हिन्दू धर्म में नवरात्रि का त्यौहार देवी आदि शक्ति को समर्पित होता है। नवरात्रि के इन 9 दिनों में देवी के 9 स्वरूपों की पूजा की जाती हैं। नवरात्रि के अंतिम दिन को नवमी कहा जाता है। हिन्दू पंचांग के अनुसार आश्विन मास के शुक्ल नवमी तिथि को महानवमी कहा जाता हैं। महानवमी को मां दुर्गा के सिद्धिदात्री स्वरूप की आराधना की जाती है।
हिन्दू धर्म में मां सिद्धिदात्री को भय और रोग से मुक्त करने वाली देवी के रूप में जाना जाता है। माना जाता है की मां सिद्धिदात्री कृपा जिस पर होती है, उसके सभी कार्य सिद्ध हो जाते है। इस दिन कन्या पूजन और हवन आदि करने का भी विशेष महत्व बताया जाता है। ऐसे में, आइये जानते है इस वर्ष महानवमी किस दिन मनाई जाएगी और इस दिन कन्या पूजन का क्या महत्व है।
साल 2022 में शारदीय नवरात्रि का प्रारंभ 4 अक्टूबर से होने जा रहा है, जिसका समापन 5 अक्टूबर 2022 को विजयदशमी के साथ होगा। इस अनुसार 4 अक्टूबर 2022 को महानवमी का त्यौहार मनाया जाएगा। इस दिन के साथ नवरात्रि में रखें जाने वाले 9 दिवसीय उपवास का पारण किया जाता है। शुक्ल पक्ष के अश्विनी तिथि का आरंभ 03 अक्टूबर 2022 को शाम 04 बजकर 37 मिनट से होगा, और इसका समापन 04 अक्टूबर 2022 को दोपहर 02 बजकर 20 मिनट को होगा।
माना जाता है की नवरात्रि के समय कन्या पूजन करने के बाद ही नवरात्रि के उपवास का फल प्राप्त होता है। बहुत से लोग अष्ठमी को भी कन्या पूजन करते है, वहीं कई लोग नवमी को भी कन्याओं भोजन करवा कर पूजन करते है। इसे कंजक पूजन के नाम से भी जाना जाता है। आइये जानते नवमी व अष्ठमी को कन्या पूजन का क्या महत्व होता है-
नवमी के दिन 9 कन्याओं का पूजन करने से सौभाग्य की प्राप्ति होती है।
इस दिन कन्याओं का पूजन करने से देवी मां की विशेष कृपा प्राप्त होती है।
2-10 वर्ष तक की कन्याओं का पूजन करने से शुभ फल की प्राप्ति होती है।
कन्या पूजन करने से घर-परिवार में प्रेम और सुख-समृद्धि का संचार होता है।
इस दिन भोजन करवाकर कन्याओं के पैर छूकर आशीर्वाद लेने का भी महत्व बताया जाता है।