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2023 श्रावण पुत्रदा एकादशी | 2023 Sawan Putrada Ekadashi | तिथि, समय व महत्व

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एकादशी एक ऐसी तिथि के रूप में जानी जाती है, जो हिन्दू सभ्यता में बहुत महत्वपुर्ण मानी जाती है। श्रावण पुत्रदा एकादशी भगवान विष्णु को समर्पित है। इस एकादशी पर खास तौर पर विवाहित जोड़ों के द्वारा पूजन किया जाता है। श्रावण पुत्रदा एकादशी का व्रत विशेषकर संतान व पुत्र प्राप्ति के लिए किया जाता है। इस दिन शादीशुदा दंपत्ति भगवान विष्णु की पूजा करते है और उनका आशीर्वाद प्राप्त करते है।

2023 श्रावण पुत्रदा एकादशी | 2023 Sawan Putrada Ekadashi | तिथि, समय व महत्व

पुत्रदा एकादशी का यह व्रत प्रत्येक वर्ष में दो बार मनाया जाता है। पहला व्रत दिसंबर या जनवरी के महीने में आता है, जिसे पौष पुत्र एकादशी के नाम से जाता है। वही दूसरा एकादशी व्रत जुलाई या अगस्त के महीने में मनाते है, जिसे श्रावण पुत्रदा एकादशी (Sawan Putrada Ekadashi 2023) कहा जाता है। पौष माह के दौरान पुत्रदा एकादशी उत्तर भारतीय राज्यों में अधिक लोकप्रिय है, जबकि अन्य राज्यों में लोग श्रावण माह के दौरान पुत्रदा एकादशी को अधिक महत्व देते है।

आज के इस लेख में हम आपको श्रावण पुत्रदा एकादशी की तिथि (Shravan Putrada Ekadashi 2023 Date) , शुभ समय, महत्व (Shravan Putrada Ekadashi Significance) और इस एकादशी से जुड़ी अन्य बहुत सी जानकारी यहां देने जा रहे है, इसे अंत तक अवश्य पढ़िएगा-


Shravan Putrada Ekadashi 2023 Date: श्रावण पुत्रदा एकादशी 2023 तिथि

प्रत्येक वर्ष श्रावण मास की शुक्ल एकादशी तिथि या ग्याहरवें दिन श्रावण पुत्रदा एकादशी का यह व्रत रखा जाता है। इस साल, रविवार 27 अगस्त 2023 (Shravan Putrada Ekadashi 2023 Date) के दिन पुत्रदा एकादशी का यह व्रत रखा है।

इस दिन सम्पूर्ण दिन का उपवास रखा जाता है और विशेष रूप से दोनों दंपत्ति के द्वारा भगवान विष्णु की पूजा की जाती है, जिनकी शादी के लंबे समय बाद भी कोई संतान की प्राप्ति नहीं हुई है।


Sawan Putrada Ekadashi Timings: सावन पुत्रदा एकादशी 2023 समय

श्रावण पुत्रदा एकादशी रविवार, 27 अगस्त 2023
एकादशी प्रारंभ तिथि 27 अगस्त 2023, रात्रि 12:01 बजे
एकादशी समाप्ति तिथि 27 अगस्त 2023 ,रात्रि 09:32 बजे

Significance of Putrada Ekadashi: पुत्रदा एकादशी का महत्व क्या है?

• पुत्रदा एक संस्कृत शब्द है, जिसका शब्दिक अर्थ है 'पुत्र' और 'अदा' का अर्थ है 'देना'। धर्म शास्त्रों में भगवान विष्णु को एक ऐसे देवता के रूप में जाना जाता है, जो आपकी सभी इच्छाओं को पूर्ण करते है। इसलिए, इस एकादशी के दिन जो जोड़े भगवान विष्णु से संतान के लिए सच्चे मन से प्रार्थना करते हैं, तो उनकी मनोकामनाएं पूर्ण होती है।

• वेदों में श्राद्ध का विधान है, जो केवल पुत्रों द्वारा किया जाने वाला अनुष्ठान है और दिवंगत आत्मा की मुक्ति के लिए, विवाहित जोड़े श्रावण पुत्रदा एकादशी की पूर्व संध्या पर एक पुत्र के लिए प्रार्थना करते है।

• वेदों में यह भी यह सलाह दी जाती है कि जो भी शादीशुदा जोड़े पुत्र प्राप्ति की इच्छा रखते हैं, उन्हें पुत्रदा एकादशी व्रत रखना चाहिए।

एकादशी व्रत का पारण पुत्रदा एकादशी (Shravana Putrada Ekadashi 2023) के अगले दिन सूर्योदय के बाद किया जाता है। द्वादशी तिथि की समय अवधि के भीतर पारण का अनुष्ठान करना आवश्यक है। द्वादशी तिथि के निकल जाने के बाद व्रत खोलने की परंपरा को उचित नहीं माना जाता है।

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