आषाढ़ गुप्त नवरात्रि हर साल आषाढ़ माह के दौरान आती है। यह दो गुप्त नवरात्रियों में से एक है। माघ नवरात्रि खासकर उत्तर भारत में मनाई जाती है। इन राज्यों में मुख्य रूप से उत्तर प्रदेश, हिमाचल, हरियाणा और पंजाब आदि शामिल है। हिन्दू धर्म में गुप्त नवरात्रि को नवरात्रि के समान ही महत्वपूर्ण माना जाता है।
प्राचीन काल से ही साधू-संत गुप्त नवरात्रि (Ashadha Gupt Navratri 2025) व्रत का पालन करते आए हैं। खासकर, यह समय तांत्रिक पूजन के लिए बहुत महत्वपूर्ण माना जाता है। कहते हैं कि यह समय तंत्र साधना और ध्यान के लिए सबसे उपयुक्त होता है। आषाढ़ गुप्त नवरात्रि के नौ दिन तंत्र और सिद्धियों की साधना के लिए अत्यधिक शक्तिशाली माने जाते हैं।
आइए, जानते है इस साल कब से शुरू हो रहा है आषाढ़ गुप्त नवरात्रि व्रत। साथ ही जानें नौ दिन की तिथियां, शुभ मुहूर्त और नौ देवियों के घटस्थापना मुहूर्त।
आषाढ़ गुप्त नवरात्रि एक महत्वपूर्ण हिन्दू त्यौहार है, जो दस महाविद्याओं को समर्पित है। यह नवरात्रि हर साल जून-जुलाई के महीने में आता है।
इस साल, आषाढ़ गुप्त नवरात्रि (ashadha gupt navratri 2025 date) का शुभारंभ 26 जून 2025, गुरुवार से शुरू होगा। वही इस नवरात्रि का समापन 5 जुलाई 2025 को होगा।
आषाढ़ गुप्त नवरात्रि का घटस्थापना मुहूर्त और सर्वार्थ सिद्धि योग इस प्रकार है-
आषाढ़ गुप्त नवरात्रि पर घटस्थापना सुबह 05:25 बजे से शुरू होगी। यह मुहूर्त सुबह 06:58 बजे तक रहेगा। कुल अवधि 1 घंटा 33 मिनट की रहेगी।
अभिजित मुहूर्त सुबह 11:56 बजे से 12:52 बजे तक रहेगा। यह समय शुभ कार्यों के लिए विशेष माना जाता है।
आषाढ़ गुप्त नवरात्रि पर सर्वार्थ सिद्धि योग का शुभ संयोग बन रहा है। यह योग सुबह 08:46 बजे से पूरे दिन रहेगा। साथ ही, ब्रह्म मुहूर्त सुबह 04:05 से 04:45 बजे तक होगा।
गुप्त नवरात्रि, चैत्र और शारदीय नवरात्रि से बहुत अलग है। यह पर्व विशेष रूप से साधकों और तांत्रिकों के लिए महत्वपूर्ण माना जाता है। इस दौरान वे गहन ध्यान और विशेष अनुष्ठान करते हैं।
गुप्त नवरात्रि के इन पावन दिनों में दस महाविद्याओं की पूजा बेहद शुभ मानी जाती है। इन दस महाविद्याओं में शामिल हैं-
• मां काली
•मां तारा
•मां त्रिपुर सुंदरी
•मां भुवनेश्वरी
• मां छिन्नमस्ता
• मां त्रिपुरभैरवी
• मां धूमावती
• मां बगलामुखी
• मां मातंगी
• मां कमला
1. यह व्रत मानसिक शांति और मानसिक स्पष्टता को बढ़ावा देता है।
2. गुप्त नवरात्रि के व्रत से पिछले सभी पुराने पापों से मुक्ति मिलती है।
3. इस दौरान देवी बगलामुखी यंत्र के पूजन से शत्रुओं पर विजय प्राप्त होती हैं।
4. इस समय देवी मां के पूजन से आध्यात्मिक शक्तियां और सिद्धियां प्राप्त होती हैं।
5. गुप्त नवरात्रि के दौरान देवी मां कि आराधना से भूत-प्रेत और काले जादू जैसी बुरी शक्तियों से छुटकारा मिलता है।
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