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पूजन विधि

Radha Ashtami Puja Vidhi: श्रीजी की कृपा पाने के लिए कैसे करें राधा अष्टमी की पूजा? जानिए संपूर्ण विधि

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सनातन धर्म में भगवान कृष्ण से भी पहले राधा-रानी का नाम लिया जाता है। यही कारण है कि निरंतर राधा नाम का स्मरण करने से व्यक्ति के सभी मनोरथ सिद्ध होते है। राधा रानी के जन्मोत्सव के रूप में हर साल राधा अष्टमी का पर्व मनाया जाता है। मां राधा की विशेष कृपा के लिए यह आवश्यक है कि राधा-अष्टमी की पूजा पुरे विधि-विधान से संपन्न की जाए।

Radha Ashtami Puja Vidhi: श्रीजी की कृपा पाने के लिए कैसे करें राधा अष्टमी की पूजा? जानिए संपूर्ण विधि

ऐसे में यहां हम राधा अष्टमी (radha ji ki pujan vidhi)की सम्पूर्ण पूजा विधि के बारे में बताने जा रहे है-

Radha Ashtami Puja Samagri : राधा अष्टमी की पूजा सामग्री सूची

• फूल
• माला
• रोली
• इत्र
• चंदन
• सिंदूर
• फल
• आभूषण
• मोर पंख
• बांसुरी
• अक्षत (चावल)
• देसी घी का दीपक
• राधा रानी की पोशाक
• पंचामृत (अभिषेक के लिए)
•चूड़ा (हाथ में पहनने वाला)
• मिठाई (विशेष रूप से पीले रंग की)
•भगवान कृष्ण की मूर्ति/तस्वीर (साथ में पूजा हेतु)

Radha Ashtami Puja Vidhi : राधा अष्टमी की पूजा विधि

1. प्रातःकाल स्नान करके स्वच्छ वस्त्र धारण करें। आप चाहे तो पीले या गुलाबी रंग के कपड़े पहन सकते है।

2. अब पूजा स्थल पर एक मंडल बनाएं और बीच में मिट्टी या तांबे का कलश रखें।

3. अब एक लकड़ी के चौकी रखे और उसपर पीले रंग का वस्त्र बिछाए। अब उस पर राधा रानी की मूर्ति या चित्र स्थापित करें।

4. पंचामृत से अभिषेक करें और राधा रानी को सुन्दर पोशाक और आभूषण से सजाएं।

5. हाथ में चूड़ा भी पहनाएं। उनकी मूर्ति के पास देसी घी का दीपक जलाएं।

6. राधा मां के सुन्दर श्रृंगार के बाद, उनके पास में मोर पंख और बांसुरी रखे।

7. अब फूल, माला, रोली, चंदन, इत्र, सिंदूर, फल, अक्षत आदि से षोडशोपचार पूजन संपन्न करें।

8. पूजा का समय मध्यान्ह (दोपहर) में ही रखें। यह मुहूर्त पूजन के लिए सर्वोत्तम माना गया है।

9. पूजा करते समय व्रत का संकल्प लें। अगले दिन विवाहित महिलाओं और ब्राह्मणों को भोजन कराएं और दान दें।

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