भगवान शनिदेव के जन्मोत्सव के पर्व को शनि जयंती (shani jayanti 2023) के रूप में मनाया जाता है। भगवान सूर्यनारायण और माता छाया के पुत्र, भगवान शनिदेव को ज्योतिषशास्त्र में प्रमुख ग्रह के रूप में जाना जाता है। कहा जाता है की यदि शनि की कुदृष्टि किसी व्यक्ति पर पड़ जाएं, तो उस व्यक्ति के बुरे दिन शुरू हो जाते है। सनातन धर्म में प्रभु शनिदेव(shanidev) एक न्यायवान देवता के रूप में पूजे जाते है, जो जातक को उसके कर्मों के अनुसार फल प्रदान करते है। आइये जानते है भगवान शनिदेव को समर्पित, शनि जयंती का यह पर्व इस साल कब मनाया जाएगा और आप इस दिन किन उपायों से शनिदेव को प्रसन्न कर सकते है-
शनि जयंती के तिथि पर ही वट सावित्री का व्रत भी रखा जाता है। भारत के अधिकांश राज्यों में ज्येष्ठ मास की अमावस्या के दिन शनि जयंती (shani jayanti) का यह पर्व मनाया जाता है। शनि जयंती के दिन, भगवान शनिदेव (shani bhagwan) को प्रसन्न करने के लिए भक्त बहुत से व्रत-इत्यादि रखते है और विभिन्न शनि मंदिरों में दर्शन हेतु जाते है। ऐसा माना जाता है कि भगवान शनि निष्पक्ष न्याय प्रदान करने वाले देव है। यदि शनिदेव प्रसन्न हो जाए तो वे भक्त को सौभाग्य और समृद्धि का आशीर्वाद देते हैं। आइये अब जानते है शनि जयंती की तिथि, समय, महत्व व शनि जयंती के उपाय-
हिन्दू पंचांग के अनुसार हर साल ज्येष्ठ मास के कृष्ण पक्ष की अमावस्या तिथि एक दिन शनि जयंती पड़ती है। इस साल, शनिवार, 1 मई 2023 (shani jayanti 2023 date) के दिन शनि जयंती का पर्व मनाया जाएगा। शनि जयंती के दिन शुभ कार्यों के लिए कई शुभ मुहूर्त और योग माने जाते है, यह शुभ समय इस प्रकार से है-
अमावस्या तिथि | शुक्रवार, 19 मई 2023 |
शोभन योग | शाम 6 बजकर 17 मिनट तक |
पूजन मुहूर्त (प्रातः काल) | सुबह, 7:11 से 10:35 तक |
पूजन मुहूर्त (दोपहर) | दोपहर, 12:18 से 02 बजे तक |
पूजन मुहूर्त (संध्या काल) | शाम, 5:25 मिनट से 07:07 मिनट तक |
• भगवान शनि न्यायशील देवता हैं और जातक को उसके कर्मों का फल देते है। ऐसा माना जाता है, शनिदेव (shanidev) केवल उन लोगों को सफलता प्रदान करते है, जिन्होंने जीवन में कठिन और संघर्ष किया है और अपने जीवन में सदा ईमानदारी से प्रयास किए है।
• शनि ग्रह के देवता भगवान शनिदेव को माना जाता है। ज्योतिषशास्त्र के अनुसार, शनि को सबसे धीमी गति से चलने वाला ग्रह माना जाता है। इसलिए, ज्योतिषीय रूप से एक जातक की कुंडली में शनि की स्थिति का विशेष और महत्वपूर्ण स्थान माना जाता है। शनि को आमतौर पर एक ऐसा ग्रह माना जाता है, जो जातकों के जीवन पर अशुभ प्रभाव डालता है और यही कारण है की लोग इस ग्रह से भयावह महसूस करते है।
• भक्तगण इस दिन, भगवान शनिदेव को प्रसन्न करने के लिए उनकी पूजा-अर्चना करते है। इसके साथ ही जो भी व्यक्ति जीवन में साढ़े साती का सामना कर रहे है, उन्हें भी शनि जयंती के दिन विशेष उपाय करना चाहिए। धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, शनि जयंती के दिन उपवास करने और शनिदेव के मंदिरों में दर्शन करने से भक्तों को सौभाग्य की प्राप्ति होती है।
1. शनि जयंती के दिन आपको खास तौर पर शनि चालीसा (shani chalisa) का पाठ करना चाहिए।
2. इस दिन खास तौर पर शनि मंत्रो का जाप करें और काले रंग के कुत्ते को करवाना चाहिए ।
3. शनि जयंती के इस पावन दिन पर शनि यंत्र की पूजा बहुत अधिक फलदायक मानी जाती है।
4. इस दिन (shani jayanti) सूर्योदय के बाद पीपल की पूजा करें और जल अर्पित करते हुए सरसों के तेल का दीया प्रज्वल्लित करें।
5. शनि जयंती के दिन हनुमान को समर्पित पाठ जैसे- हनुमान चालीसा (hanuman chalisa), सुंदरकांड (sunderkand), संकटमोचन हनुमान अष्टक का पाठ करना चाहिए।
6. यदि किसी जातक के जीवन किसी प्रकार का कष्ट चल रहा हो तो, उसे शनि जयंती के दिन सरसों के तेल, तिल और काले रंग के कपड़े का दान करना चाहिए।
शनि जयंती के दिन इन सभी उपायों का पालन करके आप शनिदेव को प्रसन्न कर सकते है। इसके साथ ही शनि जयंती (shani jayanti 2023) के दिन घर में शनि यंत्र की भी स्थापना कर सकते है। शनि यंत्र, शनि के साढ़े-साती और उसके दुष्प्रभावों को दूर करने में बहुत अधिक लाभदायक है।
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