रुद्राक्ष को प्राचीन काल से ही एक अलौकिक वस्तु के रूप में जाना जाता है। भगवान शिव के अश्रुओं से निर्मित यह चमत्कारी रुद्राक्ष भगवान शिव के विशेष आशीर्वाद से परिपूर्ण होता है। शास्त्रों में विभिन्न प्रकार के रुद्राक्षों का उल्लेख मिलता है, उनमें से एक है पंचमुखी रुद्राक्ष। पंचमुखी रुद्राक्ष सौभाग्य के प्रतीक कालाग्नि के रूप में स्वयं भगवान शिव का प्रतिनिधित्व करता है।
धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, जो भी व्यक्ति सम्पूर्ण विधि-विधान से पंचमुखी रुद्राक्ष (Panchmukhi Rudraksha) धारण करता है, उन्हें पंचदेवों (गणेश, शिव, शक्ति, विष्णु और सूर्य) का दिव्य आशीर्वाद प्राप्त होता है। यह भी कहा जाता है कि इस विशिष्ट रुद्राक्ष को पहनने वाले व्यक्ति को शांति, सुख-समृद्धि की प्राप्ति होती है और रक्तचाप जैसी समस्याओं से भी छुटकारा मिलता है।
तो आइए जानते हैं कि पंचमुखी रुद्राक्ष (Panchmukhi Rudraksha Original) पहनने के क्या फायदे हैं और इस चमत्कारी रुद्राक्ष को पहनते समय किन विशेष नियमों का पालन करना चाहिए-
धर्म ग्रंथों के अनुसार पंचमुखी रुद्राक्ष से जुड़ें कुछ प्रमुख लाभ (Panchmukhi Rudraksha benefits) इस प्रकार से है-
ज्योतिष शास्त्र के अनुसार बृहस्पति के दुष्प्रभाव से बचने के लिए 5 मुखी रुद्राक्ष धारण करना अत्यंत श्रेष्ठ हैं। ऐसा माना जाता है कि जिस भी व्यक्ति की कुंडली में बृहस्पति ग्रह अशुभ या खराब स्थिति में हो तो उसे पंचमुखी रुद्राक्ष धारण करना चाहिए।
मान्यता है की इस अद्भुत पंचमुखी रुद्राक्ष को पहनने से न केवल आंतरिक शान्ति मिलती है बल्कि तनाव एवं चिंता से भी छुटकारा मिलता (Panchmukhi rudraksha benefits in Hindi) है। रुद्राक्ष का ये मनका मन की शांति को बढ़ावा देता है, जिससे व्यक्ति को रोजमर्रा के तनाव से मुक्ति मिलती है।
कुछ विशेषज्ञों का मानना है कि 5 मुखी रुद्राक्ष पहनने से ब्लड प्रेशर को नियंत्रित करने में मदद मिल सकती है। यह माना जाता है कि यह शरीर के ऊर्जा केंद्रों को बैलेंस करता है, जो आपके समग्र स्वास्थ्य में सुधार करता है।
शिव पुराण में कहा गया है कि पंचमुखी रुद्राक्ष में पांच रेखाएं समिल्लित होती हैं। इस बीच, इस चमत्कारी रुद्राक्ष में पांच देवताओं का आशीर्वाद (Panchmukhi rudraksha ke labh) समाहित है। पंचब्रह्म में मुख्य रूप से भगवान गणेश, भगवान शिव, देवी आदि शक्ति, भगवान विष्णु और सूर्य देव जैसे देवता शामिल हैं।
यदि आप भी 5 मुखी रुद्राक्ष धारण करने की सोच रहे है तो यहां दिए नियमों (panchmukhi rudraksha wearing rules) को एक बार जरूर पढ़ लें, अन्यथा आपको इसके अशुभ फल भी प्राप्त हो सकते है-
1. पंचमुखी रुद्राक्ष को धारण करने के लिए सोमवार का दिन सबसे अनुकूल माना जाता है।
2. 5 मुखी रुद्राक्ष को धारण करने से पहले उसे एक बार गंगाजल से शुद्ध अवश्य करें।
3. यह 5 मुखी रुद्राक्ष धारण करने के लिए यहां दिए गए विशेष मंत्र (5 mukhi rudraksha mantra) का जाप करें-
"ॐ ह्रीं क्लीं नम:"
4. 5 मुखी रुद्राक्ष को धारण करने के बाद आपको मांस, मदिरा आदि का सेवन नहीं करना चाहिए।
5. पंचमुखी रुद्राक्ष को धारण करने के बाद इसे प्रतिदिन सोने से पहले उतार देना चाहिए और स्नान के बाद ही दोबारा धारण करना चाहिए।
रुद्राक्ष, विशेषकर पंचमुखी रुद्राक्ष (panchmukhi rudraksha in Hindi) धार्मिक मान्यता के अनुसार भगवान शिव के आशीर्वाद से परिपूर्ण होता है। इसे धारण करने से व्यक्ति को पंचदेवों का आशीर्वाद मिलता है, जिससे सुख-समृद्धि और मानसिक शांति प्राप्त होती है। यह ब्लड प्रेशर नियंत्रण और तनाव में कमी लाने में भी मदद करता है। आप धर्मसार के माध्यम से घर बैठे आसानी से यह चमत्कारी पंच मुखी रुद्राक्ष आर्डर कर सकते है। पंच मुखी रुद्राक्ष के साथ ही यहां प्रीमियम क्वालिटी वाले रुद्राक्ष का एक विशाल संग्रह उपलब्ध है।
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