गोविंदा द्वादशी एक शुभ हिंदू त्योहार है, जो पारंपरिक हिंदू कैलेंडर के अनुसार फाल्गुन महीने में शुक्ल पक्ष की द्वादशी को आता है। अंग्रेजी कैलेंडर का पालन करने वालों के लिए यह तिथि फरवरी और मार्च के मध्य में आती है। गोविंद द्वादशी भगवान विष्णु के भक्तों के लिए बहुत महत्वपूर्ण है।
इस दिन हिंदू धर्म के भक्त सुख-समृद्धि और दिव्य आशीर्वाद प्राप्त करने के लिए विधि विधान से भगवान विष्णु की पूजा करते है। शास्त्रों के अनुसार, इस दिन भगवान विष्णु के 'नरसिम्हा' अवतार की पूजा की जाती है, यही कारण है कि गोविंदा द्वादशी (Govinda Dwadashi 2024) को 'नरसिम्हा द्वादशी' के नाम से भी जाना जाता है। भारत के लोकप्रिय, पुरी के जग्गनाथ मंदिर में इस त्योहार का विशेष महत्व बताया जाता है।
एक अन्य मान्यता के अनुसार द्वापर युग में घटोत्कच के पुत्र बर्बरीक ने भगवान कृष्ण के आदेश पर इसी दिन अपना शीश दान किया था। कलयुग में शीश दानी को बाबा खाटूश्याम के नाम से पूजा जाता है। फाल्गुन माह के शुक्ल पक्ष में खाटूश्यामजी मंदिर में भव्य मेले का आयोजन होता है, जहां देश भर से श्रद्धालु आते है।
आइये जानते है, इस साल गोविन्द द्वादशी की तिथि (Govinda Dwadashi 2024 Date) , समय, महत्व व अन्य महत्वपूर्ण अनुष्ठान-
फाल्गुन माह के शुक्ल पक्ष में पड़ने वाली देवदाशी को "गोविंद देवदाशी" के नाम से जाना जाता है। हिंदू कैलेंडर के अनुसार, गोविंद देवदाशी 21 मार्च, गुरुवार (Govinda Dwadashi 2024 Date) को मनाई जाती है। देवदाशी तिथि भगवान विष्णु की पूजा के लिए शुभ मानी जाती है।
लोगों का मानना है कि अगर कोई व्यक्ति यहां आकर श्यामजी के दर्शन कर ले तो उसे सभी समस्याओं से छुटकारा मिल जाता है और उसकी सभी मनोकामनाएं पूरी हो जाती हैं। यह त्योहार, पुरी के जगन्नाथ मंदिर के साथ ही द्वारकाधीश मंदिर, तिरुमाला तिरुपति बालाजी मंदिर और वेंकटेश्वर स्वामी मंदिर में भी बड़े धूमधाम से मनाया जाता है।
द्वादशी तिथि प्रारम्भ: 21 मार्च 2024, प्रातः 02:23 बजे से
द्वादशी तिथि समाप्त: 22 मार्च 2024, प्रातः 04:44 बजे तक
अश्लेषा नक्षत्र- 21 मार्च 2024, 10:38 PM - 22 मार्च 01:27 AM
माघ नक्षत्र - 21 मार्च 2024, 01:27 AM - 23 मार्च 04:28 AM
• गोविंद द्वादशी के धार्मिक महत्व Govinda Dwadashi Ka Mehatv) का उल्लेख 'अग्नि पुराण' जैसे कई हिंदू धार्मिक ग्रंथों में किया गया है। यह दिन भगवान विष्णु के भक्तों के लिए बहुत शुभ माना जाता है।
• ऐसा माना जाता है कि इस दिन भगवान विष्णु की पूजा करने और गोविंदा द्वादशी व्रत रखने से जातक को इस संसार में सभी सुख प्राप्त होते हैं। अंततः व्यक्ति को मोक्ष की प्राप्ति होती है।
• हिंदू पौराणिक कथाओं के अनुसार, भगवान विष्णु ने नरसिम्हा के रूप में राक्षस राजा हिरण्यकशिपु का वध किया और अपने भक्त प्रह्लादकी जान बचाई। मान्यता है कि नरसिम्हा द्वादशी व्रत (Govinda Dwadashi 2024) के माध्यम से व्यक्ति को पिछले सभी पापों से मुक्त कर देता है। यह त्योहार बुराई पर अच्छाई की जीत का जश्न मनाता है।
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