राजस्थान के लोकप्रिय मंदिरों की सूचि में शुमार श्री करणी माता मंदिर की मान्यता बहुत अधिक बताई जाती है। बीकानेर जिले से 30 किलोमीटर दूर देशनोक में स्थित माता का यह मंदिर देश ही बल्कि विश्वभर में प्रसिद्ध है।
अपने अद्भुत वास्तुकला के साथ ही करणी माता मंदिर, यहां हज़ारों की संख्या में मौजूद चूहों की वजह से भी जाना जाता है।
माना जाता है कि इस मंदिर में लगभग 25 हजार चूहे है। श्री करणी माता को लेकर एक मान्यता यह भी बताई जाती है कि यदि किसी भक्त को यहां सफ़ेद चूहें के दर्शन हो जाए तो उसकी सभी मनोकामनाएं पूर्ण होती है। इस मंदिर का निर्माण बीकानेर के महाराज श्री गंगा सिंह जी ने करवाया था। चूंकि वे एक राजपूत थे और यही कारण है की उन्होंने इसकी वास्तुकला का निर्माण राजपूती शैली में ही कराया था। श्री करणी माता मंदिर के भव्य वास्तुकला देखकर हर कोई आकर्षित हो उठता है।
श्री करणी माता मंदिर के मुख्य द्वार चांदी से निर्मित है, इसके साथ ही माता के छत्र का निर्माण सोने से किया गया है। चूहों के इस मंदिर में विशेष मान्यता बताई जाती है। कहा जाता ही की मंदिर के पुजारियों द्वारा मंगला आरती करने पर सभी चूहें एकत्रित हो जाते है। इसके साथ ही इस मंदिर परिसर में नवरात्रि के समय विशेष मेले का आयोजन किया जाता है। इस मेले का आयोजन मुख्यतः मार्च से अप्रैल और उसके बाद सितंबर से अक्टूबर के बीच किया जाता है।
श्री करणी माता मंदिर में झांकियों व दर्शन का समय इस प्रकार है-
आरती | गर्मियों का समय | सर्दियों का समय |
मंगल आरती | सुबह 4 :30 बजे | सुबह 5:00 बजे |
भोग आरती | सुबह 8:00 बजे | सुबह 8:00 बजे |
श्रृंगार आरती | शाम 3:45 बजे | शाम 3:45 तक |
संध्या आरती | शाम 7:00 बजे | शाम 06:00 तक |
शयन आरती | रात्रि 9:00 बजे | रात्रि 9:00 बजे |