सावन का महीना तीज त्यौहारों का पर्व है। यह एक ऐसा महीना है, जिसमें हिन्दू धर्म के प्रमुख व्रत-त्यौहार मनाएं जाते है। इन्हीं त्यौहारों में से एक, रक्षा बंधन का पर्व है। भाई-बहन के पवित्र और अटूट रिश्ते को दर्शाता रक्षाबंधन का यह पर्व बहुत ही खास माना जाता है। इस दिन बहने अपने भाईओं के कलाई पर राखी बांधती है और भाई बदले में अपने बहनों को उम्रभर साथ निभाने और रक्षा करने का वचन देता है।
प्रत्येक वर्ष रक्षा बंधन (Raksha Bandhan 2023) का यह त्यौहार, हिन्दू चंद्र कैलेंडर के अनुसार श्रावण महीने में पूर्णिमा के दिन मनाया जाता है। रक्षा बंधन भारत में दशकों से मनाया जाता रहा है और यह त्यौहार भारत के सभी हिस्सों, खासकर उत्तर और पश्चिम में बहुत उत्साह के साथ मनाया जाता है। राखी के अवसर पर, बहनें भाई की कलाई पर एक मौली या बैंड बांधती है, जो एक-दूसरे के प्रति प्यार और समर्थन को समर्पित है।
रक्षाबंधन का यह उत्सव मिठाइयों और उपहारों के आदान-प्रदान के साथ खुशी और उत्साह से भरपूर होता है। रक्षा बंधन का सांस्कृतिक और पारंपरिक धरोहर का अद्भुत मिश्रण है। आइए जानते है, रक्षाबंधन की तिथि, (raksha bandhan 2023 date), रीति-रिवाज,महत्व व राखी बांधने का शुभ मुहूर्त (raksha bandhan muhurat in 2023)।
हिन्दू पचांग के अनुसार, हर साल श्रावण शुक्ल पक्ष की पूर्णिमा के दिन रक्षा बंधन का यह पर्व मनाया जाता है। इस साल 2023, सावन महीने की पूर्णिमा तिथि की शुरुआत 30 अगस्त को सुबह 10 बजकर 58 मिनट से होने जा रही रही है। जिस कारण रक्षा बंधन का यह उत्सव बुधवार, 30 अगस्त 2023 (raksha bandhan 2023 date) को मनाया जाएगा।
लेकिन दैनिक पंचांग के मुताबिक, 10 बजकर 58 मिनट से भद्रा काल शुरू होने जा रहा है, जो कि रात 09 बजकर 01 मिनट तक चलेगा। धर्म शास्त्रों में भद्रा काल में राखी बांधना अशुभ माना जाता है। ऐसे में यहां हम आपको राखी बाधने का शुभ मुहूर्त (raksha bandhan mein rakhi bandhne ka shubh muhurt) व समय बताने जा रहे है-
रक्षाबंधन 2023 की तारीख 30 अगस्त, बुधवार है। इस वर्ष राखी बांधने (raksha bandhan rakhi bandhne ka samay) का शुभ मुहूर्त 30 अगस्त 2023 को रात 09:01 मिनट से शुरू होगा। वही इस मुहूर्त का समापन 31 अगस्त 2023 के दिन सूर्योदय काल में सुबह 07:05 बजे पर होगा।
राखी बांधने का सर्वश्रेष्ठ मुहूर्त 2023 | 30 अगस्त 2023 , रात्रि 09:01 बजे के बाद |
रक्षा बंधन भद्रा काल प्रांरभ समय | सुबह 10:58 मिनट से |
रक्षा बंधन भद्रा पुंछा | शाम 05:30 बजे से शाम 06:31 बजे तक |
रक्षा बंधन भद्रा मुख | शाम 06:31 बजे से रात 08:11 बजे तक |
रक्षा बंधन भद्रा समापन समय | रात्रि 09:01 बजे तक |
रक्षाबंधन का प्रांरभ देवी-देवताओं के युग तक जाती है। एक लोकप्रिय किंवदंती के अनुसार, द्रौपदी ने दुष्ट राजा शिशुपाल को मारने के लिए लड़ते समय भगवान कृष्ण की उंगली में चोट लगने पर उनकी कलाई पर कपड़े का एक टुकड़ा बांध दिया था। बदले में कृष्ण ने उसकी रक्षा करने का वादा किया।
मध्यकालीन इतिहास में एक भाई द्वारा अपनी बहन से किए गए वादे के बारे में एक और महत्वपूर्ण संस्करण है। जब गुजरात के बहादुर शाह द्वारा हमला किया गया, तो मेवाड़ की रानी कर्णावती ने सम्राट हुमायूँ को राखी भेजी और उनसे मदद मांगी। इस भाव से प्रभावित होकर मुगल शासक ने अपना सैन्य अभियान छोड़ दिया और बिना एक भी पल गवाएं हुए रानी की मदद के लिए चल पड़े।
1905 में बंगाल के विभाजन के दौरान, रवीन्द्रनाथ टैगोर ने बंगाल के हिंदुओं और मुसलमानों के बीच एकजुटता और प्रेम की भावना को प्रोत्साहित करने के लिए राखी महोत्सव की शुरुआत की।
• रक्षा बंधन सीमाओं से परे है और परिवारों को एकजुट करता है। इसके साथ ही यह दिन भाई-बहन के रिश्ते को और भी मजबूत बनाता है।
• भारत में रक्षा बंधन भाइयों और बहनों के बीच पवित्र बंधन के सम्मान स्वरुप के लिए मनाया जाने वाला त्यौहार है। यह भाई-बहनों के एक-दूसरे के प्रति गहरे स्नेह, प्रेम और सुरक्षा का प्रतीक है।
• यह पर्व भाई-बहन के रिश्ते को मजबूत करता है और परिवार में प्रेम, एकता और सम्मान की भावना को बढ़ाता है। यह किसी भी रिश्ते में आवश्यक समर्थन, विश्वास की भावना को दर्शाता है।
इस प्रकार राखी या रक्षा बंधन (Raksha Bandhan 2023) का यह उत्सव हर प्रकार से सौहार्द, विश्वास और प्रेम को बढ़ावा देता है और आपसी मनमुटाव और शिकायतों को दूर करता है। धर्मसार कि ओर से आप सभी को रक्षाबंधन 2023 (2023 Raksha Bandhan) की हार्दिक शुभकामनाएं।