Aarti Yugal Kishor Ki Kije Lyrics
आरती युगल किशोर की कीजै
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आरती युगल किशोर की कीजै ।
तन मन धन न्योछावर कीजै ॥
गौरश्याम मुख निरखन लीजै ।
हरि का रूप नयन भरि पीजै ॥
रवि शशि कोटि बदन की शोभा ।
ताहि निरखि मेरो मन लोभा ॥
ओढ़े नील पीत पट सारी ।
कुंजबिहारी गिरिवरधारी ॥
फूलन सेज फूल की माला ।
रत्न सिंहासन बैठे नंदलाला ॥
मोर मुकुट कर मुरली सोहे |
नटवर वेष देखि मन मोहे |
कंचन थार कपूर की बाती ।
हरि आए निर्मल भई छाती ॥
श्री पुरुषोत्तम गिरिवरधारी ।
आरती करें सकल नर नारी ॥
नंदनंदन बृजभान किशोरी ।
परमानंद स्वामी अविचल जोरी ॥
Aarti Yugal Kishor Ki Kije Lyrics
आरती युगल किशोर की कीजै
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Aarti Yugal kishor Ki Kije ।
Tan Man Dhan Nayochawar Kije ॥
Gorshyam Mukh Nirkhan Lijiye ।
Hari Ka Rup Nayan Bhari Pijiye ॥
Ravi Shashi Koti Badan Ki Shobha ।
Tahi Nirkhi Mero Mann Lobha ॥
Odhe Neel Peet Pat Sari ।
Kunjbihari Girivardhari ॥
Fulan Sej Phul Ki Mala ।
Ratan Singhasan Baatai Nandlal ॥
Kanchan Thar Kapoor Ki Baati ।
Hari Aae Nirmal Bhai Chati ॥
Sri Purushotam Girivardhari ।
Aarti Kare Sakal Nar Nari ॥
Nandnandan Brijbhan Kishori ।
Parmanand Sawami Avichal Jori ॥
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