भारत में अनेकों व्रत-त्योहार मनाने की परंपरा है। यहां हर त्योहार के पीछे एक खास भावना जुड़ी होती है। इन्हीं त्योहारों में एक है गंगा दशहरा का पर्व। यह त्यौहार मां गंगा को समर्पित है। गंगा को भारत में मां का दर्जा दिया गया है। यह देश की सबसे पवित्र नदियों में से एक मानी जाती हैं। पौराणिक मान्यताओं के अनुसार, गंगा दशहरा के दिन ही मां गंगा धरती पर अवतरित हुई थी। हिंदू धर्म में इस दिन को बहुत शुभ माना जाता है। कहा जाता है कि मां गंगा के जल से सारे पाप नष्ट हो जाते हैं। इसलिए लोग इस दिन विशेष गंगा स्नान करते हैं।
गंगा दशहरा (ganga dusshera 2025) हिंदू कैलेंडर के अनुसार ज्येष्ठ माह के शुक्ल पक्ष की दशमी तिथि को मनाया जाता है। जो आमतौर पर मई-जून के महीने में आता है। यह दस दिनों तक मनाया जाता है, जिसमें गंगा दशहरा अंतिम दिन होता है। यह उत्तराखंड, उत्तर प्रदेश, बिहार और पश्चिम बंगाल राज्यों में सबसे लोकप्रिय रूप से मनाया जाता है। विशेषकर, ऋषिकेश, हरिद्वार, वाराणसी जैसे शहरों में गंगा दशहरा का उत्साह देखते ही बनता है।
चलिए जानते है, इस साल गंगा दशहरा कब है और इस पर्व से जुड़े कुछ महत्वपूर्ण अनुष्ठान-
गंगा दशहरा को गंगावतरण के नाम से भी जाना जाता हैं। इसका मतलब है 'गंगा का पृथ्वी पर अवतरित होना’। यह पर्व निर्जला एकादशी से ठीक एक दिन पहले मनाया जाता है। पंचांग के अनुसार, गंगा दशहरा ज्येष्ठ माह के शुक्ल पक्ष की दशमी तिथि को मनाया जाता है। इस साल, गंगा दशहरा का त्योहार गुरुवार, 5 जून 2025 (Ganga Dussehra Date 2025) को मनाया जाएगा।
गंगा दशहरा 2025 समय (Ganga Dussehra Time 2025) निम्नलिखित है -
गंगा दशहरा 2025 पर स्नान-दान मुहूर्त (Ganga Dussehra 2025 Shubh Muhurat) 5 जून को सुबह 4:07 बजे है। सिद्धि योग सुबह 9:14 बजे तक रहेगा। तैतिल करण दोपहर 1:02 बजे तक रहेगा। इस दिन गंगा नदी में तीन बार डुबकी जरूर लगाएं।
1. गंगा दशहरे का दिन पापों से छुटकारा पाने के लिए बहुत महत्वपूर्ण बताया गया है।
2. इस दिन ब्रह्मांड में दस शुभ वैदिक योग बनते हैं, जो इस पर्व को अत्यंत पावन बनाते हैं।
3. संस्कृत में दश का मतलब है- 'दस' और हर का मतलब है 'नष्ट करना'। इसलिए यह पर्व दस दोषों को अंत करने का प्रतीक माना जाता है।
4. इस दिन गंगा स्नान करने से मोक्ष की प्राप्ति होती है। साथ ही, इस पावन दिन गंगा स्तोत्र के पाठ का भी विशेष महत्व बताया गया है।
5. शास्त्रों के अनुसार यह दिन किसी भी नए कार्य के आरंभ हेतु अत्यंत मंगलकारी माना गया है। यही कारण है की इस दिन को अबूझ मुहूर्त कहा जाता है।
गंगा दशहरा के दिन इन वस्तुओं का दान-पुण्य करने से घर में सुख-समृद्धि आती हैं-
• पंखा
• छाता
• जूते या चप्पल
• तिल और घी
• दक्षिणा (धन)
• जल से भरा घड़ा
• धूप, दीप और अगरबत्ती
• गेहूं, चावल, चना, गुड़ आदि
• शरबत या ठंडे पेय पदार्थ
गंगा दशमी वह खास दिन है, जब मां गंगा धरती पर अवतरित हुई थीं। यह दिन पवित्रता और शुद्धि का प्रतीक है। इस दिन मां गंगा के पूजन के साथ स्नान-दान करने से हमारे सभी पापों से मुक्ति मिलती हैं। साथ ही पुण्य फल की भी प्राप्ति होती है।यदि गंगा घाट जाना संभव न हो, तो आप घर बैठे भी मां गंगा की पूजा कर सकते है। यहां ‘श्री गंगा चालीसा कॉम्बो किट’ (Shree Ganga Chalisa Combo Set) आपके लिए बहुत मददगार साबित हो सकता है। इस पूजन किट में आपको मिलेगा
• गंगा चालीसा
• गंगा आरती
• लक्ष्मी कवच
• पूजा सामग्री
• सफ़ेद कौड़ी
• पूजन सिक्का
• मां गंगा की प्रतिमा
• गंगा स्तोत्र व गंगा कवच
आप उपरोक्त दिए गए बटन पर क्लिक कर यह किट ऑर्डर कर सकते हैं। धर्मसार की ओर से आप सभी को गंगा दशमी की शुभकामनाएं।