भगवान शिव के ही स्वरुप रुद्राक्ष के अनंत लाभ है। औषधीय गुण हों या आध्यात्मिक जागृति, रुद्राक्ष का यह पावन मनका हर प्रकार से जातक के लिए कल्याणकारक साबित होता हैं। पुराणों में रुद्राक्ष की शक्ति और सामर्थ्य को महादेव के ही समान मानी जाती है। यही कारण है की इस चमत्कारी रुद्राक्ष को धारण करने वाले को सदा ही भगवान शिव का आशीर्वाद प्राप्त होता है।
शिव पुराण में रुद्राक्ष कई प्रकार के पाए जाते है, जो अलग अलग मुख के होते है। इसमें मुख्य रूप से 1-21 मुखी तक के रुद्राक्ष शामिल है। इन सभी रुद्राक्ष के विभिन्न महत्व और लाभ बताए गए है।
इन्ही सब में 1 मुखी रुद्राक्ष (one mukhi rudraksha) का महात्म सबसे अहम माना जाता है। 1 मुखी रुद्राक्ष की शक्ति इतनी अधिक मानी जाती है की इसे धारण करने के वाले व्यक्ति के इर्द गिर्द कोई भी बुरी शक्ति नहीं आती है।
इस ब्लॉग में हम इस रुद्राक्ष (ek mukhi rudraksha original) की विशेषताएं, इस रुद्राक्ष को कैसे पहनना चाहिए, किसे यह रुद्राक्ष पहनना चाहिए और किसे नहीं पहनना चाहिए, के बारे में बताएंगे। इसे पढ़कर आप स्वयं यह निर्णय ले पाएंगे की आपको 1 मुखी रुद्राक्ष पहनना चाहिए या नहीं। तो आइए जानते है-
भगवान शिव की शक्तियों से परिपूर्ण,1 मुखी रुद्राक्ष से जुड़ें कुछ अद्भुत लाभ (benefits of ek mukhi rudrakhsha) निम्नलिखित है-
•इस एक मुखी रुद्राक्ष को धारण करने से आपका स्ट्रेस कम होता है।
•ध्यान, योग और आध्यात्मिक जागृति के लिए एक मुखी रुद्राक्ष को लाभकारी माना जाता है।
•किसी हृदय संबंधी बीमारी जैसे ब्लड प्रेशर आदि से छुटकारा पाने के लिए एक मुखी रुद्राक्ष मददगार है।
•जीवन से सभी प्रकार से नकारात्मक प्रभाव या भूत-बाधा को जल्द दूर भगाने के लिए यह बहुत फायदेमंद है।
•कहा जाता है की चमत्कारी एक मुखी रुद्राक्ष (1 mukhi rudraksha ke labh) को पहनने से व्यक्ति को मृत्यु के बाद वैकुण्ठ धाम की प्राप्ति होती है।
•एक मुखी रुद्राक्ष का संबंध सूर्य ग्रह से जुड़ा है, ऐसे में सिंह राशि वाले जातक को खास तौर (ek mukhi rudraksha kise pehnna chahiye) पर एक मुखी धारण करना चाहिए।
•एक मुखी रुद्राक्ष पहनने के बाद आपको जो सबसे बड़ा लाभ मिलेगा वह आध्यात्मिक विकास है। यह आपको स्वयं से जोड़ने में मदद करेगा।
•एक मुखी रुद्राक्ष धारण करने से आत्मविश्वास में वृद्धि होती है, साथ ही यह व्यक्ति को बेहतर कम्युनिकेशन और डिसिजन लेने में भी मदद करता है।
•शारीरक रूप से कमजोर या ऐसे व्यक्ति जो बहुत लंबे समय से किसी बीमारी से जूझ रहे है, उन्हें खास तौर पर यह शक्तिशाली एक मुखी रुद्राक्ष (1 mukhi rudraksha benefits in hindi) धारण करना चाहिए।
•एक मुखी रुद्राक्ष में किसी भी न्यूरो संबंधी या मानसिक विकार को ठीक करने की क्षमता है। यदि आपको माइग्रेन है या तनाव और चिंता से अक्सर सिरदर्द होता है, तो यह रुद्राक्ष आपको निश्चित तौर पर राहत प्रदान करेगा।
पिछले कुछ तथ्यों के माध्यम से हम यह कह सकते है की एक मुखी रुद्राक्ष बहुत ही लाभकारी वस्तु है, हालांकि इस रुद्राक्ष को पहनते समय कुछ खास बातों का ध्यान रखना चाहिए। 1 मुखी रुद्राक्ष में ईश्वरीय शक्तियों समाहित है, जिसे धारण करने के कुछ नियम (one mukhi rudraksha wearing tips) इस प्रकार से है-
अंतिम संस्कार में न जाएं
रुद्राक्ष पहनकर किसी अंतिम संस्कार में न जाएं। इसके साथ ही किसी बच्चे के जन्म के दौरान भी इस रुद्राक्ष को धारण नहीं करना चाहिए।
मांस-मदिरा का सेवन
रुद्राक्ष भगवान शिव का ही एक अंश है, ऐसे में इसे धारण करते समय नॉन-वेज खाने से बिल्कुल परहेज करे। साथ ही 1 मुखी रुद्राक्ष पहनने के बाद सिगरेट और शराब का सेवन न करें।
सोते समय न पहने
सोने से पहले रुद्राक्ष धारण नहीं करना चाहिए। इसके लिए रात को सोने से पहले इसे उतारकर रख दें और फिर अगले दिन स्नान करके पूजा करने के बाद आप इसे फिर से पहन सकते हैं।
काले धागे धारण न करें
रुद्राक्ष को कभी भी काले धागे में नहीं पहनना चाहिए। हमेशा लाल या पीला धागे के साथ ही पहनें। रुद्राक्ष बहुत पवित्र वस्तु है, ऐसे में इसे अशुद्ध हाथों से बिल्कुल नहीं छूना चाहिए।
रुद्राक्ष मूल मंत्र का उच्चारण
एक मुखी रुद्राक्ष को धारण करने से पहले रुद्राक्ष मूल मंत्र "ॐ ह्रीं हुं नमः" का 11 या 21 बार जाप अवश्य करें। साथ ही यह भी सुनिश्चित करें आप किसी ज्योतिष के परामर्श के बाद ही यह एक मुखी रुद्राक्ष धारण करें।
बता दें की 1 मुखी रुद्राक्ष (1 mukhi rudraksha) की पहचान सबसे प्रमुख रूप से इस तथ्य से होती है कि यह आधे काजू के आकार जैसा दिखता है और इसके ऊपर एक ही धारी होती है।
Buy Natural 1 Mukhi Rudrakshaइसके अतिरिक्त अगर आप इसके ओरिजिनल होने का परीक्षण (how to identify the genuine 1 mukhi rudraksha) करना चाहते हैं, तो एक मुखी रुद्राक्ष को गर्म पानी में उबालें। अगर वह रंग छोड़ने लगे, तो समझिए वह नकली है। इसके अलावा, सरसों के तेल में इसे डुबोकर रखने से भी इसकी असलियत को पहचाना जा सकता है, यदि रुद्राक्ष का रंग गहरा दिखाई दे, तो वह असली है।