कारण से भूलकर भी शिव जी की पूजा में केतकी के पुष्प का प्रयोग नहीं करना चाहिए।
(Disclaimer: यहां दी गई जानकारी सामान्य मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है। Dharmsaar इसकी पुष्टि नहीं करता है।)
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