बौद्ध धर्म का पालन करने वाले अनुयायियों के लिए बुद्ध पूर्णिमा (buddha purnima 2023) का यह पर्व बहुत महतवपूर्ण माना जाता है। दुनिया भर के लगभग सभी कोनों में मौजूद बौद्ध संप्रदाय के लोग इस पावन दिन को बड़े उत्साह के साथ मानते है। बुद्ध पूर्णिमा का यह पर्व बौद्ध धर्म के संस्थापक भगवान गौतम बुद्ध के जन्मोत्सव के उपलक्ष्य में मनाया जाता है। आइये जानते है, साल 2023 में बुद्ध पूर्णिमा का यह पर्व किस तारीख को मनाया जाएगा।
वेद पुराणों के अनुसार, गौतम बुद्ध को भगवान विष्णु का नौवां अवतार माना जाता है। यही कारण है की हिन्दू धर्म के लोगों के लिए भी यह दिन बहुत पवित्र माना जाता है। ईसा से 563 साल पहले गौतम बुद्ध का जन्म महारानी महामाया देवी और राजा शुद्धोदन के यहां हुआ था। गौतम बुद्ध को सिद्धांत के नाम से जाना जाता है। कहा जाता है की गौतम बुद्ध के जन्म के कुछ दिनों के बाद ही उनकी माता का देहांत हो गया था, जिसके बाद उनकी मौसी गौतमी ने उनका पालन-पोषण किया था।
हिन्दू कैलेंडर के अनुसार इस साल (2023) बुद्ध पूर्णिमा के दिन ही साल का पहला चन्द्र ग्रहण भी लगने जा रहा है। आइये जानते है, बुद्ध पूर्णिमा की डेट, शुभ मुहूर्त और महत्व।
प्रत्येक वर्ष वैशाख महीने की शुक्ल पूर्णिमा के दिन बुद्ध पूर्णिमा का यह पर्व मनाया जाता है। इस वर्ष, बुद्ध जयंती तिथि भारत और नेपाल में 5 मई 2023 (buddha purnima 2023 date) को पड़ रही है। बुद्ध का जन्म वैसाख उत्सव के एक भाग के रूप में मनाया जाता है, जो उनके जीवन के तीन प्रमुख अवसरों - उनके ज्ञानोदय, जन्म और मृत्यु का प्रतिनिधित्व करता है।
इस साल 2023 में गौतम बुद्ध की 2585 वीं जयन्ती मनाई जाएगी। बुद्ध पूर्णिमा के दिन गौतम बुद्ध के साथ ही भगवान विष्णु, माता लक्ष्मी के साथ चंद्रदेव की पूजा का भी विधान माना जाता है।
बुद्ध पूर्णिमा 2023 के दिन पूजन एवं पूर्णिमा तिथि का प्रारंभ व समापन समय इस प्रकार से है-
पूर्णिमा शुरुआत समय | 4 मई 2023, रात 11: 44 मिनट से |
पूर्णिमा समापन समय | 5 मई 2023,रात 11:03 मिनट तक |
लाभ मुहूर्त | सुबह 07.18 - 08.58 तक |
शुभ मुहूर्त | दोपहर 12.18 - दोपहर तक |
• बुद्ध पूर्णिमा के पावन पर्व को मनाने के पीछे तीन प्रमुख कारण माने जाते है। ऐसा माना जाता है की पूर्णिमा तिथि पर बौद्ध धर्म के संस्थापक गौतम बुद्ध के जीवन में तीन प्रमुख घटनाएँ घटी थी। यह मई में पूर्णिमा के दिन था कि राजकुमार सिद्धार्थ गौतम का जन्म 563 ईसा पूर्व में लुम्बिनी (नेपाल) में हुआ था। उन्होंने मई में पूर्णिमा के दिन भी छह साल की कड़ी मेहनत के बाद बोधि वृक्ष के नीचे ज्ञान प्राप्त किया। 45 वर्षों तक पढ़ाने के बाद, गौतम बुद्ध ने निर्वाण प्राप्त किया, और सभी सांसारिक सुखों का त्याग कर दिया।
• बुद्ध पूर्णिमा के दिन विश्वभर में शामिल समस्त बौद्ध मठों में भगवान बुद्ध के कथन सुनाए जाते है। इसके साथ ही बुद्ध पूर्णिमा के उनके सभी अनुयायी उनका स्मरण करते है और विभिन्न कार्यकर्मों का आयोजन करवाते है। भगवान गौतम बुद्ध ने सदा अपने जीवन में लोगों सत्य क्र मार्ग का अनुसरण करने की शिक्षा दी और पथ पथ लोगों मार्गदर्शन भी किया।
• मान्यता है कि बुद्ध पूर्णिमा के दिन जल का कलश और पकवान दान करने से गाय दान करने के बराबर फल की प्राप्ति होती है।
बुद्ध पूर्णिमा (buddha purnima 2023) एक महत्वपूर्ण बौद्ध त्योहार है, जो गौतम बुद्ध के जन्म, ज्ञान और मृत्यु का दर्शाता है। बौद्ध धर्म का पालन किए जाने वाले देशों में यह दिन भव्य (buddha purnima) रूप से मनाया जाता है। इन भव्य उत्सव में मुख्यतः परेड,रथ यात्रा और सांस्कृतिक कार्यक्रम समिल्लित किये जाते है। बुद्ध पूर्णिमा का यह पर्व भक्तों के लिए प्रार्थना करने, ध्यान लगाने और आशीर्वाद प्राप्त करने के साथ ही बुद्ध की शिक्षाओं का जश्न मनाने का पर्व है।