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सूर्य के एक राशि से दूसरी राशि में परिवर्तन को संक्रांति कहा जाता है। इस प्रकार सूर्य के धनु राशि में प्रवेश को धनु संक्रांति के नाम से जाना जाता है। हिंदू कैलेंडर के अनुसार पौष माह की संक्रांति को धनु संक्रांति के नाम से जाना जाता है।
ज्योतिष शास्त्र के अनुसार इस दिन सूर्य वृश्चिक राशि से धनु राशि में प्रवेश करता है। ऐसा माना जाता है कि जिस समय सूर्य बृहस्पति (गुरु), धनु या मीन राशि में होता है उसे खरमास कहा जाता है। हिंदू धर्म के अनुसार इस दौरान शुभ अवसरों जैसे विवाह, यज्ञोपवीत, गृहप्रवेश और अन्य प्रकार के समारोहों में परंपराओं का पालन नहीं करना चाहिए।
आइये जानते है,साल 2023 में धनु सक्रांति तिथि, महत्व , शुभ समय व इस दिन जुड़ें कुछ महत्वपूर्ण अनुष्ठान-
इस साल, शनिवार 16 दिसंबर 2023 (Dhanu Sankranti date 2023) का यह पर्व मनाया जाएगा। इस दिन विधि-विधान से भगवान सूर्यदेव की पूजा करने से मान सम्मान में वृद्धि होती है. साथ ही, अनेक शुभ फल भी प्रदान होते है। संक्रांति के दिन दान को उच्च प्राथमिकता दी जाती है।
संक्रांति क्षण 16 दिसंबर 2023 - शाम 4:00 बजे (प्रांरभ)
धनु संक्रांति पुण्य काल मुहूर्त-शाम 04:09 बजे से शाम 06:04 बजे तक
अवधि - 01 घंटा 54 मिनट
धनु संक्रांति महा पुण्य काल - शाम 04:09 बजे से शाम 05:59 बजे तक
अवधि - 01 घंटा 50 मिनट
• ऐसा कहा जाता है कि जब तक सूर्य मकर राशि में नहीं आ जाता तब तक आपको कोई भी शुभ कार्य नहीं करना चाहिए। हिन्दू पंचाग में इसे पौष माह या खरमास भी कहा जाता है। इस महीने की संक्रांति के दिनों में पवित्र नदियों, घाटों और झीलों में गोता लगाने का बहुत महत्व है।
• पौष संक्रांति के दिन भक्त नदी तट पर स्नान करते हैं और सूर्य को जल चढ़ाते हैं। ऐसा माना जाता है कि इनसे लोगों को शांति मिलती है और वे पवित्र हो जाते हैं। इसके अलावा बुद्धि और विवेक की प्राप्ति के लिए भी इस दिन भगवान सूर्य की पूजा करना बहुत जरूरी है। इस दिन भगवान को मीठे पकवानों का भोग लगाया जाता है।
हिंदू पौराणिक कथाओं के अनुसार धनु संक्रांति (Dhanu Sankranti 2023) एक शुभ दिन है जब सूर्य धनु राशि में प्रवेश करता है। इस दिन को उड़ीसा राज्य में विशेष महत्व है, जहां इसे बड़े उत्साह से मनाया जाता है। धनुर मास की शुरुआत में भगवान जगन्नाथ को विशेष रूप से पूजा जाता है।
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