हर साल भाद्रपद माह की कृष्ण पक्ष की अष्टमी को श्री कृष्ण जन्माष्टमी का पर्व धूमधाम से मनाया जाता है। साल 2025 में यह पर्व 16 अगस्त को मनाया जाएगा। इस ब्लॉग में हम आपको बताएंगे कि जयपुर के प्रसिद्ध गोविंद देव जी मंदिर में जन्माष्टमी कैसे मनाई जाती है। साथ ही, जानेंगे मंदिर परिसर में इस दिन कौन सी खास झांकियां सजाई जाती हैं। तो चलिए, इस खास अवसर के बारे में विस्तार से जानते हैं।
राजस्थान की राजधानी जयपुर में स्थित गोविंद देव जी मंदिर, भारत के सबसे पवित्र धार्मिक स्थलों में से एक है। यह मंदिर जयपुर के सिटी पैलेस में स्थित है। गोविंद देव जी मंदिर (Govind Dev Ji Mandir) राधा-कृष्णा की मनमोहक छवि देखने को मिलती है। एकादशी के साथ ही प्रतिदिन मंदिर में हज़ारों की संख्या में भक्तों का जमावड़ा देखने को मिलता है। हालांकि श्री कृष्ण जन्मोत्सव के दिन मंदिर परिसर में अलग ही रौनक देखी जाती है।
मंगला प्रातः | 4:30 से 6:45 |
धूप आरती प्रातः | 7:30 से 9:30 |
शृंगार आरती प्रातः | 9:45 से 11:30 |
राजभोग आरती मध्यान्ह | 11:45 से 1:30 |
ग्वाल आरती सायं | 4:00 से 6:30 |
संध्या आरती सायं | 6:45 से 8:30 |
शयन आरती रात्रि | 9:15 से 10:30 |
मंगला आरती रात्रि (17-08-2025) | 11:00 से 11:15 |
तिथि पूजा व अभिषेक | रात्रि 12:00 से 12:30 |
धूप आरती प्रातः | 7:30 से 8:45 |
शृंगार आरती प्रातः | 9:15 से 10:00 (नंदोत्सव) |
राजभोग आरती प्रातः | 10:45 से 11:30 |
ग्वाल आरती सायं | 6:00 से 6:30 |
संध्या आरती सायं | 7:00 से 8:15 |
शयन आरती रात्रि | 9:00 से 9:30 |
श्री कृष्ण जन्माष्टमी के पावन अवसर पर गोविंद देव जी मंदिर में भगवान कृष्ण की मूर्ति का पंचामृत से अभिषेक किया जाता है।
भगवान कृष्ण के जन्म के बाद मंदिर में हर जगह खुशियां और जश्न का माहौल होता है। भक्तों के बीच बधाइयाँ सुनाई देती हैं।
भगवान कृष्ण को पीला रंग अत्यंत प्रिय है। इस कारण, जन्माष्टमी के अवसर पर गोविंद देव जी को पीताम्बर वस्त्र पहनाए जाते हैं।
अगर आप श्री कृष्ण जन्माष्टमी के मौके पर जयपुर में हैं, तो गोविंद देव जी मंदिर की सुंदर झांकियों के दर्शन करना न भूलें।