हिन्दू कैलेंडर के अनुसार आश्विन शुक्ल पक्ष की 11वीं तिथि को पापाकुंशा एकादशी के नाम से जाना जाता है। यह एकादशी का दिन श्री कृष्ण के भक्तों के लिए बहुत महत्वपूर्ण है। पुराणों के अनुसार, जो लोग इस एकादशी का व्रत करते हैं उन्हें जीवन में समृद्धि, खुशी और प्रचुरता का आशीर्वाद मिलता है। साथ ही पिछले पापों कर्मों से भी मुक्ति मिलती है।
समस्त पापों का नाश करने वाली और उनसे मुक्ति दिलाने के कारण ही इसे पापांकुशा एकादशी के नाम से जाना जाता है। शास्त्रों में इस व्रत के कई लाभ बताए गए है। माना जाता है कि इस व्रत के परिणामस्वरूप लोगों को मृत्यु के बाद मोक्ष और स्वर्ग की प्राप्ति होती है। इसके साथ ही उस व्यक्ति की अगली 10 पीढ़ियों को भी इस एकादशी का फल प्राप्त होता है।<
आइये जानते है पापाकुंशा एकादशी 2023 की तिथि, समय , शुभ मुहूर्त व इस पर्व का धार्मिक महत्व-
इस साल बुधवार, 25 अक्टूबर 2023 (Papankusha Ekadashi 2023 Date) के दिन पापांकुशा एकादशी का यह व्रत रखा जाएगा। पापांकुशा एकादशी भगवान विष्णु के अवतार भगवान पद्मनाभ को समर्पित है। इस दिन भक्त पूरी श्रद्धा और उत्साह के साथ भगवान पद्मनाभ की पूजा करते है।
एकादशी तिथि प्रारम्भ | 24 अक्टूबर 2023, 3:14 बजे PM से |
एकादशी तिथि समाप्त | 25 अक्टूबर, 2023 दोपहर 12:32 बजे तक |
भद्रा आरंभ समय | 25 अक्टूबर 2023, बुधवार प्रातः 01:54 बजे से |
भद्रा समापन समय | 25 अक्टूबर 2023, बुधवार दोपहर 12:32 बजे तक |
नक्षत्र
• इस एकादशी की महिमा का वर्णन ब्रह्म वैवर्त पुराण में किया गया है। यह एकादशी आपके जीवन में किए गए हर पाप से छुटकारा दिलाने के लिए सबसे अधिक शुभ मानी जाती है।
• पापांकुशा एकादशी का व्रत (papankusha ekadashi significance in Hindi) करने से लोगों को सुख-समृद्धि, स्वास्थ्य और अन्य शुभ लाभ मिलते है। इस एकादशी व्रत से 1000 अश्वमेध यज्ञ और 100 सूर्य यज्ञ करने के बराबर फल की प्राप्ति होती है।
• पापांकुशा एकादशी (papankusha ekadashi 2023) विष्णु जी के अवतार, भगवान पद्मनाभ को समर्पित है। इस दिन, भक्त उत्साह और भक्ति के साथ भगवान पद्मनाभ से प्रार्थना करते हैं। माना जाता है कि आशीर्वाद स्वरुप भगवान अपने भक्त के जीवन में सुख समृद्धि प्रदान करते है।