चतुर्थी व्रत हिन्दू धर्म में बहुत महत्वपूर्ण माना जाता है। यह व्रत भगवान गणेश को समर्पित है, जो सभी बाधाओं को हरने वाले और शुभता के प्रतीक माने जाते हैं। चतुर्थी व्रत दो प्रकार के होते हैं – संकष्टी चतुर्थी 2024 और विनायक चतुर्थी 2024। संकष्टी चतुर्थी का व्रत कृष्ण पक्ष में और विनायक चतुर्थी का व्रत शुक्ल पक्ष में रखा जाता है।
चतुर्थी व्रत (Chaturthi Vrat 2024) का पालन करने से भगवान गणेश की कृपा प्राप्त होती है। यह व्रत करने से सभी प्रकार की बाधाएं और समस्याएं दूर होती हैं। गणेश जी को विघ्नहर्ता माना जाता है, जो भक्तों के सभी दुखों को हरते हैं और जीवन में सुख-शांति प्रदान करते हैं। आइए जानते है इस महीने कब रखा जाएगा चतुर्थी व्रत, इस व्रत को करने की पूजा विधि और इसके महत्व के बारे में
हिंदू कैलेंडर के प्रत्येक चंद्र महीने में चंद्रमा के उज्ज्वल और अंधेरे आधे का चौथा दिन 'चतुर्थी तिथि' है - चतुर्थी व्रत का पालन करने का दिन। यह दिन भगवान गणेश (Ganpati) को समर्पित है और आमतौर पर केवल पुरुष ही इसका पालन करते हैं।
हिंदू कैलेंडर के प्रत्येक चंद्र महीने में चंद्रमा के उज्ज्वल और अंधेरे आधे का चौथा दिन 'चतुर्थी तिथि' है - चतुर्थी व्रत का पालन करने का दिन। यह दिन भगवान गणेश (Ganpati) को समर्पित है और आमतौर पर केवल पुरुष ही इसका पालन करते हैं।
शुक्ल पक्ष की चतुर्थी को विनायक चतुर्थी (पूर्णिमा के बाद) और कृष्ण पक्ष की चतुर्थी को संकष्टी चतुर्थी के रूप में मनाया जाता है जो इसी महीने 24 जुलाई को पड़ेगी। इस महीने चतुर्थी व्रत (Chaturthi Vrat Date 2024) 8 अगस्त, गुरुवार को रखा जाएगा
चतुर्थी तिथि प्रारंभ: 07 अगस्त, रात 10:06 बजे से
चतुर्थी तिथि समाप्ति: 09 अगस्त, सुबह 12:37 बजे तक
चतुर्थी चंद्रोदय: 08 अगस्त, सुबह 9:05 बजे से
चतुर्थी चंद्रास्त: 08 अगस्त, रात 9:26 बजे तक
व्रत का संकल्प: व्रत के दिन सुबह स्नान कर शुद्ध वस्त्र धारण करें और व्रत का संकल्प लें। भगवान गणेश का ध्यान करें और उन्हें विघ्नहर्ता के रूप में पूजें।
पूजन की तैयारी: भगवान गणेश की प्रतिमा या चित्र को साफ और पवित्र स्थान पर स्थापित करें। पूजा की थाली में धूप, दीप, चंदन, फूल, दूर्वा, लड्डू और मोदक रखें।
पूजा विधि:
सबसे पहले भगवान गणेश को धूप और दीप दिखाएं।
चंदन और कुमकुम से तिलक करें।
दूर्वा अर्पित करें। दूर्वा गणेश जी को बहुत प्रिय होती है।
फूल और माला अर्पित करें।
लड्डू और मोदक का भोग लगाएं।
भगवान गणेश के नामों का 108 बार जाप करें।
गणेश आरती करें और प्रसाद बांटें।
व्रत का पालन: व्रतधारी दिनभर निराहार रहते हैं या केवल फलाहार करते हैं। व्रत के दौरान भगवान गणेश की कहानियां और भजन सुनना बहुत ही शुभ माना जाता है।
चंद्र दर्शन: विनायक चतुर्थी (Chaturthi Vrat 2024) के दिन चंद्र दर्शन का भी विशेष महत्व है। चंद्रमा के दर्शन के बाद व्रत खोला जाता है। चंद्रमा को अर्घ्य देने के बाद ही भोजन ग्रहण करें।
सभी बाधाओं का निवारण: भगवान गणेश की कृपा से जीवन की सभी बाधाएं और समस्याएं दूर होती हैं।
धन और समृद्धि: गणेश जी को धन और समृद्धि का देवता माना जाता है। उनकी पूजा से घर में सुख-समृद्धि बनी रहती है।
स्वास्थ्य: गणेश जी की पूजा करने से स्वास्थ्य संबंधित समस्याएं भी दूर होती हैं।
मानसिक शांति: गणेश जी की पूजा से मानसिक शांति और आत्मबल की प्राप्ति होती है।
चतुर्थी व्रत 2024 (Chaturthi Vrat 2024) के दौरान इन विधियों और तिथियों के आधार पर व्रत का पालन करके आप भगवान गणेश की कृपा प्राप्त कर सकते हैं और अपने जीवन की सभी बाधाओं को दूर कर सकते हैं। भगवान गणेश की पूजा से आपके जीवन में सुख, शांति और समृद्धि बनी रहे।
(यहां दी गई जानकारी सामान्य मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है. Dharmsaar इसकी पुष्टि नहीं करता है.)