सावन का महीना शुरू होते ही भगवान शिव के भक्तों में एक अलग उत्साह देखने को मिलता है। शास्त्रों के अनुसार श्रावण को भगवान शिव को अत्यधिक प्रिय मास माना जाता है। इस महीने में सच्चे मन से की गयी, भगवान शिव की पूजा कभी विफल नहीं जाती है। हर माह में आने वाली शिवरात्रि के दिन विधि-विधान से माता पार्वती और भगवान शिव की पूजा की जाती है, ऐसे में सावन मास में आने शिवरात्रि का महत्व और भी अधिक बढ़ जाता है।
हर माह की कृष्ण पक्ष की चतुर्दशी तिथि को मासिक शिवरात्रि के रूप में मनाया जाता है। एक वर्ष में आमतौर पर बारह बार शिवरात्रि का पर्व आता है। चूंकि पूरा श्रावण महीना शिव पूजा के लिए समर्पित है, इसलिए सावन महीने के दौरान मास शिवरात्रि को अत्यधिक शुभ माना जाता है। हालंकि, हिन्दू धर्म में फाल्गुन मास में आने वाली महाशिवरात्रि को सबसे महत्वपूर्ण शिवरात्रि माना जाता है।
वैसे तो श्रावण मास के सभी दिन श्रद्धालु भोलेबाबा की विधि-विधान से पूजा करते है, लेकिन सावन शिवरात्रि की पूजा का खास महत्व बताया जाता है। ऐसे में आज के इस ब्लॉग में हम आपके साथ सावन शिवरात्रि 2023 की तिथि एवं पूजन के शुभ मुहूर्त, साझा करने जा रहे है। सावन शिवरात्रि के दिन आप घर में नर्मदेश्वर शिवलिंग की भी स्थापना कर सकते है। ऐसा करना अत्यधिक शुभ माना जाता है।
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आइये जानते है सावन शिवरात्रि 2023 की तिथि, समय, श्रेष्ठ मुहूर्त एवं अन्य सम्बंधित जानकारी-
सावन के महीने में मनाई जाने वाली मासिक शिवरात्रि को 'सावन शिवरात्रि' के नाम से जाना जाता है और इस साल यह 15 जुलाई (Sawan Shivratri 2023 Date) को पूरे देश में बड़े उत्सव के साथ मनाई जाएगी। हिन्दू पंचांग के अनुसार, सावन (Sawan Shivratri 2023 Time) कृष्ण पक्ष की चतुर्दशी तिथि 15 जुलाई को शाम 05:02 बजे शुरू होगी और 16 जुलाई 2023 को शाम 06:38 बजे समाप्त होगी।
शिवरात्रि पारण समय | 16 जुलाई 2023, सुबह 5:47 से शाम 5:49 तक |
रात्रि, प्रथम पहर पूजा समय | 15 जुलाई 2023, रात्रि 9:51 से 11:50 बजे तक |
रात्रि, द्वितीया पहर पूजा समय | 16 जुलाई 2023, रात्रि 11:50 से 01:49 बजे तक |
रात्रि, तृतीया पहर पूजा समय | 16 जुलाई 2023, रात्रि 01:49 से 03:48 बजे तक |
रात्रि, चतुर्थी पहर पूजा समय | 16 जुलाई 2023, रात्रि 03:48 से सुबह 05:47 बजे तक |
• शिवरात्रि के दिन ब्रह्मा मुहूर्त के समय उठे और स्नान कर सभी चीज़ों से निवृत हो जाए।
• स्न्नान आदि के बाद स्वच्छ वस्त्र धारण करें और काल रंग के अलावा अन्य किसी अन्य रंग के धारण करें।
• अब घर में स्थापित नर्मदेश्वर शिवलिंग या मंदिर में जाएं और जल एवं दूध से अभिषेक करें।
• अभिषेक संपन्न करने के बाद शिवलिंग पर पुष्प, धतूरा, बेलपत्र, बेर इत्यादि चढ़ाएं।
• भगवान शिव की पूजन में चन्दन का विशेष तौर पर प्रयोग करें, बेलपत्र चढ़ाते समय भी आप उस पर भी चंदन लगा सकते है।
• पूजन विधि संपन्न करने के बाद श्री शिव चालीसा और शिव रुद्राष्टकम का पाठ अवश्य करें।
• सावन शिवरात्रि के दिन या सावन के किसी भी दिन पर मास-मदिरा का बिल्कुल भी सेवन न करें।
भारत में लाखों की संख्या में शिव मंदिर मौजूद है। सावन शिवरात्रि के दिन इन सभी शिवालयों में भक्तों की भारी संख्या देखने को मिलती है। इसके साथ ही बहुत से लोग इस दिन अपने घर में स्थापित शिवलिंग की भी पूजा करते है। वे पूजन के समय भगवान शिव से आशीर्वाद मांगते है और एक खुशहाल और स्वस्थ जीवन की कामना करते है। सावन शिवरात्रि के दिन व्रत एवं पूजन करने के खास महत्व इस प्रकार है-
1. सुख, शांति और सौभाग्य की प्राप्ति होती है।
2. ऐसा कहा जाता है कि इससे सभी पापों से मुक्ति मिल जाती है।
3. इस व्रत को करने से व्यक्ति की सभी मनोकामनाएं पूर्ण होती है।
4. विवाहित महिलाएं सुखी वैवाहिक जीवन के लिए यह व्रत रखती है।
5. अविवाहित महिलाओं के द्वारा इस व्रत को करने से भगवान शिव जैसे जीवन साथी की प्राप्ति होती है।
सावन शिवरात्रि (Sawan Shivratri 2023)का यह दिन सनातन धर्म का पालन करने वालों के बहुत महत्वपुर्ण माना जाता है। ऐसे में आप भी इस दिन भोलेनाथ को प्रसन्न करने के लिए इस दिन व्रत-उपवास कर, पूजन कर सकते है। ऐसा करने से निश्चित ही आपकी सभी मनोकामनाएं पूर्ण होगी।