होली का त्यौहार बुराई पर अच्छाई की जीत का प्रतीक माना जाता है। धार्मिक मान्यता है कि होलिका दहन की विधि-विधान से पूजा करने से घर से नकारात्मक तत्व दूर हो जाते हैं। साथ ही मां लक्ष्मी की कृपा भी बनी रहती है।
होलिका दहन(holika dahan pujan vidhi) की पूजन विधि इस प्रकार से है-
• होलिका दहन के लिए एकत्रित की गई लकड़ियों को कच्चे सूत से तीन से सात बार लपेटें।
• इसके बाद फूलों और कुमकुम पर गंगाजल या साफ पानी छिड़कें और पूजा करें।
• पूजा में माला, रोली, अक्षत, बताशा, साबुत हल्दी, गुलाल और नारियल का प्रयोग करें।
• 'असृक्पाभयसंत्रतै: कृत त्वं होली बालिशै।' अतस्वं पूययिष्यामि भूतभूतिप्रद भव।” पढ़ते समय होलिका की सात परिक्रमा करें।
• पूजा करते समय होलिका के पास पूर्व या उत्तर दिशा की ओर मुख करके बैठना चाहिए।
(Note: यहां दी गई जानकारी सामान्य मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है। Dharmsaar इसकी पुष्टि नहीं करता है।)