ज्योतिष शास्त्र के अनुसार, नवग्रहों का व्यक्ति के जीवन पर गहरा प्रभाव होता है। इनमें से शनि और राहु-केतु को कलयुग में खास महत्व दिया गया है। यदि राहु कुंडली में अशुभ स्थिति में हो, तो यह व्यक्ति की जिंदगी में अनेक परेशानियां और बाधाएं पैदा कर सकता है। राहु दोष से छुटकारा पाने के कई उपाय बताएं गए हैं। हालांकि भारत में कुछ ऐसे प्रमुख मंदिर हैं, जहां दर्शन मात्र से इस दोष से छुटकारा पाया जा सकता है।
आइए जानते हैं वे कौनसे खास मंदिर हैं, जहां आप राहु दोष से छुटकारा पा सकते हैं।
राहु का अशुभ प्रभाव व्यक्ति की जिंदगी में कई समस्याएं पैदा कर सकता है। ज्योतिष शास्त्र के अनुसार, राहु दोष से स्वास्थ्य, वित्तीय संकट और मानसिक तनाव हो सकते हैं। इसके कारण निर्णय लेने में कठिनाई और आत्मविश्वास की कमी भी महसूस हो सकती है। इसके अलावा, राहु की खराब स्थिति व्यक्ति के व्यक्तित्व पर भी नकारात्मक असर डालती है।
राहु दोष से छुटकारा पाने के लिए सबसे पहले आंध्र प्रदेश के चित्तूर जिले स्थित श्री कालहस्ती मंदिर का नाम आता है। यह मंदिर राहु और केतु को समर्पित प्रमुख मंदिरों में से एक है। यहां के विशेष राहु-केतु दोष निवारण अनुष्ठान बहुत प्रसिद्ध हैं। मान्यता है कि इस मंदिर में पूजा करने से राहु और केतु के दुष्प्रभावों को कम किया जा सकता है।
कर्नाटका के मंगलुरु शहर में स्थित राहु मंदिर एक महत्वपूर्ण धार्मिक स्थल है। हालांकि यह मंदिर बहुत प्रसिद्ध नहीं है। लेकिन इसकी मान्यता काफी अधिक है। देश भर से लोग राहु दोष से छुटकारा पाने के लिए यहां आते हैं। राहु को शांत करने के लिए श्रद्धालु यहां नियमित रूप से दर्शन और पूजा करते हैं। खासकर मानसिक तनाव या कर्ज से छुटकारा पाना के यहां विशेष अनुष्ठान किए जाते हैं।
तमिलनाडु के तंजौर जिले में स्थित तिरुनागेश्वरम मंदिर, नवग्रहों को समर्पित प्रमुख मंदिरों में से एक है। इस मंदिर को नागनाथस्वामी मंदिर और राहु स्थलम के नाम से भी जाना जाता हैं। यह मंदिर राहु दोष से परेशान लोगों के लिए महत्वपूर्ण है। एक विशेष अनुष्ठान के रूप में यहां राहु की पूजा के दौरान दूध से अभिषेक किया जाता है। मान्यता है कि इस पूजा से राहु-केतु दोष से मुक्ति मिलती है।
राहु मंदिर उत्तराखंड के पौड़ी जिले के थलीसैंड ब्लॉक में स्थित पैठाणी गांव में स्थित है। यह मंदिर भगवान शिव के साथ राहु की पूजा के लिए प्रसिद्ध है। राहु को समर्पित इस मंदिर को इन्द्रेश्वर मंदिर के नाम से भी जाना जाता है। कुछ कथाओं के अनुसार, यह वही स्थान है जहां भगवान विष्णु ने राक्षस स्वरभानु का वध किया था। कर्नाटक के साथ ही उत्तराखंड में स्थित यह दूसरा ऐसा मंदिर है, जो खासतौर पर राहु ग्रह को समर्पित है।
तमिलनाडु में स्थित नवग्रह मंदिर, नौ ग्रहों को समर्पित हैं। बता दें की ये मंदिर कुंभकोणम और मयिलादुथुराई के आसपास स्थित हैं। यदि किसी जातक की कुंडली में किसी विशेष ग्रह का अशुभ प्रभाव हो, तो वह यहां पूजा-अर्चना करने आते हैं। इस क्षेत्र के नवग्रह मंदिर, राहु समेत विभिन्न ग्रह दोषों से मुक्ति पाने के लिए प्रसिद्ध हैं। नवग्रह मंदिर में ग्रहों की ऊर्जा को संतुलित करने के लिए विशेष पूजा और अनुष्ठान किए जाते हैं।
राहु दोष से मुक्ति पाने के लिए मंदिरों में दर्शन और अनुष्ठान के अलावा, राहु यंत्र पूजा भी एक प्रभावी उपाय है। यंत्रों का उपयोग देवताओं को जल्दी प्रसन्न करने के लिए एक शक्तिशाली साधन माना जाता है। कहा जाता है कि यदि सिद्ध यंत्र स्थापित किया जाए, तो देवता स्वयं उस यंत्र में निवास करते हैं।
विशेष रूप से, राहु यंत्र राहु से जुड़ी नकारात्मक ऊर्जाओं को दूर करने में अत्यंत प्रभावी और फलदायक माना जाता है।
राहु यंत्र की पूजा के लिए इसे घर या ध्यान स्थल के दक्षिण-पूर्व कोने में स्थापित करें। ध्यान रखें की यंत्र को हमेशा एक साफ़ और पवित्र स्थान पर ही रखें। इस यंत्र की स्थापना के बाद, नियमित रूप से पूजा अवश्य करें।
राहु यंत्र की स्थापना करते समय "ॐ राहवे नमः" मंत्र का 21 बार जाप करें। फिर यंत्र के सामने दीपक और धूपबत्ती जलाएं। साथ ही, कुछ फूल भी अर्पित करें।
राहु दोष से मुक्ति पाने के लिए मंदिरों में पूजा और अनुष्ठान एक प्रभावी उपाय हैं। इसके अलावा, राहु यंत्र (rahu yantra online) की पूजा भी अत्यधिक कारगर साबित हो सकती है। अगर आप राहु दोष से छुटकारा पाना चाहते हैं, तो राहु यंत्र की पूजा एक बेहतरीन विकल्प है। हालांकि राहु यंत्र की स्थापना करने से पहले किसी अनुभवी ज्योतिषी से सलाह अवश्य लें।
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