क्वार्ट्ज क्रिस्टल से बनी स्फटिक माला, एक शक्तिशाली और प्रभावशाली माला मानी जाती है। मान्यता है की यह माला सकारात्मक ऊर्जा का संचार करती है, जिससे प्रार्थना, ध्यान और समग्र आध्यात्मिक विकास में मदद मिलती है। यही कारण है की इसे विशेष रूप से ध्यान, प्रार्थना और मंत्र जाप में उपयोग किया जाता है। आइए जानते हैं स्फटिक माला से जुड़ी कुछ खास बातें और धार्मिक महत्व-
ज्योतिष शास्त्र में भी स्फटिक माला का विशेष महत्व बताया गया है। मान्यता है की कुंडली में आने वाले ग्रहों दोषों को दूर करने के साथ ही जीवन में सुख-समृद्धि लाने के लिए उपयोग की जाती है।
स्फटिक माला के कुछ महत्वपूर्ण लाभ (Sphatik Mala benefits in hindi) निम्नलिखित है-
ज्योतिष शास्त्र के अनुसार, क्रिस्टल माला का उपयोग विशेष रूप से शुक्र ग्रह को प्रसन्न करने और अच्छे भाग्य को आकर्षित करने के लिए किया जाता है। यदि आपकी कुंडली में शुक्र अशुभ फल दे रहा हो, तो स्फटिक माला से शुक्र मंत्र का जाप करना फायदेमंद होता है।
कहा जाता है की स्फटिक माला मन को केंद्रित करने, माइग्रेन(Sphatik Mala for Health) से राहत दिलाने और तनाव को कम करने के लिए एक बेहतरीन विकल्प है। यह माला ब्लड प्रेशर के रोगियों के लिए विशेष रूप से लाभदायक होती है।
देवी आदिशक्ति की उपासना के दौरान स्फटिक माला का विशेष उपयोग किया जाता है। खासकर, स्फटिक माला से मां दुर्गा, मां लक्ष्मी (Sphatik Mala ke faayde) और मां सरस्वती के मंत्रों का जाप करने से जीवन में सकारात्मक प्रभाव आते है।
शास्त्रों में स्फटिक माला को लक्ष्मी जी के सबसे प्रिय आभूषण में से एक माना जाता है। शुक्रवार के दिन क्रिस्टल माला से देवी लक्ष्मी के मंत्र का जाप करने से उनकी विशेष कृपा प्राप्त होती है, जिससे आर्थिक स्थिति में सुधार आता है और वित्तीय समस्याओं का समाधान होता है।
कहा जाता है की स्फटिक माला पहनने से परिवार में मतभेद कम होते हैं और वैवाहिक जीवन में चल रही समस्याएं दूर होती है। जिससे व्यक्ति को स्ट्रेस और तनाव से छुटकारा मिलता है और शांति का अहसास होता है।
स्फटिक माला को शुक्रवार के दिन पहनना सबसे शुभ माना जाता है। इसके लिए शुक्रवार की सुबह जल्दी स्नान करें और फिर माँ लक्ष्मी की पूजा करें। पूजा के दौरान महा लक्ष्मी मंत्र का 108 बार जाप करें: "ॐ श्री ह्रीं क्लीं श्री सिद्ध लक्ष्म्यै नमः"।
इसके बाद, देवी लक्ष्मी का ध्यान करते हुए स्फटिक माला से "पंचवक्त्र: स्वयं रुद्र: कालेग्नर्नाम् नमत्॥" मंत्र का जाप करेऔर फिर माला पहन लें। यदि आप चाहें, तो माला पहनने से पहले किसी ज्योतिषी से सलाह भी ले सकते हैं।
स्फटिक माला पहनने के बाद यहां दिए गए नियमों का पालन करना जरूरी है, नहीं तो फायदे के बजाय नुकसान हो सकते है-
• स्फटिक माला में देवी लक्ष्मी का ही स्वरुप है, इसे साफ और पवित्र रखें।
• क्रिस्टल माला पहनते वक्त शोक स्थान या श्मशान घाट नहीं जाना चाहिए।
• स्फटिक माला से एक ही मंत्र का जाप करें, बार-बार मंत्र बदलने से बचें।
• स्फटिक माला पहनने वाले को मांस, मछली या शराब का सेवन नहीं करना चाहिए।
• अगर आप गले के बजाय हाथ में स्फटिक माला पहनना चाहते हैं, तो इसे हमेशा दाहिने हाथ में ही पहनें।
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