सूर्य को ऊर्जा और जीवन का स्रोत माना जाता है। यह ग्रह शक्ति, आत्मविश्वास और साहस का प्रतीक है। सूर्य देव की कृपा को आकर्षित करने के लिए सूर्य यंत्र एक अत्यंत प्रभावशाली यंत्र माना जाता है। वास्तु शास्त्र में सूर्य यंत्र की स्थापना से जुड़ी कई बातें बताई गई हैं। धार्मिक ग्रंथों में सूर्य यंत्र के अनेक लाभों का वर्णन मिलता है। ऐसे में आज के इस ब्लॉग में हम सूर्य यंत्र के लाभ और इससे यंत्र की स्थापना विधि के बारे में बताएंगे। लेकिन उससे पहले समझते हैं, आखिर सूर्य यंत्र क्या है और इसकी दिव्य ऊर्जा का क्या महत्व है?
लेकिन उससे पहले समझते हैं, आखिर सूर्य यंत्र क्या है और इसकी दिव्य ऊर्जा का क्या महत्व है?
यंत्र एक खास संरचना है। जिसमें दिव्य ऊर्जा समाहित होती है। सूर्य यंत्र (surya yantra) सूर्य की शक्ति और रोशनी का प्रतीक है। इसमें त्रिभुज, गोल आकार और बीच में एक बिंदु होता है। इस यंत्र का निर्माण खासतौर पर तांबे या सोने की परत पर किया जाता हैं। वही कुछ यंत्र भोजपत्र पर भी लिखे जाते हैं।
भोजपत्र को अक्सर पूजा-पाठ से जुड़ें अनुष्ठानों में प्रयोग किया जाता है। जिस भी जगह सूर्य यंत्र को स्थापित किया जाता है। वहां आस-पास दिव्य ऊर्जा का संचार होता है।
मान्यता है कि यह यंत्र सूर्य देव की कृपा प्राप्त करने का माध्यम बनता है। इसे घर या कार्यस्थल में स्थापित करने से सकारात्मक ऊर्जा बढ़ती है। यह आत्मविश्वास की कमी को दूर करता है। व्यक्ति को सही दिशा में आगे बढ़ने की प्रेरणा देता है। सूर्य यंत्र को खासतौर पर उन लोगों के लिए शुभ माना जाता है। जो अपने करियर, पढ़ाई या बिजनेस में सफलता चाहते हैं।
सूर्य शक्ति और आत्मविश्वास का प्रतीक माना जाता है। सूर्य यंत्र व्यक्ति में निडरता लाता है। यह निर्णय लेने की क्षमता को मज़बूत करता है। लीडरशिप क्वालिटी को बढ़ाता है।
सूर्य यंत्र सकारात्मक ऊर्जा को आकर्षित करता है। यह रुकावटों को दूर कर प्रगति के मार्ग खोलता है। घर या ऑफिस में इसे स्थापित करने से फोकस में वृद्धि होती है। कई ज्योतिष विशेषज्ञों का कहना हैं कि इसके प्रभाव से सम्मान और प्रसिद्धि भी मिलती है।
शास्त्रों के अनुसार सूर्य हृदय, आंखों और हड्डियों से जुड़ा ग्रह है। सूर्य यंत्र के नियमित पूजन से सभी स्वास्थ्य संबंधी परेशानियों से मुक्ति मिलती है। यह शरीर में ऊर्जा लाने में सहायक है। रविवार के दिन खास तौर पर सूर्य यंत्र का पूजन शुभ बताया गया है।
सूर्य यंत्र की दिव्य ऊर्जा मन को शांत करता है। इस यंत्र केंद्र बिंदु पर ध्यान लगाने से विचार स्पष्ट होते हैं। यह स्ट्रेस और मानसिक उलझन को कम करता है। यही कारण है कि इस यंत्र को ध्यान और योग के लिए उपयोगी माना जाता है।
सूर्य अधिकार और सम्मान का प्रतीक है। सूर्य यंत्र परिवार में आपसी सामंजस्य और तालमेल बढ़ाने में मदद करता है। यह घर में संतुलन और सुख-शांति लाता है। साथ ही गृह क्लेश के चलते होने वाले तनाव को भी कम करता है। जिससे रिश्तों में प्रेम और विश्वास बढ़ता है।
• सूर्य यंत्र को रविवार या सोमवार के दिन किसी शुभ मुहूर्त में लगाना चाहिए।
• इसे घर के मुख्य दरवाज़े पर, पूजन कक्ष के ऊपर या पूर्व दिशा की ओर लगाना सबसे शुभ माना जाता है।
• यंत्र को स्थापित करते समय सफाई का खास ध्यान रखें। इसे लाल या पीले कपड़े में लपेटकर रखें।
• ध्यान रखें कि पूजा करने के बाद ही यंत्र को स्थापित करें। इसके बाद यंत्र का नियमित पूजन करें।
• प्रत्येक रविवार यंत्र के सामने दीपक जलाएं। फिर यहां दिए मंत्र का 108 बार जाप करें-
'ॐ सूर्याय नमः'
सूर्य यंत्र (surya yantra) की पूजा के लिए रविवार का दिन सबसे शुभ होता है। सुबह जल्दी उठें और स्नान करें। साफ़ कपड़े पहनें। यंत्र को लाल कपड़े पर रखें।उसकी दिशा पूर्व की ओर रखें।अब यंत्र को गंगाजल से शुद्ध करें। फिर उस पर चंदन लगाएं और लाल फूल चढ़ाएं। ध्यान रखें कि यंत्र को अपने पूजा घर, बैठक या ऑफिस में रखें।अगर संभव हो, तो सुबह सूरज की रोशनी यंत्र पर पड़ने दें।
Buy Copper Surya Yantraयदि आप भी सूर्य से जुड़ें गृह दोष से परेशान है, तो आज ही सूर्य यंत्र (benefits of surya yantra) अपने घर में स्थापित करें। आप इसे स्थापित करने के लिए किसी अनुभवी पंडित से भी परामर्श कर सकते है।
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