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त्यौहार

Annapurna Jayanti 2023 | अन्नपूर्णा जयंती 2023 | तिथि, समय, महत्व व महत्वपूर्ण अनुष्ठान

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मार्गशीर्ष महीने की पूर्णिमा को अन्नपूर्णा जयंती मनाई जाती है। वैसे तो कभी भी भोजन का अपमान नहीं करना चाहिए, लेकिन अन्नपूर्णा जयंती के दिन इस बात पर खास ध्यान रखना चाहिए। मान्यता है कि इस दिन रसोई, चूल्हा आदि की पूजा करने से घर में धन और देवी की कृपा हमेशा बनी रहती है।

Annapurna Jayanti 2023 | अन्नपूर्णा जयंती 2023 | तिथि, समय, महत्व व महत्वपूर्ण अनुष्ठान

धार्मिक ग्रंथों में देवी अन्नपूर्णा को माता पार्वती का ही रूप माना जाता है। धरती पर अन्न और जल की कमी को दूर करने के लिए मां ने यह अवतार लिया था। हिंदू कैलेंडर के अनुसार, ब्रह्मा, विष्णु और अन्य देवताओं के आग्रह पर देवी पार्वती ने मार्गशीर्ष महीने की पूर्णिमा के दिन देवी अन्नपूर्णा का रूप लेने का निर्णय लिया। प्रत्येक वर्ष मनाएं जाने वाले इस दिन को अन्नपूर्णा जयंती (Annapurna Jayanti 2023) के नाम से जाना जाता है।


Annapurna Jayanti 2023 Date | कब मनाई जाती है अन्नपूर्णा जयंती

अन्नपूर्णा जयंती का दिन देवी अन्नपूर्णा के रूप में अवतरित देवी पार्वती को समर्पित है। मार्गशीर्ष माह में शुक्ल पक्ष की पूर्णिमा को हिंदू भक्तों द्वारा अन्नपूर्णा जयंती मनाई जाती है।

इस साल 2023 में अन्नपूर्णा जयंती 26 दिसंबर 2023, मंगलवार के दिन (Annapurna Jayanti 2023 Date) मनाई जाएगी। जो लोग इस शुभ दिन पर व्रत और पूजा करते हैं, उन्हें देवी अन्नपूर्णा का विशेष आशीर्वाद प्राप्त होता है। साथ ही उसके परिवार में शांति रहती है और कभी अन्न की कमी नहीं होती।

अन्नपूर्णा जयंती (Annapurna Jayanti 2023 Time) का शुरुआत व समापन समय इस प्रकार से है-

पूर्णिमा तिथि प्रारंभ समय - 26 दिसंबर 2023, सुबह 05:46 बजे

पूर्णिमा तिथि समापन समय - 27 दिसंबर 2023, सुबह 06:02 बजे


Annapurna Jayanti Rituals | अन्नपूर्णा जयंती महत्वपूर्ण अनुष्ठान

• सबसे पहले, भक्तों को सुबह-सुबह पूजा क्षेत्र और रसोई को साफ करना चाहिए। इसके बाद लोगों को अपने घरों, पूजा स्थलों और रसोई को शुद्ध करने के लिए गंगा जल छिड़कना चाहिए और फिर हल्दी, कुमकुम, अक्षत और फूलों से रसोई में गैस स्टोव की पूजा करनी चाहिए।

• पूजा स्थल पर देवी अन्नपूर्णा की मूर्ति रखें, एक धागा लें और उसमें 17 गांठें लगाएं, उसमें चंदन और कुमकुम मिलाएं और इसे देवी अन्नपूर्णा की तस्वीर या मूर्ति के पास रखें। इसके बाद भक्त देवी को भव्य साड़ियाँ और गहने चढ़ाते हैं।

• अन्नपूर्णा देवी की कहानी पढ़ने के बाद लोग आरती गाते हैं और अन्नपूर्णा देवी से आशीर्वाद और वरदान की प्रार्थना करते हैं। समारोह के बाद लोगों को गरीबों और जरूरतमंदों को भोजन कराना चाहिए और प्रसाद वितरित करना चाहिए।

• इसके बाद अन्नपूर्णा देवी के मंत्र "ओम ह्रीं अन्नपूर्णाय नमः" का 108 बार जाप करें। मंत्र जाप के बाद मां अन्नपूर्णा का ध्यान करें और उनसे प्रार्थना करें।

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