हिन्दू धर्म में अनेकों मान्यताएं बताई जाती है। यह सभी मान्यताएं हमारे पौराणिक ग्रंथों और प्राचीन काल की परम्पराओं से जुड़ी होती है। इन्हीं परम्पराओं में से एक विवाह की भी परम्परा है। हिन्दू धर्म में विवाह केवल फेरों तक सीमित नहीं है, बल्कि शादी को पूर्णः करने के लिए बहुत सी रस्में निभाई जाती है। इन्ही रस्मों में से एक महिलाओं के शादी के समय नथ पहनने से भी जुड़ी है। लेकिन क्या आप जानते है, इसके पीछे डी धार्मिक कारण के साथ ही अनेकों वैज्ञानिक कारण भी जुड़ें हुए है-
सनातन धर्म में शादी को लेकर कई धार्मिक परम्पराएं है। इन्ही परम्पराओं का पालन वर और वधु दोनों के द्वारा किया जाता है। इसी कड़ी में शादी के दौरान अधिकांश तौर पर दुल्हइन को नथ जरूर पहनाई जाती है। वही देखा तो यह भी जाता है कि शादी के बाद से ही कई महिलायें नथ पहनना शुरू कर देती है। आपको शायद पढ़कर हैरानी हो, लेकिन, नथ पहहने के पीछे सिर्फ रीती-रिवाज नहीं, बल्कि कई स्वास्थ्य संबंधी राज भी छुपे है।
आइये, इस ब्लॉग में आगे जानते है, की स्त्रियों के द्वारा नथ पहहने के क्या क्या लाभ है, और नाक में इसे किसी भी प्रकार की नोस पिन इत्यादि पहनने से क्या क्या स्वास्थ्य संबंधी लाभ आपको मिल सकते है-
धर्म शास्त्रों के अनुसार, ऐसा माना जाता है कि नाक छिदवाने से महिला को पीरियड्स या मासिक धर्म में होने वाली तकलीफ से राहत मिलती है। वैसे तो नाक छिदवाने की कोई विशेष उम्र निर्धारित नहीं की गयी है। लेकिन ज्यादातार महिलाएं किशोरावस्था, वयस्क होने के बाद किसी भी समय पर यह नाक छिदवा सकते है।
नाक में पहने जाने वाली नथ या अन्य कोई भी आभूषण सोने या चांदी की धातू से बने हुए होते है। लड़कियां अक्सर चांदी या सोने की नथ पहनती है। हमारे शरीर लगातार इन धातुओं के संपर्क में रहता है। यही कारण है कि इन धातुओं में मौजूद सभी गुण हमारे शरीर के कुछ हिस्सों को मिलते है ।आयुर्वेदिक चिकित्सा में स्वर्ण और रजत के गुण, माइग्रेन जैसी कई बीमारियों को ठीक करते है।
विज्ञान के अनुसार लड़कियों को नथ पहनने के लिए नाक में जो छेद किया जाता है, उससे कई स्वास्थ्य लाभ भी मिलते है। जिस तरह से शरीर के विभिन्न हिस्सों को प्रेस करने पर एक्यूप्रेशर का फायदा मिलता है, उसी प्रकार एक्यूपंक्चर में नाक छिदवाने का लाभ मिलता है। इसके प्रभाव से श्वास संबंधी सभी रोगों का मुकाबला किया जा सकता है। यह कफ, सर्दी-जुकाम आदि रोगों में भी फायदेमंद है।
उपरोक्त लिखे हुए इन सभी तथ्यों के साथ ही, आयुर्वेद में नाक छिदवाने का एक और फायदा बताया गया है। माना जाता है कि महिलाओं के नाक का छेद , उनके प्रजनन अंगों से जुड़ा हुआ था। ऐसे में नाक की नथ पहनने से महिलाओं को गर्भावस्था के दौरान होने वाले दर्द में कुछ हद तक राहत मिलती है। आमतौर पर जब एक बच्चे का जन्म होता है, तो उस समय मां को असहनीय पीड़ा का सामना करना पड़ता है। ऐसे में नाथ या नाक में नथ पहनने से इसमें कुछ कमी आती है।
इस प्रकार से नाक नथ पहनने से जुड़े यह कुछ तथ्य है, जो आयुर्वेद और धार्मिक मान्यताओं के अनुसार बताएं जाते है।
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