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हिन्दू कैलेंडर के अनुसार कार्तिक माह समाप्त होने के बाद मार्गशीर्ष मास प्रारम्भ हो जाता है। मार्गशीर्ष के इस पावन महीने का धार्मिक महत्व बहुत अधिक बताया जाता है, जिसकी शुरुआत 9 नवंबर 2022 से हो गई है। इस महीने में भगवान कृष्ण की पूजा का भी विशेष महत्व माना जाता है। ऐसे में यहां हम आपको उनके बाल स्वरूप -लड्डू गोपाल के पूजन के बारे में कुछ खास बातें बताने जा रहे है।
श्री कृष्ण गोविन्द हरे मुरारी, हे नाथ नारायण वासुदेवा। सनातन धर्म में श्री कृष्ण सर्वाधिक लोकप्रिय देवताओं में से एक है। वैसे तो भगवान कृष्ण के सभी स्वरुप पूजनीय माने गए है, लेकिन उस सभी में से उनके बाल स्वरुप को अधिकांश हिन्दू घरों में पूजा जाता है। कहा जाता कि मार्गशीर्ष का महीना भगवान कृष्ण को बहुत अधिक प्रिय होता है। जो भी व्यक्ति इस महीने में श्रद्धाभाव से भगवान का पूजन करता है,उसकी सभी मनोकामनाएं पूर्ण होती है। यदि आपके घर में लड्डू गोपाल है और आप उनका नियमित रूप से पूजन करते है, तो यहां दिए गए कुछ नियमों का खास तौर पर पालन करें। यह नियम इस प्रकार है-
इस माह में लड्डू गोपाल के पूजन के समय का आपको विशेष तौर पर ध्यान रखना चाहिए। भगवान के पूजन के लिए आप सूर्योदय से पहले उठे और लड्डू गोपाल को उठाएं। लड्डू गोपाल को उठाते समय आप या तो घंटी (Pooja bell) का प्रयोग कर सकते है। इसके साथ ही यदि आप चाहे तो लड्डू गोपाल के समक्ष 7 बार ताली बजाकर भी उन्हें उठा सकते है।
लड्डू गोपाल को जगाने के बाद उन्हें स्नान करवाएं। स्नान के समय इस बात का अवश्य ध्यान रखें की आप किसी पवित्र जल जैसे गंगाजल इत्यादि से ही उन्हें स्नान करवाएं। इसके बाद भगवान को नई पोशाक धारण कर उनका शृंगार करें। लड्डू गोपाल पोशाक आपको बाजार या ऑनलाइन माध्यम से आसानी से उपलब्ध हो जाएगी। इस माह में आप भगवान को केसर का तिलक लगाएं। चन्दन इस माह में ठंड कर सकता है, जिस कारण केसर का तिलक ही उपयुक्त माना जाता है।
जो भी व्यक्ति घर में लड्डू गोपाल की स्थापना करते है, उन्हें मौसम के अनुसार ही सभी चीजों का पालन करना चाहिए। ऐसे में लड्डू गोपाल को भोग लगाते समय तिल एवं गुड़ की वस्तुओं का प्रयोग जरूर करें। लड्डू गोपाल के भोग प्रसाद में आप तिल की पपड़ी, तिल के लड्डू, गजक इत्यादि अर्पित कर सकते है।इसके साथ ही आप सर्दियों में आने वाली फल व सब्जी का भी भोग लड्डू-गोपाल को लगा सकते है।
इस माह में भगवान को प्रसन्न करने के लिए उनके पूजन का साथ ही मंत्रों का जाप करना भी बहुत जरूरी होता है। माना जाता है की मंत्रो का जाप करने से भगवान आपकी मनोकामनाओं को जल्दी सुनते है। ऐसे में इस माह में आपको मंत्रोच्चारण का विशेष ध्यान रखना चाहिए। भगवान कृष्ण को प्रसन्न करने के लिए आप इस मंत्र का 108 बार जाप कर सकते है-
लड्डू गोपाल को घर में एक सदस्य के रूप में लाया जाता है। जिस प्रकार घर के सबसे छोटे सदस्य को घर में अकेला नहीं छोड़ा जाता है, उसी प्रकार लड्डू गोपाल को भी कभी घर में अकेला नहीं छोड़ना चाहिए। इसके साथ ही लड्डू गोपाल का पूजन भी नियमित रूप होना चाहिए। यदि आप किसी कारण से उनका पूजन या देखभाल नहीं कर पाएं तो पड़ोसी या किसी रिश्तेदार को उनकी जिम्मेदारी अवश्य देकर जाएं।
मार्गशीर्ष माह के विषय में स्वयं भगवान कृष्ण में गीता में बताया है। उन्होंने श्रीमद्भगवद्गीता में इस प्रकार है की जो भी भक्त मुझे पाना चाहते है, वे मार्गशीर्ष माह में मेरे लिए तप करें और किसी पवित्र नदी में स्नान करें। इसलिए इस माह में भगवान कृष्ण एक सभी स्वरूप का पूजन बहुत फलदायक माना जाता है।
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