हारे का सहारा, बाबा श्याम हमारा! खाटू महाराज के दरबार में इस नारे की गूंज हमेशा सुनाई देती है। कलियुग में सबसे अधिक पूजे जाने वाले देवताओं में से एक बाबा खाटू के दरबार में किसी की भी मनोकामना खाली नहीं जाती है। हर साल फाल्गुन के महीने में बाबा खाटू के धाम में लक्खी फाल्गुन मेले का आयोजन किया जाता है। सभी खाटू भक्तों को सालभर से इस मेले का अत्यधिक इंतज़ार रहता है।
खाटूश्यामजी मेले (khatu Mela 2023) का आयोजन हर साल फाल्गुन मास में होता है। इसकी मेले की शुरुआत शुक्ल पक्ष की षष्ठी से होती है, और इसका समापन शुक्ल पक्ष की द्वादशी को होता है। इस ब्लॉग के माध्यम से हम आपको साल 2023 में आयोजित होने वाला फाल्गुन खाटूश्यामजी मेले की तिथि और इस मेले से जुड़ी सभी प्रकार की जानकारी देने जा रहे है, तो इसे अंत तक ज़रूर पढ़े-
खाटू श्याम का भव्य लक्खी मेला (Falgun Mela 2023) राजस्थान के सीकर जिले में आयोजित होता है। इस मेले का हिस्सा बनने के लिए देश-विदेश से श्रद्धालु यहां आते है और श्याम बाबा के दर्शन करते है। इस साल, 22 फरवरी 2023 (Falgun Mela 2023 Date) से इस विशाल मेले का आयोजन किया जाएगा। वही इस मेले का समापन मार्च महीने के पहले सप्ताह में होगा। इस शानदार मेले में हर तरह की व्यवस्थाएं श्रद्धलुओं को उपलब्ध करवाई जाती है।
खाटू श्याम जी फाल्गुन मेला 2023 तिथि (falgun mela 2023 dates) प्रकार से है-
षष्ठी | शनिवार, 25 फरवरी 2023 |
सप्तमी | रविवार, 26 फरवरी 2023 |
अष्टमी | सोमवार, 27 फरवरी 2023 |
नवमी | मंगलवार, 28 फरवरी 2023 |
दशमी | बुधवार, 1 मार्च 2023 |
एकादशी | गुरूवार, 2 मार्च 2023 |
एकादशी | शुक्रवार, 3 मार्च 2023 |
द्वादशी | शनिवार, 4 मार्च 2023 |
1. इस साल खाटू मेले (Khatu Mela 2023) में भक्तगण, खाटू बाबा का झंडा मंदिर तक नहीं ले जा सकेंगे। मंदिर समिति के अनुसार, इस बार लखदातार मैदान के पास ही बाबा के भक्तों को निशान या झंडे इकट्ठे करने की व्यवस्था की गई है।
2. फाल्गुन मेले (Falgun Mela 2023) में उपस्थित होने वाले कतार में खड़े भक्तों को पानी पिलाने की उचित व्यवस्था की गई है। समय-समय पर उनके पास ही पानी पहुंचा दिया जाएगा। ऐसे में उन्हें लाइन से कई भी निकलने की आवश्यकता नहीं पड़ेगी।
3. जो भी व्यक्ति विशेष भक्तों के लिए भंडारा का आयोजन करना चाहते है, उन्हें प्रशासनिक अनुमति लेना अनिवार्य होगा।
4. फाल्गुन मेले (Falgun Mela 2023) के मुख्य मैदान से होकर श्रद्धालु लगभग 75 फीट लंबी लाइनों से गुजर कर श्याम बाबा के दरबार में पहुंचेंगे। इतना ही नहीं मंदिर के भीतर भी 16 नई कतारों का निर्माण किया गया है।
5. मंदिर परिसर में भगदड़ न हो, इसलिए 8 अलग निकासी के मार्ग तैयार किए गए है। इसके साथ ही मंदिर प्रांगण के बाहर की ओर एक पूछताछ केंद्र बनाया भी बनाया गया है, इस सूचना केंद्र के माध्यम से श्रद्धालुओं की मेले से जुड़ी सभी जानकारी मिल सकेगी।
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