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Shani Dosha Remedies: शनि की दुष्प्रभावों को दूर करने के लिए शनिवार के दिन जरूर करें ये 5 उपाय

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ज्योतिशास्त्र में शनि को एक अशुभ ग्रह माना जाता है। कहा जाता है, यदि किसी जातक की कुंडली में शनि का प्रकोप पड़ जाए, तो उसे जीवन में बहुत सी परेशनियों का सामना करना पड़ता है। ऐसे में शनि की प्रकोप से बचने के लिए जो भी संभव उपाय हो, वे जातक को अवश्य करने चाहिए। आज हम आपको इन्हीं कुछ प्रभावशाली उपायों के बारे में बताने जा रहे है।

Shani Dosha Remedies: शनि की दुष्प्रभावों को दूर करने के लिए शनिवार के दिन जरूर करें ये 5 उपाय

धर्म शास्त्रों में शनिदेव को न्यायवान और कर्मों के अनुसार फल देने वाले देवता के रूप में जाना जाता है। जहां अच्छे कर्म करने वाले को शनिदेव शुभ फल प्रदान करते है, वहीं बुरे कर्म और अन्याय करने वाले को दंड देते है। माना जाता है की शनि की छाया मात्र से ही जातक के अशुभ दिन शुरू हो जाते है। शनि ग्रह के इन दुष्प्रभावों को शनि की साढ़ेसाती और ढैय्या के नाम से भी जाना जाता है। ज्योतिषशास्त्र में शनि की साढ़ेसाती से बचने के बहुत से उपाय बताए गए है। यह उपाय सबसे ज्यादा शनिवार के दिन फलदायी माने जाते है। यहां हम आपको इन्ही कुछ चमत्कारी उपायों के बारे में बताने जा रहे है, तो आइए जानते है।


शनि यंत्र का पूजन

शनि के दुष्प्रभावों को दूर करने के लिए शनि यंत्र एक रामबाण उपाय साबित हो सकता है। जिस भी जातक की कुंडली में शनि अशुभ फल प्रदान करते है, उन्हें अवश्य ही अपने घर में शनि यंत्र की स्थापना करनी चाहिए। शनि देव को शीघ्र प्रसन्न करने के साथ ही, उसके अशुभ प्रभावों को कम करने के लिए शनि यंत्र (shani yantra) सबसे शक्तिशाली उपाय है।


हनुमान जी की उपासना

शनि के साढ़ेसाती के निवारण हेतु शनिवार के दिन हनुमान जी की उपासना कारण अत्यधिक फलदायक माना जाता है। ऐसा करने से शनि के दुष्प्रभाव कुंडली से कम होने लगते है और शनिदेव भी आपसे जल्द प्रसन्न होते है। शनिवार के दिन आप हनुमान जी को चोला (hanuman ji ka chola) चढ़ा सकते है, साथ ही सुंदरकांड (sunderkand)हनुमान चालीसा (hanuman chalisa) का भी पाठ कर सकते है।


शनि मंत्रों का जाप

मंत्रो के नियमित जाप न केवल देवताओं को प्रसन्न करने में सहायक है, बल्कि मनोकामनाओं को जल्द सिद्ध करने में असरदार होते है। ऐसे में कुंडली से शनि के साढ़ेसाती को दूर करने के लिए आप शनिवार के दिन चमत्कारी शनि मंत्रो (shani mantra) का जाप कर सकते है। शनिदेव को समर्पित इन मंत्रो के अलावा आप इस दिन शनि चालीसा का पाठ भी कर सकते है। यह मंत्र इस प्रकार है-
ॐ शं शनिश्चरायै नमः
ॐ प्रां प्रीं प्रौं सः शनैश्चराय नमः


पीपल के वृक्ष की पूजा

सनातन धर्म में पीपल के वृक्ष का बहुत अधिक महत्व बताया जाता है। माना जाता है, पीपल का वृक्ष एक ऐसा वृक्ष होता है, जहां सभी देवी देवताओं का वास होता है। पीपल के इस वृक्ष पर भगवान नारायण का भी वास माना जाता है। शनिदेव को भगवान विष्णु के सबसे प्रिय भक्तों में से कहा जाता है। इसलिए जातक को शनिवार के दिन सूर्योदय के पश्चात पीपल वृक्ष की पूजा कर तेल का दीया (pital diya) भी प्रज्वालित करना चाहिए। ऐसा करने से शनिदेव जल्दी प्रसन्न होते है।


शनिवार के दिन करें इन चीजों का दान

शनिवार के दिन दान का भी बहुत अधिक महत्व बताया जाता है। यदि आपके कुंडली में भी शनि अशुभ फल प्रदान कर रहा है तो आप शनिवार के दिन काली रंग की वस्तुओं का दान करना चाहिए। इन वस्तुओं में मुख्यतः काली उड़द, काले तिल, काला छाता आदि शामिल है। इसके साथ ही आप इस दिन गरीबों को भोजन भी करवा सकते है।

शनि के प्रकोप से बचने के लिए ऊपर दिए गए यह कुछ उपाय, निश्चित ही आपके लिए लाभदायक साबित होंगे।

(Disclaimer: यहां दी गई जानकारी सामान्य मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है। Dharmsaar इसकी पुष्टि नहीं करता है।)

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