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Yellow Sapphire Pendant: पीला पुखराज पहनने से मिलती है पैसो की तंगी से निजात, जाने कैसे?

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वैदिक ज्योतिष में 9 मुख्य रत्नों का वर्णन मिलता है, जिनका संबंध नवग्रहों से होता है। इन रत्नों को पहनने से ग्रहों के नकारात्मक प्रभाव को कम किया जा सकता है और कुंडली में कमजोर ग्रहों को मजबूत बनाया जा सकता है। आज हम पुखराज रत्न के बारे में बात करेंगे, जिसे गुरु ग्रह से जोड़ा जाता है। गुरु ग्रह को समृद्धि और वृद्धि का कारक माना जाता है, इसलिए पुखराज (Yellow Sapphire) पहनने से धन और संपत्ति में बढ़ोतरी हो सकती है।

Yellow Sapphire Pendant: पीला पुखराज पहनने से मिलती है पैसो की तंगी से निजात, जाने कैसे?

ज्योतिष के अनुसार, नवग्रहों का अपना-अपना प्रभाव होता है और ये विभिन्न प्रकार के फल प्रदान करते हैं। जब ये ग्रह अपनी स्थिति बदलते हैं, तो इसका असर हमारे जीवन पर पड़ता है। हर ग्रह के लिए विशेष रत्न होते हैं, जो सही राशि और ग्रह के अनुसार पहने जाने पर अनुकूल परिणाम देते हैं। माना जाता है कि रत्न पहनने से जीवन में सुख, समृद्धि, और सफलता के मार्ग खुलते हैं।

इनमें से एक महत्वपूर्ण रत्न है 'पुखराज'। यह पीले रंग का चमकदार रत्न बृहस्पति ग्रह का प्रतिनिधित्व करता है। जिनकी कुंडली में बृहस्पति अनुकूल होता है, उनके लिए पुखराज बहुत शुभ होता है। यदि किसी की कुंडली में बृहस्पति कमजोर या प्रतिकूल है, तो उन्हें भी पुखराज पहनना चाहिए। इसे धारण करने से विवाह में आ रही अड़चनें दूर होती हैं, और धन-संपत्ति तथा मान-सम्मान में वृद्धि होती है।

रत्न बहुत प्रभावशाली होते हैं, इसलिए इन्हें पहनने से पहले पूरी जानकारी होना जरूरी है। आइए जानते हैं पुखराज पहनने के फायदे और इसकी सही विधि:


पुखराज पहनने के नियम व विधि(Rules of wearing Yellow Sapphire)

पुखराज को गुरुवार के दिन पहनना शुभ माना जाता है। इसे सोने की अंगूठी में जड़वाकर, मंत्रोच्चारण के साथ धारण करना चाहिए। अगर आप इसे सही तरीके से पहनते हैं, तो यह रत्न आपके जीवन में सकारात्मक बदलाव ला सकता है।

पुखराज को पहनने के लिए सोने की धातु सबसे अच्छी मानी जाती है। इसके अलावा, आपको इसके वजन पर भी ध्यान देना चाहिए। पांच से सात कैरेट के पुखराज को सोने की अंगूठी में जड़वाकर या लाकेट बनवाकर गले में धारण करना चाहिए। पीला नीलम (Yellow Sapphire) पहनने के लिए गुरुवार और पुष्य नक्षत्र अनुकूल हैं।

पुखराज पहनने से पहले, इसे दूध में और फिर गंगाजल में डुबोएं। इसके बाद, इसे शक्कर और शहद के घोल में भिगोएं। अब बृहस्पतिदेव की पूजा करें। फिर “ॐ ब्रह्मा बृहस्पतये नमः” मंत्र से एक माला जप करें। फिर आप अंगूठी को बृहस्पतिदेव के चरणों में रखें और और फिर इसे पहन ले दें। अपनी तर्जनी उंगली में पुखराज धारण करें।


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पीला पुखराज धारण करने के फायदे(Benefits of Wearing Yellow Sapphire)

• पुखराज बृहस्पति ग्रह का रत्न है, जो ज्ञान और भाग्य का ग्रह माना जाता है। इसे पहनने से आपको कई फायदे हो सकते हैं:

• भाग्य और धन: पुखराज पहनने से आपका भाग्य चमक सकता है और धन की प्राप्ति हो सकती है।

• स्पष्टता और निर्णय: यह रत्न पहनने से आपकी सोच में स्पष्टता आती है और बेहतर निर्णय लेने की क्षमता बढ़ती है।

• विवाह में मदद: अगर विवाह में देरी हो रही है तो पुखराज पहनने से सही साथी मिल सकता है।

• आशावादी दृष्टिकोण: पुखराज आपके नकारात्मक दृष्टिकोण को दूर करता है और आपको उत्साहित और आशावादी बनाता है।

• राशि के अनुसार लाभ: यह मीन और धनु राशि वालों के लिए विशेष रूप से लाभकारी है।

• शिक्षा में प्रगति: अगर आप शिक्षा के क्षेत्र में हैं तो पुखराज आपके लिए बहुत फायदेमंद हो सकता है।

• कानूनी पेशे में: जो लोग कानून और न्याय के क्षेत्र में काम करते हैं, उन्हें पुखराज पहनने से फायदा होता है।

• आध्यात्मिक लाभ: जो लोग धार्मिक या आध्यात्मिक कार्यों में लगे होते हैं, उन्हें भी पुखराज से लाभ होता है।

• स्वास्थ्य लाभ: पुखराज पेट की बीमारियों, कमजोर पाचन तंत्र और पीलिया में मदद कर सकता है।


पहनने से पहले सलाह लें

पुखराज (Yellow Sapphire) पहनने से पहले किसी अच्छे ज्योतिषी या पंडित की सलाह जरूर लें, क्योंकि बिना सलाह के इसे पहनने से नुकसान भी हो सकता है।

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(यहां दी गई जानकारी सामान्य मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है. Dharmsaar इसकी पुष्टि नहीं करता है.)

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