हर साल 24 एकादशियां होती है, वही अधिकमास को मिलाकर साल में 26 एकादशी व्रत रखे जाते हैं। प्रत्येक एकादशी व्रत को बहुत शुभ माना जाता है, इस दिन व्रत के साथ ही दान का भी विशेष महत्व बताया जाता है। षटतिला एकादशी माघ महीने में कृष्ण पक्ष की एकादशी को संदर्भित करती है।
आशीर्वाद और सुख-समृद्धि की प्राप्ति के लिए एकादशी के दिन भगवान श्री हरि विष्णु की विधि-विधान से पूजा की जाती है। इस व्रत को "पापहरणी" (Shattila Ekadashi 2024) के नाम से भी जाना जाता है, जिसका शाब्दिक अर्थ है "सभी पापों का नाश करने वाला।" ऐसा माना जाता है कि इस व्रत को करने से व्यक्ति सभी पापों से मुक्त हो जाता है और मोक्ष की प्राप्ति होती है।
हर साल माघ महीने की कृष्ण एकादशी के दिन षटतिला एकादशी व्रत रखा जाता है। इस साल यह व्रत 6 फरवरी 2024 (Shattila Ekadashi 2024 Date) को यह व्रत रखा जाएगा। षटतिला एकादशी 2024 (shattila ekadashi time 2024) का समय व शुभ मुहूर्त इस प्रकार से है-
एकादशी प्रारंभ समय - 05 फरवरी 2024, शाम 05:24 बजे से
एकादशी समापन समय - 06 फरवरी 2024, शाम 04:07 बजे तक
व्रत पारण का समय - प्रातः 07:06 बजे से प्रातः 09:18 बजे तक
भगवान विष्णु को षटतिला एकादशी का व्रत करना और गरीबों और जरूरतमंदों को दान देना बहुत पसंद है। मान्यता है कि जो लोग षटतिला एकादशी (Significance of Shattila Ekadashi) का व्रत करते है, उन्हें कभी अन्न का अभाव नहीं होता और भगवान विष्णु उनकी सभी मनोकामनाएं पूरी करेंगे।
भगवान विष्णु षटतिला एकादशी (Shattila Ekadashi Rituals) व्रत के दौरान अपने भक्तों द्वारा अनजाने में किए गए सभी पापों को माफ कर देते हैं, उनके घरों को भोजन और खुशियों से भर देते हैं और मृत्यु के बाद उन्हें मोक्ष प्रदान करते हैं।
षटतिला एकादशी के दिन व्रत रखना तभी लाभकारी माना जाता है जब भक्त गरीबों या ब्राह्मणों को अनाज और अन्य वस्तुएँ दान करते हैं। ऐसे में यदि आप भी इस एकादशी व्रत का पालन करते है, तो इस दिन ज़रूरतमंदों को दान अवश्य करें।
षटतिला एकादशी के व्रत में तिल का विशेष महत्व बताया गया है। षटतिला एकादशी (Shattila Ekadashi 2024) का पर्व तिल से संबंधित है। तिल के बीज को बहुत पवित्र माना जाता है और अक्सर हिंदू धर्म में हवन और पूजा के लिए उपयोग किया जाता है। एक सफल अनुष्ठान सुनिश्चित करने के लिए षटतिला एकादशी 2024 (Shattila Ekadashi 2024 ) पर तिल के बीज का खास इस्तेमाल किया जाता है।