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Mata Sita Story: सीता माता ने हनुमान जी के साथ लंका से लौटने से क्यों कर दिया था मना? जानें ये 3 प्रमुख कारण!

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भारत के सनातनियों के लिए यह खुशी का अवसर आखिरकार आ गया है क्योंकि श्री रामलला अब अपने जन्म स्थान पर विराजमान होंगे। इस समय पूरे भारत में खुशी और उल्लास का समय है और हर कोई श्री रामलला के अभिषेक की तैयारी में लगा हुआ है। नीचे दिए गए लिंक आप वूडन श्री राम मंदिर (Ayodhya Ram Mandir) खरीद सकते है।

Mata Sita Story: सीता माता ने हनुमान जी के साथ लंका से लौटने से क्यों कर दिया था मना? जानें ये 3 प्रमुख कारण!

भगवान श्री राम को सनातन धर्म में सबसे आकर्षक देवताओं में से एक माना जाता है। भारत में शायद ही ऐसा कोई घर हो जहां रामायण पढ़ी व सुनी न जाती हो।ऐसा माना जाता है कि रामायण सुनने मात्र से व्यक्ति का जीवन का उद्धार हो जाता है। ऐसे में यहां जानते हैं रामायण में प्रस्तुत वह कथा जहां सीता माता ने हनुमान जी के साथ लंका से आने से इनकार कर दिया था।

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धर्मग्रंथ कहते हैं कि जब हनुमान जी माता सीता की खोज में लंका पहुंचे तो उन्होंने उनके साथ जाने से इनकार कर दिया। धार्मिक मान्यताओं के अनुसार माता सीता के इंकार के कई कारण हैं। आइए जानते हैं इस प्रसंग से जुड़े महत्त्वपूर्ण तथ्य-

Mata Sita Story: माता सीता ने हनुमान जी के साथ आने से क्यों किया था इंकार?

माता ने किया था पतिव्रत धर्म का पालन

धार्मिक ग्रंथों के अनुसार जब रावण ने सीता माता का अपहरण कर लिया तो उन्हें अशोक वाटिका में रखा गया था। सीता माता को बचाने के लिए हनुमान जी अशोक वाटिका में आए थे, लेकिन सीता माता ने पतिव्रत धर्म का पालन करते हुए उनके साथ जाने से मना कर देती हैं। यदि वह ऐसा करती तो उनकी पवित्रता भंग हो सकती थी।


भगवान राम की अलौकिकता थी सर्वोपरि

शास्त्रों के अनुसार माता सीता द्वारा हनुमान जी के साथ न जाने का एक प्रमुख कारण श्री राम की अलौकिकता के प्रति सम्मान था।। यदि वे हनुमान जी के साथ लंका छोड़ देते तो प्रभु श्री राम कमजोर माने जाते। इसलिए उन्होंने भगवान श्री राम को अवतार लेने और उनकी मर्यादा की रक्षा के उद्देश्य को पूरा करने के लिए यह कदम उठाया।


श्री राम द्वारा होना था रावण का संहार

माता सीता जानती थीं कि रावण का विनाश भगवान राम के हाथों ही होगा। रावण का विनाश करने के लिए ही भगवान विष्णु ने श्रीराम के रूप में जन्म लिया था। ऐसे में अगर उन्होंने हनुमान जी को चुना होता तो श्री राम का लक्ष्य अधूरा रह जाता। रावण के अंत और धर्म की विजय के लिए श्रीराम का लंका आगमन महत्वपूर्ण था। देवी सीता द्वारा हनुमानजी के साथ जाने का एक प्रमुख कारण यह भी था।

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