दीप और रोशनी के पर्व दीपावली के बाद अब देशभर में देव दिवाली की तैयारी जोर-शोर से चल रही है। कई जगह इसे त्रिपुरोत्सव के नाम से भी जाना जाता है। मान्यता है कि इसी दिन भगवान शिव ने त्रिपुरासुर नामक राक्षस का संहार किया था। वाराणसी में इस त्योहार की विशेष रौनक देखने को मिलती है। इस दिन गंगा घाटों पर हजारों दीये जलते हैं। पूरा शहर दीपों की रौशनी में नहाया नजर आता है। देश ही नहीं बल्कि दुनियाभर से लोग देव दिवाली के समय यहां पहुंचते है।
आइए जानते हैं, इस साल देव दिवाली (Dev Diwali 2025 Date) कब मनाई जाएगी। साथ ही जानेंगे शुभ मुहूर्त और इस पावन पर्व से जुड़ी कुछ खास अनुष्ठान-
हर साल कार्तिक माह की शुक्ल पूर्णिमा को देव दीपावली (Dev Diwali 2025) मनाई जाती है। यह त्योहार खास तौर पर वाराणसी में मनाया जाता है। कहा जाता है, इस दिन देवी-देवता स्वयं वाराणसी आते हैं और आशीर्वाद प्रदान करते है।
पंचांग के अनुसार, इस साल देव दिवाली 2025 तिथि, बुधवार 5 नवंबर, 2025 (Dev Diwali 2025 Date) को बताई जा रही है। इस तिथि का शुरुआत व समापन समय इस प्रकार है-
| देव दिवाली तिथि 2022 | 7 नवंबर 2022 |
| देव दिवाली का प्रांरभ समय | 7 नवंबर 2022 शाम 4 बजकर 15 मिनट से |
| देव दिवाली का समापन समय | 8 नवंबर 2022 शाम 4 बजकर 31 मिनट तक |
सुबह 06:36 से 07:58 तक
सुबह 07:58 से 09:20 तक
सुबह 10:42 से दोपहर 12:04 तक
1. देव दिवाली के दिन दीप दान का खास महत्व होता है। माना जाता है कि इस दिन देवी-देवताओं ने भी दीप जलाए थे। इसी कारण इस दिन दीप दान को शुभ माना गया है।
2. भक्त इस दिन 11 दीपदान करते हैं। गंगा स्नान का भी इस दिन बड़ा महत्व है। कहा जाता है गंगा स्नान और दीप दान से सारे दुख दूर हो जाते हैं।
3. इस दिन पवित्र नदियों के किनारे दीप दान करना बहुत पुण्यकारी माना जाता है। इससे जीवन में सुख और शांति आती है।
4. दीपदान के बाद गुरु या ब्राह्मण के घर दीप जलाना शुभ होता है। ऐसा करने से ज्ञान और सौभाग्य की प्राप्ति होती है।
5. पूर्णिमा के दिन पीपल के पेड़ के नीचे दीप जलाना भी बहुत मंगलकारी है। यह सरल उपाय सभी बाधाओं को दूर करने वाला बताया गया है।
अगर आप भी देव दिवाली के दौरान वाराणसी के इस भव्य आयोजन का हिस्सा बनने जा रहे हैं, तो यहां दी गई बातों का ध्यान रखें-
गंगा घाटो पर भीड़ बहुत जल्दी बढ़ जाती है। खासतौर पर दशाश्वमेध और अस्सी घाट जैसे प्रसिद्ध स्थान शाम श्रद्धलुओं से भरें रहते हैं। इसलिए सूर्यास्त से कुछ घंटे पहले पहुंचे।
त्योहार के दिनों में होटल जल्दी फुल हो जाते हैं। इसलिए 4 से 6 हफ्ते पहले बुकिंग करा लें। इससे आपको उचित दर पर आरामदायक ठहरने की जगह मिल जाएगी।
त्योहार के समय कड़ी चेकिंग होती है और भीड़ ज़्यादा रहती है। साथ में केवल ज़रूरी चीज़ें रखें। जैसे फ़ोन, पहचान पत्र, बटुआ, पानी की बोतल और एक छोटा पावर बैंक। कीमती सामान ले जाने से बचें।
डाउनलोड ऐप