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त्यौहार

Teej 2025 Date and Muhurat: कैसे मनाएं हरियाली तीज 2025? जानें तीज की सही तिथि, मुहूर्त और महत्वपूर्ण अनुष्ठान!

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सावन के पावन महीने की शुरुआत होते ही देशभर में त्यौहारों की रौनक दिखाई देती है। सिंजारे से लेकर रक्षाबंधन तक, सावन में कई त्यौहार मनाए जाते हैं। इन्हीं में से एक है हरियाली तीज का उत्सव। हरियाली तीज प्रेम, वैवाहिक सुख और भक्ति का प्रतीक है। यह व्रत सावन माह के शुक्ल पक्ष की तृतीया को देवी पार्वती और भगवान शिव को समर्पित होता है। इस दिन महिलाएं अपने पति की लंबी उम्र और खुशहाल जीवन की कामना करती हैं।

Teej 2025 Date and Muhurat: कैसे मनाएं हरियाली तीज 2025? जानें तीज की सही तिथि, मुहूर्त और महत्वपूर्ण अनुष्ठान!

सावन के महीने में तीज (teej 2025) का दिन सुहागिन स्त्रियों के लिए बेहद खास होता है। यह पर्व विवाहित महिलाओं का प्रमुख त्यौहार है। इस दिन महिलाएं साज-शृंगार कर देवी पार्वती की पूजा करती हैं। यह त्यौहार मुख्य रूप से भारत के उत्तरी और मध्य हिस्सों में मनाया जाता है। खासकर राजस्थान और मध्य प्रदेश में तीज की अलग ही रौनक देखने को मिलती है।

तो, आइए जानते हैं कि इस साल तीज कब मनाई जाएगी और इस पर्व से जुड़ें रोचक तथ्य और अनुष्ठान-

Hariyali Teej 2025 Date: कब मनाई जाएगी तीज 2025?

हरियाली तीज यह पर्व हर साल, श्रावण शुक्ल पक्ष की तृतीया तिथि को मनाया जाता है। इस साल रविवार, 27 जुलाई 2025 (teej date 2025) के दिन हरियाली तीज का यह पर्व मनाया जाएगा। तीज के खास मौके पर महिलाएं सोलाह श्रृंगार करके सजती-संवरती हैं और देवी पार्वती की पूजा करती हैं।

तीज 2025 की एक खास बात यह है कि इस दिन रवि योग का शुभ संयोग भी बन रहा है। यह योग 27 जुलाई को शाम 4:23 बजे से शुरू होगा और 28 जुलाई को सुबह 5:40 बजे तक रहेगा। शास्त्रों के अनुसार, रवि योग में व्रत और पूजा करना बहुत लाभकारी माना जाता है।


Hariyali Teej 2025 Shubh Muhurat : हरियाली तीज 2025 शुभ मुहूर्त

श्रावण तीज (shravan teej shubh muhurat) का शुभ मुहूर्त इस प्रकार है-

ब्रह्म मुहूर्त: सुबह 4:17 से 4:58 तक

अभिजीत मुहूर्त: दोपहर 12:00 से 12:55 तक

विजय मुहूर्त: दोपहर 2:43 से 3:38 तक


Hariyali Teej Ka Mehatav : हरियाली तीज का धार्मिक महत्व

• भारत के अनेकों व्रत-त्यौहार मनाएं जाते है। उन्हीं में से एक हरियाली तीज का त्यौहार भी है। यह पर्व श्रावण माह में मनाया जाता है, जब चारों ओर हरियाली का माहौल होता है। इसी कारण इसे 'हरियाली तीज' कहा जाता है।

• इस दिन, विवाहित हिंदू महिलाएं एक दिन का उपवास रखती हैं। वे देवी पार्वती से सुखी और आनंदमय वैवाहिक जीवन की प्रार्थना करती हैं। यह पर्व न केवल धार्मिक महत्व रखता है, बल्कि महिलाओं के लिए समर्पण और भक्ति का भी प्रतीक है।

• हरियाली तीज के दिन हरे रंग का विशेष महत्व होता है। इसलिए, महिलाएं इस दिन हरे रंग के वस्त्र पहनती हैं, हरी चूड़ियां पहनती हैं और हाथों में मेहंदी लगाती हैं।

• तीज का यह त्यौहार खासकर उत्तरी भारत के राज्य जैसे राजस्थान, बिहार, उत्तर प्रदेश, मध्य प्रदेश और झारखंड में मनाया जाता है। इसके अलावा, हरियाली तीज के साथ दो और तीजें मनाई जाती हैं, जिन्हें कजरी तीज (kajri teej) और हरतालिका तीज (hartalika teej) के नाम से जाना जाता है।


Hariyali Teej Rituals : तीज के मुख्य अनुष्ठान

तीज का दिन पति-पत्नी के सुखी वैवाहिक जीवन के लिए समर्पित है। जैसे भगवान शिव और माता पार्वती की जोड़ी हमेशा के लिए अमर है, वैसे ही इस दिन हर महिला भी भगवान से अमर सुहाग की प्रार्थना करती है। तीज के दिन महिलाएं कुछ खास अनुष्ठान (Teej Rituals in hindi) करती हैं। जैसे-

1. एक दिन पहले मनाया जाता है सिंजारा

सिंजारा, तीज से एक दिन पहले मनाया जाता है। इस दिन मेहंदी लगवाने की खास परंपरा है। महिलाएं मिलकर अपने हाथों में सुंदर डिज़ाइनों वाली मेहंदी लगवाती हैं। साथ ही, वे साज-सज्जा का सामान भी खरीदती हैं।


2. तीज का विशेष झूला

तीज के दिन महिलाएं नए कपड़े पहनती हैं और सोलह-श्रृंगार करती हैं। सावन महीने में झूला झूलना बहुत शुभ माना जाता है। तीज के दिन झूला झूलने की परंपरा सदियों से चली आ रही है। इस दिन विवाहित महिलाएं और युवतियां झूला झूलती हैं और तीज के लोकगीत गाती हैं।


3. तीज पर बय्ये का महत्व

बया तीज पर व्रत रखने वाली महिलाओं को दिया जाने वाला एक पारंपरिक उपहार है। बय्ये में सूखे मेवे, मठरियां, नए कपड़े, चूड़ियां और गहने शामिल होते हैं। एक मान्यता के अनुसार, नवविवाहित वधु (Teej Rituals in hindi) के मायके से यह वस्तुएं भेजी जाती हैं। ये उपहार खासतौर पर बहू की मां द्वारा भेजे जाते हैं।


4. बुजुर्ग महिला का सम्मान

हरियाली तीज के दिन विवाहित महिलाएं अपनी सास या किसी बड़ी महिला को सुहाग का सामान दान करती हैं। यह परंपरा उनके सम्मान का प्रतीक मानी जाती है। सुहाग की वस्तुएं दान देने के बाद, उन महिलाओं के पांव छूकर आशीर्वाद भी लिया जाता है।


5. उपवास और व्रत कथा

तीज के दिन महिलाएं निर्जला व्रत रखती हैं। यह व्रत भक्ति और शक्ति का प्रतीक माना जाता है। तीज के दिन महिलाएं शाम को एक जगह इकट्ठा होकर तीज कथा सुनती हैं। यह एक प्राचीन कथा है, जो माता पार्वती और भगवान शिव के अद्भुत प्रेम और आस्था को समर्पित है।


6. सोलह श्रृंगार और लहरिया

तीज के दिन महिलाएं लहरिया पहनती हैं। यह राजस्थान (Teej festival in Rajasthan) और मध्य प्रदेश में काफी लोकप्रिय है। इसके अलावा, देश के कुछ हिस्सों में महिलाएं लाल या हरे रंग के कपड़े पहनती हैं। तीज के दिन हरा रंग विशेष रूप से लोकप्रिय है, क्योंकि यह प्रकृति और विकास का प्रतीक माना जाता है। तीज के दिन महिलाएं सोलह श्रृंगार करके तैयार होती हैं और तीज माता से अमर सुहाग की प्रार्थना करती हैं।


धर्मसार की ओर से अमर सुहाग और अखंड सौभाग्य के प्रतीक, हरियाली तीज (teej 2025) की सभी को हार्दिक शुभकामनाएं!

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