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त्यौहार

Hariyali Amavasya 2024: इस हरियाली अमावस्या 2024 को शिव पार्वती की पूजा से पुण्य कमाए जानें तारीख, समय, पूजा विधि और महत्व

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आज हम आपको सावन 2024 में मनाए जाने वाले हरियाली अमावस्या पर्व के बारे में बताएंगे।

Hariyali Amavasya 2024: इस हरियाली अमावस्या 2024 को शिव पार्वती की पूजा से पुण्य कमाए जानें तारीख, समय, पूजा विधि और महत्व

हरियाली अमावस्या, जिसे 'श्रावण अमावस्या' भी कहा जाता है, भारतीय संस्कृति और परंपराओं में विशेष स्थान रखती है। इस दिन को प्रकृति और भक्ति का संगम माना जाता है, जो हमारे जीवन में संतुलन और समृद्धि लाने का प्रतीक है सावन का महीना सौभाग्य और हरियाली लेकर आता है। इस माह में मनाए जाने वाले व्रत और त्योहार भी विशेष माने जाते हैं। सावन के इस महीने में रक्षा बंधन, तीज और अन्य सभी महत्वपूर्ण त्योहार मनाए जाते हैं। इसके अलावा सावन का महीना भगवान शिव के लिए भी बहुत महत्वपूर्ण है। ऐसे में आज हम आपको सावन 2024 में मनाए जाने वाले हरियाली अमावस्या पर्व के बारे में बताएंगे।

सावन 2024 माह में आने वाली यह हरियाली अमावस्या (Hariyali Amavasya 2024) वन कार्य और पितृ श्राद्ध के लिए है। श्रावण मास के कृष्ण पक्ष की अमावस्या को हरियाली अमावस्या कहा जाता है। देश के कई हिस्सों में इस दिन को पर्यावरण संरक्षण दिवस के रूप में भी मनाया जाता है। इस दिन विशेष रूप से भोलेनाथ की पूजा की जाती है क्योंकि यह श्रावण माह में भगवान शंकर के लिए महत्वपूर्ण है। यह दिन उन लोगों के लिए भी एक महत्वपूर्ण दिन है जो कृषि कार्य करते हैं, खासकर जब इस दिन पेड़ लगाए जाते हैं।


हरियाली अमावस्या 2024 तिथि:Hariyali Amavasya 2024 Date

हरियाली अमावस्या श्रावण शिवरात्रि के अगले दिन आती है, जो चतुर्दशी तिथि को आती है। यह त्यौहार भगवान शिव के प्रिय माह श्रावण कृष्ण पक्ष की अमावस्या के दिन मनाया जाता है। इस साल हरियाली अमावस्या का त्योहार (Hariyali Amavasya 2024 Date) 4 अगस्त, रविवार को मनाया जाएगा। इस तिथि का शुभ समय और समय इस प्रकार है:


हरियाली अमावस्या 2024 शुभ मुहूर्त:Hariyali Amavasya 2024 Shubh Muhurat

हरियाली अमावस्या तिथि प्रारंभ

3 अगस्त 2024 को दोपहर 3:50 PM 

हरियाली अमावस्यातिथि समापन

4 अगस्त 2024 को शाम 4:42 PM 


हरियाली अमावस्या का महत्व:Significance of Hariyali Amavasya

  • हरियाली अमावस्या को बहुत ही शुभ दिन माना जाता है, क्योंकि यह मानसून के मौसम की शुरुआत का प्रतीक है, जब प्रकृति अपने सबसे हरे-भरे रूप में होती है।
  • ऐसा माना जाता है कि इस दिन पौधा लगाने से सुख-समृद्धि आती है और जीवन की सभी समस्याएं दूर होती हैं।
  • हरियाली अमावस्या भगवान शिव और देवी पार्वती से जुड़ी हुई है। इस दिन भक्त बड़ी श्रद्धा से उनकी पूजा करते हैं।
  • विवाहित महिलाएं अपने पति की लंबी उम्र और अपने परिवार की खुशहाली के लिए देवी पार्वती का आशीर्वाद लेने के लिए व्रत रखती हैं और अनुष्ठान करती हैं।
  • चूड़ियाँ, सिंदूर और मिठाई जैसी शुभ वस्तुएँ बाँटना सौभाग्य लाने वाला माना जाता है।
  • इस दिन पीपल और तुलसी के पौधों की पूजा करना एक महत्वपूर्ण अनुष्ठान है।
  • मथुरा और वृंदावन के कृष्ण मंदिरों और उत्तर भारत के शिव मंदिरों में विशेष प्रार्थनाएँ और अनुष्ठान किए जाते हैं।
  • वृंदावन के बांके बिहारी मंदिर में फूल बांग्ला उत्सव कृष्ण भक्तों के लिए एक प्रमुख आकर्षण है।
  • इस शुभ दिन पर लोग उपवास रखते हैं, अपने पूर्वजों के लिए पिंडदान करते हैं और दान-पुण्य करते हैं।

यहां दी गई जानकारी सामान्य मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है. Dharmsaar इसकी पुष्टि नहीं करता है.

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